क्रुणाल ने बताया ना सिर्फ़ गेंदबाज़ी बल्कि बल्लेबाज़ी में भी उनकी भूख अभी बाक़ी है
कोहली के सामने रहते हुए भी क्रुणाल ने ख़ुद ज़िम्मेदारी ली और टीम को जीत दिलाकर ही वापस लौटे
दया सागर
28-Apr-2025
क्रुणाल पंड्या जब 2016 में मुंबई इंडियंस (MI) की टीम में आए थे तो वह गेंदबाज़ से अधिक बल्लेबाज़ थे, जो निचले क्रम में अपने भाई हार्दिक पंड्या के साथ-साथ फ़िनिशर के तौर पर योगदान देते हुए टीम के दूसरे स्पिन गेंदबाज़ की भूमिका निभाते थे, जिनका मुख्य काम बीच के ओवरों में रन रोकना होता था। क्रुणाल की ओवरऑल IPL इकॉनमी (7.47) से भी आप इसका अंदाज़ा लगा सकते हो।
IPL के पहले तीन सीज़न में उन्होंने 200 से अधिक रन बनाए और चौथे सीज़न (2019) में भी उनका स्कोर 183 रन था। हालांकि इसके बाद उन्होंने कभी भी एक सीज़न में 200 रन नहीं बनाए, जबकि गेंदबाज़ी में पहले सीज़न छह विकेट लेने के बाद इन्होंने लगातार तीन सीज़न तक 10 या उससे अधिक विकेट लिए। अब तक खेले 10 सीज़न में उन्होंने पांच बार 10 या उससे अधिक विकेट लिए हैं, जिसमें हालिया सीज़न में 10 मैचों के 13 विकेट शामिल हैं और वह पर्पल कैप की दौड़ में भी बने हुए हैं।
कुल मिलाकर IPL में उनकी गेंदबाज़ी का ग्राफ़ बढ़ रहा था और बल्लेबाज़ी में या तो उन्हें उतने मौक़े नहीं मिल रहे थे और जब मौक़े मिल रहे थे, तो वह इसे ठीक तरह से भुना नहीं पा रहे थे। इस सीज़न की भी बात की जाए तो रविवार के मैच से पहले नौ मैचों में कुल चार बार ही उनकी बल्लेबाज़ी आई, जिसमें उनका स्कोर क्रमशः 0, 5, 18 और 1 था।
लेकिन रविवार का दिन क्रुणाल के लिए कुछ अलग था। दिल्ली कैपिटल्स (DC) के ख़िलाफ़ मैच में जब दिल्ली की जनता अपने 'बेटे' विराट कोहली को देखने आई थी, तो महफ़िल क्रुणाल ने लूट लिया और वह भी अपने बल्ले से। सामने भले ही कोहली खड़े थे, लेकिन क्रुणाल ने दिखाया कि वह बल्लेबाज़ी करना अभी भूले नहीं हैं।
मौक़ा भी था और दस्तूर भी। दिल्ली की धीमी और नीची रहती पिच पर 166 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी RCB की टीम चार ओवरों में ही 26 रन पर तीन विकेट खोकर संघर्ष कर रही थी। RCB प्रबंधन द्वारा क्रुणाल को इस मैच में टिम डेविड, रोमारियो शेफ़र्ड और जितेश शर्मा से आगे नंबर पांच पर भेजा गया और क्रुणाल ने इस मिले मौक़े का पूरा फ़ायदा उठाया।
हालांकि क्रुणाल की शुरुआत भी कुछ ख़ास नहीं रही थी। धीमी पिच पर DC की स्पिन तिकड़ी अक्षर पटेल, कुलदीप यादव और विप्रज निगम के सामने वह संघर्ष करते नज़र आ रहे थे। दुश्मंता चमीरा पर अपनी पारी का पहला छक्का लगाने से पहले उन्होंने शुरुआती 21 गेंदों में सिर्फ़ 17 रन बनाए थे, जिसमें सिर्फ़ एक चौका शामिल था। वहीं दूसरे छोर पर कोहली भी सिर्फ़ 100 के स्ट्राइक रेट से रन बना रहे थे और आवश्यक रन रेट 10 के ऊपर तक पहुंच गया था।
क्रुणाल को पहला काम विराट (कोहली) के साथ साझेदारी बनाना था, जिसे उन्होंने बख़ूबी निभाया और मोमेंटम को तोड़ा क्योंकि तीन विकेट लेकर मोमेंटम विपक्षी टीम के पक्ष में था। इसके बाद उनको गियर बदलते हुए देखना सुखद था, जिसमें हम लक्ष्य के क़रीब आए और फिर वह मैच जीताकर ही पवेलियन लौटे। नीलामी में हमारा एक लक्ष्य यह भी था कि हमारी बल्लेबाज़ी गहरी हो और हम नंबर 7, 8 या 9 तक बल्लेबाज़ी करें। क्रुणाल की यह पारी दिखाती है कि वह गहराई हमारे पास है।मो बोबाट
ख़ैर, चुनौतीपूर्ण पिच पर बल्लेबाज़ों को समय लेना ज़रूरी भी था और जब कोहली ख़ुद इसके लिए समय ले रहे हों, तो आप दूसरे बल्लेबाज़ से शिक़ायत कर भी नहीं सकते। हालांकि 12वें ओवर की समाप्ति के बाद जब आवश्यक रन रेट 10.62 के पार चला गया और तेज़ गेंदबाज़ आक्रमण पर आने लगे, तो क्रुणाल ने भी गियर बदलने का सोचा। उस समय तक क्रुणाल का स्कोर 27 गेंदों में सिर्फ़ 25 रन था।
मुकेश कुमार का 13वां ओवर क्रुणाल के लिए एक रिलीज़ ओवर के रूप में था। शुरुआती दो गेंदों को गुड लेंथ फेंकने के बाद मुकेश ने बाउंसर की रणनीति अपनाई, लेकिन क्रुणाल इसके लिए तैयार थे। पहले बाउंसर को उन्होंने ऑन साइड और दूसरे बाउंसर को उन्होंने जगह बनाकर ऑफ़ साइड में आधा दर्जन रनों के लिए भेजा और मैच में एकाएक RCB की टीम वापस आ गई।
मैच के बाद प्लेयर ऑफ़ द मैच बने क्रुणाल ने ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए कहा, "यह हमारी रणनीति का हिस्सा था। मेरी भूमिका बहुत स्पष्ट थी कि अगर हमारे तीन विकेट जल्दी गिर गए हैं तो मुझे जाकर वहां साझेदारी करनी होगी क्योंकि हमारे पास टिम डेविड और जितेश शर्मा के रूप में दो बड़े हिटर नीचे मौज़ूद थे। और अगर आपके सामने विराट कोहली खेल रहे हों, तो यह और भी आसान हो जाता है। मैं अपने इस प्रदर्शन का श्रेय उनको भी देना चाहूंगा। पहले 20 गेंद मेरे लिए अच्छे नहीं गए थे, लेकिन वह लगातार मुझसे यही बोल रहे थे कि 'आप कर सकते हो।'"
ख़ैर, मुकेश को निशाना बनाने के बाद क्रुणाल ने अब कुलदीप और अक्षर जैसे स्पिनरों को नहीं बख़्शा और उन पर भी बाउंड्री लगाई। 17वें ओवर में मुकेश कुमार की जब आक्रमण पर वापसी हुई तब क्रुणाल ने उन पर दो और बाउंड्री लगाई और मैच को पूरी तरह RCB की ओर कर दिया। इस ओवर के बाद RCB को आख़िरी तीन ओवरों में सिर्फ़ 26 रनों की ज़रूरत थी और उनके सात विकेट शेष थे जबकि उनके दोनों टिके हुए बल्लेबाज़ों के अर्धशतक भी लग चुके थे।
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इसके बाद भले ही कोहली का विकेट गिरा, लेकिन क्रुणाल ने फ़िनिशर टिम डेविड (5 गेंदों में 19 रन) के साथ मिलकर मैच को आख़िरी ओवर में जाने नहीं दिया और नाबाद रहते हुए 19वें ओवर में ही छह विकेट की जीत दिला दी।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में आए RCB के क्रिकेट निदेशक मो बोबाट ने कहा, "क्रुणाल को पहला काम विराट (कोहली) के साथ साझेदारी बनाना था, जिसे उन्होंने बख़ूबी निभाया और मोमेंटम को तोड़ा क्योंकि तीन विकेट लेकर मोमेंटम विपक्षी टीम के पक्ष में था। इसके बाद उनको गियर बदलते हुए देखना सुखद था, जिसमें हम लक्ष्य के क़रीब आए और फिर वह मैच जीताकर ही पवेलियन लौटे। नीलामी में हमारा एक लक्ष्य यह भी था कि हमारी बल्लेबाज़ी गहरी हो और हम नंबर 7, 8 या 9 तक बल्लेबाज़ी करें। क्रुणाल की यह पारी दिखाती है कि वह गहराई हमारे पास है।
"आज क्रुणाल के पास मौक़ा था और उन्होंने इसे बख़ूबी निभाया। उनकी यह पारी टीम के कैरेक्टर और एकजुटता को दिखाता है। हमने नीलामी में यह भी सोचा था कि हमारे पास कुछ ऐसे अनुभवी खिलाड़ी होने चाहिए, जो दबाव के समय खड़े हो सके। क्रुणाल ने आज विराट के साथ यह काम बख़ूबी किया। उन्होंने बेहतरीन गेंदबाज़ी की और फ़िल्डिंग के दौरान जब टाइमआउट हुआ था तो उन्होंने हमें यह भी बताया कि फ़ील्डिंग पोज़िशन में और भी सुधार हो सकता है। यह दिखाता है कि वह खेल में कितने इंवाल्व हैं और हमेशा टीम के लिए कुछ देना चाहते हैं।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।dayasagar95