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मुंबई के खिलाड़‍ियों का ज़हन : हमारी मानसिकता यह थी कि हम कहीं से भी जीत सकते हैं"

अनुभवी तेज़ गेंदबाज़ धवल कुलकर्णी ने अजिंक्य रहाणे के बारे में कहा कि यह बहुत अच्छा इशारा था, जिससे उन्हें अंतिम विकेट लेने का मौक़ा मिला

Mumbai celebrate their 42nd Ranji Trophy win, Mumbai vs Vidarbha, Ranji Trophy final, 5th day, Mumbai, March 14, 2024

मुंबई ने गुरुवार को 42वां रणजी ख़‍िताब जीता  •  PTI

रणजी ट्रॉफ़ी फ़ाइनल के तीसरे दिन जब मुंबई ने विदर्भ को 538 रनों का लक्ष्य दिया, तो ऐसा लग रहा था कि 42वां ख़‍िताब उनकी झोली में जाएगा, लेकिन विदर्भ ने मुंबई को कड़ी टक्कर दी और मैच को पांचवें दिन दूसरे सत्र तक खींच लिया। लेकिन एक बार जब उनके कप्तान अक्षय वड़कर शतक के बाद आउट हो गए, तो मुंबई को बाक़ी विकेट लेने में अधिक समय नहीं लगा। तो देखते हैं जीत के बाद उनके खिलाड़ियों ने क्या कहा?
एक क्रिकेटर के तौर पर ऊंचाई के साथ क्रिकेट को ख़त्‍म करना अच्‍छा था। मैं बहुत क़रीब था क्‍योंकि मैंने छठा फ़ाइनल खेला और मैं पांचवां ख़‍िताब जीता।
[नौवां विकेट गिरने के बाद अजिंक्य रहाणे द्वारा उन्हें लाने पर] यह बहुत अच्छा इशारा था। मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी क्योंकि तुषार देशपांडे ने उससे ठीक पहले दो विकेट लिए थे। लेकिन उन्हें (रहाणे को) सलाम। उन्होंने मुझसे कहा, 'धवल, आपने इतने सालों तक नेतृत्व किया है। एक बार फिर नेतृत्व करें और काम पूरा करें।'
'सीज़न की शुरुआत में हमने सोचा था कि हम दो सीज़न पहले उपविजेता थे, इसलिए हम वास्तव में जीतना चाहते थे। पिछले साल, हम एक रन से नॉकआउट के लिए क्वालीफ़ाई करने में असफल रहे। इसलिए हम इस बार जीतने के लिए प्रतिबद्ध थे। पिछले दो साल से हम एक ही टीम के साथ प्रयास कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा था। इसलिए इस बार ट्रॉफी उठाना शानदार था।'
'[अपनी बल्लेबाज़ी पर] जिस तरह से मैंने पिछले सीज़न में बल्लेबाज़ी की थी, मुझमें वह आत्मविश्वास था। मैंने अपने पिता, कोचों और सहयोगी स्टाफ़ के साथ अपने खेल पर बहुत काम किया। अज्जू [रहाणे] दा ने मुझे शतक बनाने के तरीके़ के बारे में मार्गदर्शन किया। मेरे निजी बल्लेबाज़ी कोच ने भी काफ़ी सहयोग किया। इसलिए मुझे लगता है कि उस कड़ी मेहनत की वजह से मैं यह काम कर सका।'
[विदर्भ द्वारा इंतज़ार कराए जाने पर] हम बीच में निराश हो रहे थे क्योंकि हम ट्रॉफ़ी उठाने के लिए इंतज़ार नहीं कर सकते थे। लेकिन हमने ख़ुद से कहा कि हम ये करेंगे और ज़ल्द ही एक विकेट लेंगे।
[भविष्य पर] जिस तरह से मैंने पिछले सीज़न से इस सीज़न में सुधार किया है, मुझे लगता है कि मुझे बस हर दिन कड़ी मेहनत करते रहने की ज़रूरत है और अपने कप्तान, कोच और टीम के वरिष्ठ खिलाड़ियों से सलाह के लिए बात करते रहना चाहिए कि मैं क्या काम कर सकता हूं। उम्मीद है कि अगली बार मैं और भी मज़बूत होकर वापस आऊंगा।
यह बहुत खास है, क्‍योंकि हमने मेरे डेब्यू सीज़न में जीत हासिल की थी, लेकिन फिर कुछ साल ऐसे ही बीत गए। फिर जब हम 2015-16 में जीते तो हमारी टीम में कोई टेस्ट खिलाड़ी नहीं था। रणजी ट्रॉफ़ी एक बहुत लंबा सीज़न है। मैं आख़‍िरी लीग मैच से टीम में शामिल हुआ, लेकिन टीम के सभी खिलाड़ी, सहयोगी स्टाफ़ सहित, हर कोई जून से बहुत मेहनत कर रहा है। आख़िरकार, हमने मार्च में ट्रॉफ़ी जीती है तो यह अच्‍छा अहसास है।
[उनके योगदान पर] हम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के लिए क्रिकेट खेलते हैं। हर कोई आसान परिस्थितियों में प्रदर्शन कर सकता है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि चुनौतीपूर्ण स्थिति में टीम के लिए कौन प्रदर्शन करता है। इसलिए मैं हमेशा ऐसा ही सोचता हूं ना केवल टीम को कठिन परिस्थिति से बाहर निकालना है बल्कि बोर्ड पर एक अच्छा स्कोर भी डालना है, ताकि विरोधियों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी पड़े। सेमीफ़ाइनल में भी यही हुआ जहां 110 [106] पर हमारे सात विकेट गिर गए थे, मैंने एक बड़ा शतक बनाया। यहां भी पहली पारी में हम लगभग वैसी ही स्थिति में थे और मैं वहां से 75 रन बना सका और टीम का कुल स्कोर बढ़ा सका। मुझे लगता है कि 200 से अधिक के स्कोर ने आज़ हमें जीतने में मदद की।
[शतक पर] यह मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण पारी थी क्योंकि यह फ़ाइनल था। मैं लंबे समय तक बल्लेबाज़ी करने और दूसरे छोर पर जो भी था उसके साथ साझेदारी करने की कोशिश कर रहा था।
[रहाणे के साथ बल्लेबाज़ी करने पर] मुझे वास्तव में उनके साथ बल्लेबाज़ी करने में मज़ा आया। वह लगातार बात कर रहे थे, हमारे बीच अच्छी समझ थी, वह मुझे चीज़ों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर रहे थे। हमारी योजना सीधे बल्ले से पूरे दिन बल्लेबाज़ी करने की थी।
[मुंबई टीम का हिस्सा होने पर] मुंबई ड्रेसिंग रूम साझा करना मेरे लिए गर्व की बात है, मुझे कुछ महान खिलाड़ी मिले हैं। मुझे खुशी है कि हमने 42वीं बार ख़ि‍ताब जीता। हम काफ़ी समय से मेहनत कर रहे थे और आज़ हमें उसका फल मिल गया।
[अपनी बल्लेबाजी पर] मुझे अपने खेल पर बहुत काम करने की जरूरत है। मैं सिर्फ अपनी प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना चाहता हूं और बहुत आगे के बारे में नहीं सोचना चाहता।
पिछली बार हम मौक़ा चूक गए थे। ऐसे में यह जीत हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पूरे सीज़न में सभी ने योगदान दिया है। यह सिर्फ़ एक या दो खिलाड़ी नहीं थे, ज़रूरत पड़ने पर हर कोई खड़ा हुआ है।
[हरफ़नमौला प्रदर्शन पर] चाहे मैं बल्लेबाज़ी कर रहा हूं या गेंदबाज़ी कर रहा हूं, मैं सोचता हूं कि टीम को क्या चाहिए और हमें बेहतर स्थिति में लाने के लिए मैं कैसे समर्थन कर सकता हूं। हमारा ज़ज्बा हमेशा ऊंचा था। पूरे सीज़न में हमने कठिन परिस्थितियों से वापसी की। हमारी सोच यह थी कि यह एक और कठिन स्थिति थी और हमें वापस आना होगा। हमारी मानसिकता है कि हम किसी भी परिस्थिति से जीत सकते हैं। हमें हमेशा आसान जीत नहीं मिली। हमने कड़ी मेहनत जारी रखी, यहां एक या दो विकेट लिए, एक सत्र जीता और इस तरह हम ट्रॉफ़ी तक पहुंचे।