वॉटसन : आईपीएल के बाद सीधे टेस्ट क्रिकेट में प्रवेश करना आसान काम नहीं है
उन्हें लगता है कि इतना कम समय दोनों टीमों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा ख़ासकर कैमरन ग्रीन के लिए
ऐलेक्स मैल्कम
05-Jun-2023
कैमरन ग्रीन ने कभी इंग्लैंड में प्रथम श्रेणी मैच नहीं खेला है • ICC via Getty Images
आईपीएल में खेलने के तुरंत बाद कई खिलाड़ी सीधा इंग्लैंड में टेस्ट मैच के लिए उतरेंगे। ऐसे में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही टीमों के खिलाड़ियों के सामने चुनौती पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर शेन वॉटसन ने बात की।
आधुनिक खिलाड़ी बिना अधिक समय लिए एक प्रारूप से अन्य प्रारूप में खेलने के आदी हो गए हैं लेकिन कई भारतीय खिलाड़ियों के लिए आईपीएल से टेस्ट में उतरने में बहुत ही कम समय मिला है। पिछले सोमवार को शुभमन गिल, रवींद्र जाडेजा और मोहम्मद शमी आईपीएल फ़ाइनल खेले थे और डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल की तैयारी के लिए उन्हें एक सप्ताह का ही समय मिला, जो बुधवार से शुरू होने जा रहा है। यह तब भी न्यूज़ीलैंड के ट्रेंट बोल्ट को मिले समय से थोड़ा अधिक है, जो पिछले साल 29 मई को आईपीएल फ़ाइनल खेले और चार दिन बाद इंग्लैंड के लॉर्ड्स में टेस्ट खेले थे।
ऑस्ट्रेलिया के कैमरन ग्रीन ने 26 मई को चेन्नई में मुंबई के लिए आईपीएल क्वालीफ़ायर खेला और पर्थ में अपने साथी से मिलने चले गए थे क्योंकि वह जनवरी से घर से बाहर थे। इसके बाद वह लंदन पहुंचे और ऑस्ट्रेलिया के बैकनहम में पहले ट्रेनिंग सत्र में भाग लिया। उन्हें बस पांच ट्रेनिंग सत्र मिले और इससे पहले वह इंग्लैंड में कभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट भी नहीं खेले।
डेविड वॉर्नर भी अपने करियर में पहली बार ऐसा समय देख रहे हैं, क्योंकि 20 मई को ही उन्होंने आईपीएल में मैच खेला था। जॉश हेज़लवुड ने अपना आख़िरी आईपीएल मैच नौ मई में खेला और वह डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल से बाहर भी हो गए हैं क्योंकि चयनकर्ता उन्हें ऐशेज़ में खेलते देखना चाहते हैं।
वॉटसन ने भी 2013 और 2015 में ऐसा समय देखा था जब वह आईपीएल खेले और इसके बाद ऐशेज़ सीरीज़ खेले। वॉटसन का मानना है कि भारत में अलग परिस्थिति में टी20 क्रिकेट खेलने के बाद खिलाड़ियों को ड्यूक बॉल से नेट्स में अधिक से अधिक अभ्यास करना होगा।
वॉटसन ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि इतना कम समय एक प्रारूप से दूसरे प्रारूप में खेलने के लिए बहुत ही कम है। खिलाड़ियों को अधिक से अधिक नई गेंद से खेलना होगा और नेट्स पर अभ्यास करना होगा।"
"यही एक तरीक़ा है जिससे आप गेंद को अपने आंखों के नीचे खेल सकोगे। हां, आपको पॉज़िटिव, आक्रामक इरादे की ज़रूरत है लेकिन यह समझना होगा कि किस गेंद को आप मार सकते हो और किसको छोड़ सकते हो।"
जून 2021 में आईपीएल के बाद गिल, जाडेजा, शमी, रोहित शर्मा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे और आर अश्विन इंग्लैंड में डब्ल्यूटीसी फ़ाइनल खेले थे। हालांकि 2021 आईपीएल 2 मई को स्थगित हो गया था जिससे खिलाड़ियों को तैयारी के लिए एक महीने से अधिक का समय मिला।
कई भारतीय खिलाड़ी 2014, 2018 और 2022 आईपीएल सीज़न के बाद इंग्लैंड दौरे पर गए थे लेकिन यह सभी दौरे जुलाई या अगस्त में शुरू हुए थे।
वॉटसन की ही तरह वॉर्नर और स्टीवन स्मिथ 2013 और 2015 की ऐशेज़ सीरीज़ में आईपीएल के बाद उतरे थे। लेकिन उनके पास भी तैयारी के लिए अधिक समय था और पहला टेस्ट खेलने से पहले वह प्रथम श्रेणी मैच खेले थे। 2015 में आईपीएल और ऐशेज़ के बीच में वे वेस्टइंडीज़ में दो मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेले थे। वॉर्नर और स्मिथ 2019 में आई खेले और इसके बाद इंग्लैंड में 50 ओवर के विश्व कप के तुरंत बाद ऐशेज़ खेले।
वाॅटसन का मानना है कि खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के दिनों में कोई भी पल व्यर्थ नहीं हो सकता है।
वॉटसन ने कहा, "मैंने इतने ज़ल्दी एक प्रारूप से दूसरे प्रारूप में नहीं खेला था। यह वाकई चुनौतीपूर्ण था। चाहे बात सर्दियों की ऐशेज़ सीरीज़ की हो या ऑस्ट्रेलिया में टी20 सीरीज़ के बाद सीधा टेस्ट मैच खेला, यह बड़ी चुनौती है।"
"जो चीज़ समझने की ज़रूरत है वह यह है कि अगर आपको कुछ समय मिला है तो आप क्या काम करना चाहते हो।"
"मेरे लिए सबसे अहम चीज़ मेरा डिफ़ेंस था। मैं गेंद को स्विंग कराने वाले गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ खेलता था और पक्का करता था कि मेरा डिफ़ेंस सही हो। और गेंद छोड़ते समय आपका सिर सही जगह पर हो। सबसे बड़ी चुनौती सभी खिलाड़ियों और कैमरन ग्रीन के लिए यह होने वाली है कि ड्यूक गेंद लगातार स्विंग होती है।
"इसी वजह से दौरे पर कुछ अभ्यास मैच की ज़रूरत होती है, जिससे गेंद के स्विंग होने का आदी हुआ जा सकता है। इन खिलाड़ियों को अधिक समय नहीं मिला है और कोई अभ्यास मैच भी नहीं था, तो यह उनके लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में एक गेम प्लान बनाना होगा और गेंद दर गेंद उस पर लंबे समय तक कायम रहना होगा।"
गेंदबाज़ी वर्कलोड भी एक बड़ा मुद्दा है जो ऑस्ट्रेलिया से अधिक भारत को चुनौती दे सकता है। हेज़लवुड पहले ही बाहर हो गए हैं लेकिन उनके चार तेज़ गेंदबाज़ पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, स्कॉट बोलंड और माइकल नीसर लाल गेंद से गेंदबाज़ी करने में सक्षम हैं। नीसर ने ग्लमॉर्गन के लिए पांच प्रथम श्रेणी मैच भी खेले थे।
ग्रीन और भारतीय गेंदबाज़ों के पास अधिक लग्जरी नहीं है, ऐसे में वह वही चुनौती का सामना कर सकते हैं जो बोल्ट ने पिछले साल की थी।
वॉटसन ने कहा, "मेरा शरीर हमेशा सबसे अच्छे समय में काम का बोझ बढ़ाने के लिए एक चुनौती था। टी20 क्रिकेट से सीधा टेस्ट में जाते समय आपको गेंदबाज़ी का आदी होने में दिक्कत होती है, यह मेरे लिए एक चुनौती थी। तो मैं बहुत सतर्क रहता था और सही करने की कोशिश करता था।"
"लेकिन सही में यह बहुत कम समय है ख़ासकर गेंदबाज़ों के लिए। उनके पास कोई दूसरा रास्ता भी नहीं है। उनको उतरना होगा और उम्मीद करनी होगी कि उनका शरीर साथ दे और कप्तानों को अपने गेंदबाज़ों का सही से ध्यान भी रखना होगा।"
ऐलेक्स मैल्कम ESPNcricinfo में एसोसिएट एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर निखिल शर्मा ने किया है।