पोंटिंग का डबल, गांगुली और रोहित का जलवा : एक विश्व कप में सबसे ज़्यादा लगातार जीत का सिलसिला
लगातार नौ जीत के बाद 2003 और 2007 के ऑस्ट्रेलिया के ठीक पीछे रोहित की टीम का नाम आ चुका है
देबायन सेन
11-Nov-2023

2007 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दूसरे विश्व कप में 11 मैच जीते • Getty Images
रविवार को भारत ने 2023 विश्व कप आख़िरी लीग मुक़ाबले में नीदरलैंड्स के ख़िलाफ़ बेंगलुरु में मैदान पर अपने अंतिम लीग मैच को जीत लिया। इस तरह भारतीय टीम एक विश्व कप में सभी भाग लेने वाली टीमों को हराने वाली पहली टीम बन गई है। इससे पहले 1992 विश्व कप में न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान को छोड़कर सभी भाग लेने वाली टीमों को हराया था।
अब रोहित शर्मा की टीम को 15 नवंबर को मुंबई में न्यूज़ीलैंड का सामना करना होगा और अगर वह मैच जीते तो 19 नवंबर को उन्हें अहमदाबाद में चौथी बार वनडे विश्व कप फ़ाइनल खेलने का अवसर प्राप्त होगा।
भारत इस टूर्नामेंट में अब तक इकलौती अविजित टीम है और साथ ही अपने इतिहास में संयुक्त रूप से किसी एक टूर्नामेंट में लगातार जीतों के सिलसिले में भी सबसे आगे है। आईए पुरुष विश्व कप में सबसे बेहतरीन विनिंग स्ट्रीक पर नज़र डालते हैं।
पोंटिंग के धुरंधर (2003)
2003 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया गत विजेता था और पहली बार विश्व कप में कप्तानी 1996 और 1999 में खिलाड़ी रह चुके रिकी पोंटिंग कर रहे थे। टूर्नामेंट से पहले शेन वॉर्न को अवैध दवाई लेने के आरोप में एक साल के लिए निलंबित किया गया।
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पाकिस्तान के ख़िलाफ़ पहले मुक़ाबले में ऑस्ट्रेलिया के पहले तीन विकेट 52 के स्कोर पर गिर चुके थे, लेकिन वहां से ऐंड्र्यू साइमंड्स ने 143 रनों की नाबाद पारी खेली और टीम को 310 के स्कोर तक पहुंचाया। इस मैच को जीतने के बाद टीम ने भारत को रौंदा और अपने आख़िरी ग्रुप मैच में इंग्लैंड के विरुद्ध ऐंडी बिकेल ने पहले 20 रन देकर सात विकेट निकाले और फिर विपरीत परिस्थिति में 34 रनों की नाबाद पारी खेलते हुए टीम को जीत दिलाई।
यहां से गतिशीलता को बरक़रार रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सुपर सिक्स में अपने तीनों मैच जीते, सेमीफ़ाइनल में एक धीमी पिच पर श्रीलंकाई स्पिनरों के विरुद्ध साइमंड्स ने फिर निर्णायक पारी खेली। आख़िरकार तीसरे विश्व कप ख़िताब पर मुहर लगाने में पोंटिंग ने ख़ुद फ़ाइनल में 140 रनों की शानदार पारी खेली। इस तरह से पहली बार पुरुष विश्व कप इतिहास में किसी टीम ने लगातार 11 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
यहां से गतिशीलता को बरक़रार रखते हुए ऑस्ट्रेलिया ने सुपर सिक्स में अपने तीनों मैच जीते, सेमीफ़ाइनल में एक धीमी पिच पर श्रीलंकाई स्पिनरों के विरुद्ध साइमंड्स ने फिर निर्णायक पारी खेली। आख़िरकार तीसरे विश्व कप ख़िताब पर मुहर लगाने में पोंटिंग ने ख़ुद फ़ाइनल में 140 रनों की शानदार पारी खेली। इस तरह से पहली बार पुरुष विश्व कप इतिहास में किसी टीम ने लगातार 11 मैच जीतने का रिकॉर्ड बनाया।
2003 विश्व कप जीत में ऐंड्र्यू साइमंड्स ने अहम भूमिका निभाई थी•Getty Images
फिर एक बार, पोंटिंग का हाहाकार (2007)
चार साल बाद ऑस्ट्रेलिया के काफ़ी दिग्गज संन्यास ले चुके थे, हालांकि पोंटिंग के साथ मैथ्यू हेडन, ऐडम गिलक्रिस्ट और ग्लेन मैक्ग्रा जैसे कई लेजेंड टीम में थे। ग्रुप पड़ाव में स्कॉटलैंड और नीदरलैंड्स को आसानी से परास्त करने के बाद साउथ अफ़्रीका के विरुद्ध हेडन के शतक के बदौलत टीम ने 377 रन बनाए, लेकिन विरोधी टीम ने भी जवाब में 294 रन बनाकर अपनी दावेदारी को दर्शाया।
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के टूर्नामेंट के बाहर होने के बाद खेले गए सुपर 8 पड़ाव में ऑस्ट्रेलिया ने अपने छह मुक़ाबले इतने आसानी से जीते कि जीत का सबसे छोटा मार्जिन या तो सात विकेट का रहा या 103 रनों का। सेमीफ़ाइनल में अति आक्रामक होने के चक्कर में साउथ अफ़्रीका 149 पर ऑल आउट हो गया। फ़ाइनल में तब तक शांत चल रहे गिलक्रिस्ट ने अपने कोच की सलाह पर ग्लव्स में स्क्वॉश गेंद को रखकर 149 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया फिर से लगातार 11 मैच जीतकर विश्व कप जीता। हेडन (659 रन) और मैक्ग्रा (26 विकेट) इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक प्रदर्शनकर्ता रहे।
इसके बाद भारत और पाकिस्तान के टूर्नामेंट के बाहर होने के बाद खेले गए सुपर 8 पड़ाव में ऑस्ट्रेलिया ने अपने छह मुक़ाबले इतने आसानी से जीते कि जीत का सबसे छोटा मार्जिन या तो सात विकेट का रहा या 103 रनों का। सेमीफ़ाइनल में अति आक्रामक होने के चक्कर में साउथ अफ़्रीका 149 पर ऑल आउट हो गया। फ़ाइनल में तब तक शांत चल रहे गिलक्रिस्ट ने अपने कोच की सलाह पर ग्लव्स में स्क्वॉश गेंद को रखकर 149 रन बनाए और ऑस्ट्रेलिया फिर से लगातार 11 मैच जीतकर विश्व कप जीता। हेडन (659 रन) और मैक्ग्रा (26 विकेट) इस टूर्नामेंट में सर्वाधिक प्रदर्शनकर्ता रहे।
रोहित शर्मा और जीत का जश्न (2023*)
इस साल के अभियान को हम तीसरे नंबर पर रखते हैं क्योंकि यह वर्तमान में है और बेंगलुरु में कोई बड़ा उलटफेर (या मौसम का खेल) नहीं होता, तो रोहित शर्मा की टीम ऑस्ट्रेलिया के दोनों अभियानों के बाद एक टूर्नामेंट में नौ लगातार जीत हासिल करने वाली पहली टीम बनेगी।
शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के साथ काफ़ी कठिन थी, ख़ासकर जब भारत जवाब में दो रन पर तीन विकेट गंवा चुका था। लेकिन वहां से विराट कोहली और के एल राहुल ने जीत की चिंगारी भड़काई, जो आगे चलते हुए सारी टीमों के लिए काफ़ी ख़ौफ़नाक साबित हुई है। न्यूज़ीलैंड से ज़रूर कड़ा मुक़ाबला मिला लेकिन कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को आगे रखा है।
गेंदबाज़ों की भूमिका भी कम नहीं है। मोहम्मद शमी तो टूर्नामेंट में देर से शामिल हुए लेकिन आने के बाद उन्होंने सात के अविश्वसनीय औसत पर 16 विकेट झटकते हुए भारत के लिए विश्व कप का सर्वकालिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के साथ काफ़ी कठिन थी, ख़ासकर जब भारत जवाब में दो रन पर तीन विकेट गंवा चुका था। लेकिन वहां से विराट कोहली और के एल राहुल ने जीत की चिंगारी भड़काई, जो आगे चलते हुए सारी टीमों के लिए काफ़ी ख़ौफ़नाक साबित हुई है। न्यूज़ीलैंड से ज़रूर कड़ा मुक़ाबला मिला लेकिन कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने ज़बरदस्त बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को आगे रखा है।
गेंदबाज़ों की भूमिका भी कम नहीं है। मोहम्मद शमी तो टूर्नामेंट में देर से शामिल हुए लेकिन आने के बाद उन्होंने सात के अविश्वसनीय औसत पर 16 विकेट झटकते हुए भारत के लिए विश्व कप का सर्वकालिक विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
जब न्यूज़ीलैंड पहुंचे टाइटल के क़रीब (2015)
1992 में सह-मेज़बानी करते हुए न्यूज़ीलैंड ने लगातार सात मैच जीता, जिनमें ऑस्ट्रेलिया पर सफलता काफ़ी उल्लेखनीय रही, लेकिन आख़िरी लीग मैच में पाकिस्तान से हारा। सेमीफ़ाइनल में भी परिणाम यही रहा और कप्तान मार्टिन क्रो का अपने घर पर सेमीफ़ाइनल जीतकर मेलबर्न में फ़ाइनल खेलने का सपना, सपना ही रहा।
इसके 23 साल बाद ब्रेंडन मक्कलम ने अपनी टीम को निर्भय अंदाज़ में क्रिकेट खेलने की प्रेरणा दी और टीम ने ज़बरदस्त तरीक़े से इसे अपनाया। ग्रुप स्टेज के छह मैच जीते गए, हालांकि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक क़रीबी मैच में उन्होंने नौ विकेट गंवाए।
क्वार्टरफ़ाइनल में जब मार्टिन गप्टिल ने 237 नाबाद की पारी खेली और फिर सेमीफ़ाइनल में आख़िरी ओवर में ग्रांट एलियट ने छक्का लगाकर डेल स्टेन और साउथ अफ़्रीका के सपनों पर पानी फेर दिया।
फ़ाइनल में अति आक्रामक खेल के चक्कर में न्यूज़ीलैंड फ़ाइनल हार गया लेकिन इस विश्व कप में उन्होंने आठ लगातार जीत का कीर्तिमान बनाया।
इसके 23 साल बाद ब्रेंडन मक्कलम ने अपनी टीम को निर्भय अंदाज़ में क्रिकेट खेलने की प्रेरणा दी और टीम ने ज़बरदस्त तरीक़े से इसे अपनाया। ग्रुप स्टेज के छह मैच जीते गए, हालांकि ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ एक क़रीबी मैच में उन्होंने नौ विकेट गंवाए।
क्वार्टरफ़ाइनल में जब मार्टिन गप्टिल ने 237 नाबाद की पारी खेली और फिर सेमीफ़ाइनल में आख़िरी ओवर में ग्रांट एलियट ने छक्का लगाकर डेल स्टेन और साउथ अफ़्रीका के सपनों पर पानी फेर दिया।
फ़ाइनल में अति आक्रामक खेल के चक्कर में न्यूज़ीलैंड फ़ाइनल हार गया लेकिन इस विश्व कप में उन्होंने आठ लगातार जीत का कीर्तिमान बनाया।
दादा का वादा (2003)
भारत के 2003 विश्व कप अभियान के दौरान सचिन तेंदुलकर ज़बरदस्त फ़ॉर्म में थे•AFP
2003 विश्व कप में ही भारत ने लगातार आठ मैच जीता। पार्ल में नीदरलैंड्स को हराकर सौरव गांगुली का भारत ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध 125 पर सिमट गया। इसके बाद टीम ने एक जुट होकर 'नाउ और नेवर' ('अभी नहीं तो कभी नहीं') का नारा अपनाया। टर्निंग प्वॉइंट इंग्लैंड के ऊपर बड़ी जीत में आया, जहां से जवागल श्रीनाथ, ज़हीर ख़ान और आशीष नेहरा की पेस तिकड़ी आग उगलने लगे। सुपर सिक्स में श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड को करारी हार दिलाते हुए भारत ने सरप्राइज़ सेमीफ़ाइनलिस्ट केन्या के अभियान को भी ख़त्म किया। फ़ाइनल में टीम हारी ज़रूर लेकिन 2003 के आठ लगातार जीतों को आज भी भारतीय समर्थक काफ़ी संतोष के साथ याद करते हैं। सचिन तेंदुलकर ने इस विश्व कप संस्करण में 673 रन बनाए और टूर्नामेंट के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित हुए।
देबायन सेन ESPNcricinfo में सीनियर सहायक एडिटर और स्थानीय भाषा प्रमुख हैं @debayansen