मुकेश चौधरी का भीलवाड़ा से चेन्नई सुपर किंग्स तक का सफर
मुकेश को पूरा भरोसा था कि धोनी उन्हें इस सीज़न अपनी टीम में शामिल कर लेंगे
शशांक किशोर
04-May-2022
आईपीएल 2022 में मुकेश चौधरी ने अब तक आठ मैचों में 11 विकेट लिया है। • PTI
एक मई को गोपाल चौधरी और प्रेमबाई चौधरी ने अपने बेटे मुकेश को क्रिकेट खेलते हुए देखने के लिए महाराष्ट्र के यवतमाल से पुणे तक की यात्रा की। यह दूरी तक़रीबन 500 किलोमीटर से अधिक की है। स्टेडियम में उन्हें प्रीमियम सीट पर बैठाया गया। साथ ही उनकी ख़ातिरदारी काफ़ी अच्छे तरीके से की गई। यह सब उनके लिए पहली बार था। मुकेश ने उस मैच में चार विकेट लिया। चेन्नई की टीम के लिए प्लेऑफ़ की दौड़ में बने रहने के लिए यह जीत दर्ज करना अनिवार्य था। इसके बाद मुकेश के अभिवाहक ख़ुशी-ख़ुशी स्टेडियम से बाहर चले गए।
गोपाल कहते हैं, ''उसे लाइव खेलते देखना और इतना अच्छा प्रदर्शन करते देखना अद्भुत अहसास था। मैंने पहले उसे केवल इंटरनेट पर लाइव देखा था। लखनऊ में मुश्ताक अली टॉफ़ी (पिछले नवंबर) से पहले, मुकेश ने फोन किया और हमें हॉटस्टार की सदस्यता लेने के लिए कहा ताकि हम उसे टीवी पर खेलते हुए देख सकें। हालांकि उसे सामने से खेलते हुए देखने का अनुभव कुछ अलग ही था।"
इस मैच को देखने के बाद गोपाल ने उस समय को याद किया जब उनके छोटे बेटे 13 साल की उम्र में अपने बड़े भाई के साथ जयपुर से पुणे के सिंहगढ़ इंस्टीट्यूट में पढ़ने के लिए चले गए थे। गोपाल कहते हैं, "उन्हें हमेशा क्रिकेट पसंद था, लेकिन वह मुख्य रूप से पढ़ाई के लिए वहां गए थे।"
परिवार के किसी सदस्य का पेशेवर स्तर खेल से कोई दूर-दूर का नाता नहीं था। गोपाल काम के लिए 1980 के दशक के मध्य में महाराष्ट्र के यवतमाल चले गए थे, लेकिन अपने बेटों उन्होंने राजस्थान के भीलवाड़ा में छोड़ दिया था, जहां वे अपने नाना-नानी के घर के पास ही स्थित एक छात्रावास में पले-बढ़े। उस समय भीलवाड़ा में सिर्फ़ एक बहुउद्देश्यीय मैदान था, जो क्रिकेट मैचों की तुलना में अधिक बार अलग-अलग कार्यक्रमों की मेज़बानी करता था।
यह 2015 के आसपास का समय था, जब वह पहली बार हमारी अकादमी में आए थे। उनके पास ज़्यादा गति नहीं थी, लेकिन कुछ ऐसे कौशल थे जिसके साथ हम काम कर सकते थे: सुरेंद्र भावे (मुकेश चौधरी के कोच)•BCCI
मुकेश के क्रिकेट कौशल पुणे में उभर कर सामने आए । उनके एक दोस्त, जो एक क्लब क्रिकेटर थे,उन्होंने उन्हें पुणे के लॉ कॉलेज के मैदान में एक लीग गेम में गेंदबाज़ी करते हुए देखा और सुझाव दिया कि वह 22 यार्ड क्रिकेट अकादमी में प्रशिक्षण लें। इस अकादमी की स्थापना महाराष्ट्र के पूर्व कप्तान और राष्ट्रीय चयनकर्ता सुरेंद्र भावे ने की थी।
अकादमी में मुकेश पर महाराष्ट्र के कई वरिष्ठ खिलाड़ियों की नज़र पड़ी, जिसमें केदार जाधव, राहुल त्रिपाठी, स्वप्निल गुगले और महाराष्ट्र के वर्तमान कप्तान अंकित बावने जैसे खिलाड़ी भी शामिल थे। वे ऑफ़ सीज़न के दौरान वहां प्रशिक्षण लेने आते थे।
22 यार्ड के मुख्य कोच राजेश माहुरकर कहते हैं, "यह 2015 के आसपास का समय था, जब वह पहली बार हमारी अकादमी में आए थे। उनके पास ज़्यादा गति नहीं थी, लेकिन कुछ ऐसे कौशल थे जिसके साथ हम काम कर सकते थे। हमने भांप लिया था कि इस खिलाड़ी में प्रतिभा है और इसके साथ काम कर सकते हैं।"
"हमने उनके एक्शन, फ़िटनेस और गति पर काम किया। बारिश हो या धूप, वह बहुत समय का पाबंद था। वह प्रशिक्षण के लिए कभी देर से नहीं आता था।"
" हमने उसे एक सक्षम गेंदबाज बनने के लिए रास्ता तो दिखा दिया था, लेकिन हमारे सामने अगली चुनौती यह थी कि हम उसे ज़्यादा से ज़्यादा मैचों में खेलने का मौक़ा कैसे दें।"
"वह अकादमी में आएगा, चुपचाप ट्रेनिंग लेगा, अपनी सारी कवायद(ड्रिल) करेगा, हमसे कुछ बात करेगा जो वह आने वाले सप्ताह में काम करना चाहता है। आप उसे निष्क्रिय नहीं देखेंगे। वह ऐसा ही है। अगर वह अपनी गेंदबाज़ी के बारे में एक पहलू से खु़श है तो अगले पर काम करेगा।"सुरेंद्र भावे
महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के इंविटेशनल टूर्नामेंट में हमारी एक टीम को मैदान में उतारने के लिए योग्य नहीं थी। इस टूर्नामेंट में राज्य के शीर्ष क्लब शामिल होते थे। राज्य चयनकर्ताओं के लिए आयु समूहों और प्रथम श्रेणी क्रिकेट के लिए टीमों को चुनने के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय था।
माहुरकर कहते हैं, ''उनके एक दोस्त, जो प्रवीण तांबे को जानते थे, उन्होंने एक कॉर्पोरेट टीम खोजने में उनकी मदद की, जिसके लिए वह खेल सकते थे। इसके बाद एक मैच में उन्होंने पांच विकेट लिए और सुर्ख़ियों में आ गए।"
2017 में मुकेश ने रेडबुल कैंपस क्रिकेट टूर्नामेंट में अपनी गति और सटीकता से सबको प्रभावित किया। इस टूर्नामेंट में वह एमएमसीसी कॉलेज की टीम से खेल रहे थे। उनकी टीम के साथियों में एक आगामी बल्लेबाज़ ऋतुराज गायकवाड़ थे, जिन्होंने 2021 में चेन्नई के लिए मुकेश को नेट गेंदबाज़ के रूप में टीम में शामिल करने का सुझाव दिया।
तब तक मुकेश आईपीएल में सनराइज़र्स हैदराबाद और मुंबई इंडियंस के लिए नेट्स में गेंदबाज़ी कर चुके थे। साल 2016 में वह चेन्नई के एमआरएफ पेस अकादमी में शामिल हुए। जहां उन्होंने दो साल का समय बिताया। वहां उन्होंने मुख्य कोच एम सेंथिल नाथन के साथ रहते हुए प्रशिक्षण लिया। एम सेंथिल नाथन दो दशकों से अधिक समय से अकादमी से जुड़े हुए हैं। साथ ही डेनिस लिली और ग्लेन मैकग्राथ के साथ काम कर चुके हैं।
इस साल की आईपीएल नीलामी से पहले मुकेश काफ़ी आश्वस्त थे कि उन्हें संभवत: चेन्नई की टीम मौक़ा देगी।•BCCI
एमआरएफ में अपने समय के दौरान, मुकेश जब भी संभव हो अपने शुरुआती कोच के साथ काम करने के लिए पुणे लौट आते थे।, हालांकि उन्हें एक ऐसा क्लब खोजने की ज़रूरत थी, जिसके साथ रहते हुए वह एमसीए इंविटेशनल जैसे टूर्नामेंट में भाग ले सके।
महाराष्ट्र के पूर्व क्रिकेटर हर्षल पाठक, जो अब थाईलैंड की महिला राष्ट्रीय टीम के कोच हैं, ने मुकेश को एमआरएफ अकादमी में अपने पहले कार्यकाल से लौटने के तुरंत बाद, पुणे के शीर्ष क्लबों में से एक, ताल अकादमी के लिए अनुबंधित किया। एक साल बाद त्रिपाठी की सिफ़ारिश पर मुकेश महाराष्ट्र के पूर्व क्रिकेटर सत्यजीत सतभाई के तहत प्रशिक्षण लेने के लिए शहर के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित क्लब डेक्कन ज़िमखाना चले गए।
डेक्कन के साथ खेलते हुए मुकेश ने काफ़ी प्रभावशाली प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्हें उसी वर्ष महाराष्ट्र अंडर -23 टीम और सीनियर रणजी टीम में शामिल कर लिया गया। उन्होंने नवंबर 2017 में प्रथम श्रेणी में पदार्पण किया, और अब 25 साल की उम्र में महाराष्ट्र के फ्रंट लाइन सीम गेंदबाज़ हैं।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चेन्नई की टीम ने कुछ एक ख़राब प्रदर्शनों के बावजूद भी उसका समर्थन किया है। वह एक त्वरित सीखने वाला, लगातार और एक ईमानदार कोशिश करने खिलाड़ी वाला है।अंकित बावने
अंकित बावने कहते हैं, "मुकेश उस स्तर पर है जहां वह अब असुरक्षित नहीं है। वह जानता है कि वह एक नियमित खिलाड़ी है। वह एक ऐसा गेंदबाज़ है जिसे कप्तान कभी भी गेंद थमा सकता हैं, यह सोचे बिना कि वह तैयार है या नहीं। मुझे उड़ीसा के ख़िलाफ़ एक मैच याद है, जिसे जीतना काफ़ी ज़रूरी था। सिर्फ़ एक सत्र बाक़ी था और हमें छह विकेट लेने थे और फिर एक छोटे से स्कोर का पीछा करना था।"
"उन्होंने लगातार दस से 12 ओवर फेंके, चार विकेट लिए और हमने मैच जीत लिया।"
" यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चेन्नई की टीम ने कुछ एक ख़राब प्रदर्शनों के बावजूद भी उसका समर्थन किया है। वह एक त्वरित सीखने वाला, लगातार और एक ईमानदार कोशिश करने खिलाड़ी वाला है ।"
पुणे में हर कोई मुकेश को शर्मीला, विनम्र और सरल स्वभाव का बताता है। माहुरकर, जो शायद उन्हें सबसे बेहतर जानते हैं, उनके अनुशासन और काम करने की नैतिकता के बारे में बहुत कुछ कहते हैं।
"आप उसे कभी किसी के बारे में कानाफूसी करते हुए नहीं देखेंगे। दिन में वह अधिकतम एक से दो घंटे शायद ही मोबाइल फोन का उपयोग करते हैं। कोई व्हाट्सएप नहीं, कोई फेसबुक नहीं। अगर उसे संवाद करना है, तो वह सिर्फ़ कॉल करना पसंद करेगा।"
"वह अकादमी में आएगा, चुपचाप ट्रेनिंग लेगा, अपनी सारी कवायद(ड्रिल) करेगा, हमसे कुछ बात करेगा जो वह आने वाले सप्ताह में काम करना चाहता है। आप उसे निष्क्रिय नहीं देखेंगे। वह ऐसा ही है। अगर वह अपनी गेंदबाज़ी के बारे में एक पहलू से खु़श है तो अगले पर काम करेगा। हाल ही में पिछले एक या दो वर्षों में, वह अपनी गति में सुधार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। उसने जान लिया है कि वहां पहुंचने के लिए उसे क्या करने की आवश्यकता है। उसने अपनी फ़िटनेस और आहार में काफ़ी सुधार किया है। कुल मिला कर वह बहुत ही व्यवस्थित व्यक्तित्व का खिलाड़ी है।"
माहुरकर कहते हैं "इस साल की आईपीएल नीलामी से पहले मुकेश काफ़ी आश्वस्त थे कि उन्हें किसी ना किसी टीम के द्वारा चुन लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमएस धोनी को उनकी गेंदबाज़ी पसंद है और वह उन्हें बहुत प्रोत्साहित कर रहे हैं। संभवतः चेन्नई उन्हें मौक़ा दे सकता है।"
मुकेश इस सफर को क़रीब से देखने के बाद, माहुरकर का मानना है कि उनकी यात्रा का अगला कदम उनके लिए सभी प्रारूपों में लगातार बने रहना है। "उनकी ताक़त गेंद को दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए गेंद को बाहर ले जाना है। हालांकि हाल ही में उन्होंने ऐसी गेंद विकसित की है जो बाएं हाथ के बल्लेबाज़ से बाहर जाती है और दाएं हाथ के बल्लेबाज़ के लिए अंदर आती है।"
उन्होंने उदाहरण के तौर पर इस सीज़न की शुरुआत में मुंबई इंडियंस के सलामी बल्लेबाज़ इशान किशन के आउट होने का जिक्र किया। नई गेंद के साथ मुकेश ने एक आउटस्विंगर गेंद से किशन के ऑफ़ स्टंप पर सटीक निशाना साधा था। उस मैच में उन्होंने कमाल की गेंदबाज़ी करते हुए 19 रन देकर तीन विकेट लिए थे।
शशांक किशोर ESPNcricinfo के सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर राजन राज ने किया है।