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यश दयाल : अगर रिंकू का वह ओवर नहीं हुआ होता तो शायद मैं भी आज यहां नहीं होता

बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ ने उस ओवर को भुलाने की प्रक्रिया के बारे में बात की और बताया कि उन्‍होंने कोहली, शमी और ज़हीर से क्‍या-क्या सीखा

नागराज गोलापुड़ी और निखिल शर्मा
18-Sep-2024
Yash Dayal gives two thumbs-ups, Royal Challengers Bengaluru vs Gujarat Titans, IPL 2024, Bengaluru, May 4, 2024

यश दयाल ने अपने करियर पर खुलकर बातचीत की  •  Deepak Malik/BCCI

IPL 2024 के दौरान जब यश दयाल ने चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के ख़‍िलाफ़ आखिरी ओवर में 17 रन का बचाव करके अपनी टीम रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) को प्लेऑफ़ में पहुंचाया तो उनके इस प्रदर्शन को पिछले साल के कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के ख़‍िलाफ़ 29 रन के भुला देने वाले प्रदर्शन से मुक्ति के रूप में देखा गया।
इस साल की शुरुआत में 26 वर्षीय दयाल ने सफे़द गेंद और प्रथम श्रेणी क्रिकेट में चयनकर्ताओं को प्रभावित किया, जिससे उन्‍हें तेज़ गेंदबाज़ी क़रार मिला। इस महीने जब चेन्‍नई में बांग्‍लादेश के ख़‍िलाफ़ पहले टेस्‍ट के लिए भारतीय टीम की घोषणा हुई तो उनको भारतीय दल में पहली बार चुना गया। दयाल ने बताया कि कैसे KKR मैच की यादों से पीछा छुड़ाने के लिए उन्‍होंने संघर्ष किया और CSK के ख़‍िलाफ़ ओवर से पहले अपनी सोच के बारे में भी बात की। साथ ही उन्‍होंने 2024 IPL से पहले विराट कोहली से हुई अपनी बातचीत पर भी चर्चा की और बताया कि कौन से क्रिकेटर उनके सपोर्ट सिस्‍टम में शामिल हैं।
आप भारत के लिए टेस्ट खेलने के सपने से बस एक क़दम दूर हैं। टेस्‍ट टीम में चुना जाना आपके लिए कैसा अहसास रहा?
2022 में पहली बार मुझे भारतीय टीम में चुना गया था। यह बांग्‍लादेश के ख़‍िलाफ़ वनडे सीरीज़ थी, लेकिन चोट की वजह से मैं वहां जा नहीं सका था। इस महीने दलीप ट्रॉफ़ी की शुरुआत में मैं जानता था कि भारतीय टेस्‍ट टीम में बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ का स्‍थान खाली है। पहली पारी में मेरी गेंदबाज़ी साधारण थी, जहां इंडिया बी के लिए खेलते हुए इंडिया ए के ख़‍िलाफ़ मैंने 29 रन देकर एक ही विकेट लिया था। उस वक़्त मैं खुद से संतुष्‍ट नहीं था। लेकिन जैसे ही मैंने दूसरी पारी में 50 रन देकर तीन विकेट लिए तो मुझे विश्‍वास हुआ कि मैं एक मज़बूत दावेदार हूं।
हम आसानी से मैच जीत गए और मेरा प्रदर्शन काफ़ी अच्‍छा रहा। मैं बेंगलुरु में टीम होटल में था और टीवी देख रहा था, तब मुझे मेरे दोस्‍त का मैसेज आया कि मैं भारत की टेस्‍ट टीम में चुना गया हूं। मैंने उसकी बात का विश्‍वास नहीं किया, लेकिन कुछ देर बाद मैंने BCCI की वेबसाइट पर टेस्‍ट टीम में अपना नाम देखा।
तुरंत ही मैंने अपना फोन साइड में रखा और उस एहसास को समझने की कोशिश की।
मैं बहुत भावुक हो गया था, क्‍योंकि टेस्‍ट टीम में चुना जाना बड़ी बात है। मैं अपने लंबे सफ़र के बारे में सोचने लगा। तब मैंने अपने परिवार से बात की। मेरी मां और बहन दोनों इतने ही भावुक थे। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे। शाम को मैंने अपने पिता से बात की। घर में त्‍यौहार जैसा माहौल था। कई लोग इकट्ठा थे और ढोल-नगाड़ों के साथ वहां उत्सव का माहौल था।
BCCI का तेज़ गेंदबाज़ी करार आपको इस साल की शुरुआत में मिला, तो क्‍या यह आपके लिए पहला संकेत था कि आप भारतीय प्रबंधन की योजनाओं में हैं?
मैं 2022 IPL के बाद से ही उनके टारगेट पूल में था। लेकिन अब कुछ खिलाड़‍ियों को तेज़ गेंदबाज़ी करार दिया गया है। मैं जानता था कि अगर मैं घरेलू क्रिकेट में अच्‍छा करता हूं तो भारतीय टीम में चुना जाना आसान हो सकता है।
पहली बार मैं नहीं जानता था कि टारगेट पूल में खिलाड़‍ियों के साथ में असल में क्‍या होता है। लेकिन जल्‍दी ही मैं समझ गया कि मेरे पूरे खेल पर नज़र रखी जाएगी। यह काम राष्‍ट्रीय क्रिकेट एकेडमी (NCA) का होगा, जिसमें मेरा गेंदबाज़ी प्रबंधन, ट्रेनिंग सत्र और मेरे शरीर पर कितना तनाव है, यह सब देखा जाएगा।
पिछले दो सालों में मेरे अंदर बहुत बदलाव आया है। जब मैंने सीनियर खिलाड़‍ियों को नज़दीक से देखा और उनसे बात की, तो मैंने पाया कि कुछ खिलाड़ी निजी रसोइये (शेफ़) के साथ यात्रा करते हैं। वह ध्‍यान रखते हैं कि उनको क्‍या खाना है, कितने चावल उनको खाने हैं, कितना प्रोटीन उनको लेना है, ट्रेनिंग के दौरान किन चीज़ों से दूर रहना है। जब मैंने यह सब देखा तो इन सबने मुझे प्रेरित किया।
2023 IPL में KKR के मैच के बाद मैं थोड़ा कमज़ोर हो गया था और मेरा फ़ोकस वहां नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे मैंने जो कुछ हुआ, उससे निपटना शुरू कर दिया। उसके बाद मैंने एक सेट-अप बनाया ताकि मैं पीछे न हटूं, चाहे वह प्रशिक्षण में हो या मेरे आहार में। मैं इतना स्पष्ट था कि जब मैं वापसी करूंगा तो कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मैंने अपने कार्यों और लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने का निर्णय लिया। इस वजह से अब मुझे लगता है कि यह टेस्‍ट कॉल-अप सबसे अच्छे समय पर आया है।
आपकी बहन सुचि न्‍यूट्रिनिस्‍ट हैं। उनका आपके करियर में क्‍या भूमिका रही है?
दीदी का मेरे करियर में बड़ी भूमिका रही है। जब मेरे पिता आर्थिक तौर पर मज़बूत नहीं थे तो उन्‍होंने मुझे जूते और अन्‍य चीज़ें दिलाई। हम निचले मध्‍यम वर्गीय परिवार से आते हैं। जब मैं क्‍लास नौवीं या दसवीं में था तो मेरे पिता का डिमोशन हुआ था। दीदी तब 10 से 12 हजार ही कमाती थी, लेकिन मेरे क्रिकेट की ज़रूरतों का पूरा ध्‍यान रखती थी। बचपन से ही वह ध्‍यान रखती हैं कि मुझे क्‍या खाना है। अगर मैं मीठा खाता हूं तो वह मुझे मना करती है।
इस साल की शुरुआत में एक साक्षात्कार में आपने रिंकू वाले ओवर के बाद आत्मनिरीक्षण करने की बात की थी। क्या आप इस बारे में बात कर सकते हैं कि इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ा?
मेरे परिवार को इसका ख़ामियाजा भुगतना पड़ा था। मेरी मां को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके बेटे के साथ ऐसा चीज़ हो सकता है। उस दौरान मेरे परिवार को तनाव का सामना करना पड़ा था और कभी-कभी वह खाना खाना बंद कर देते थे। मैं उनसे कहता रहा कि एक क्रिकेटर के तौर पर कुछ दिन बुरे और कुछ अच्‍छे होंगे। मैं कभी प्रदर्शन करूंगा और कभी नहीं करूंगा। उन्हें इस बात से डरना नहीं चाहिए कि क्या हुआ या क्या आगे होगा।
मुझे मेरे दोस्‍तों और गुजरात टाइटंस के कोचों ने उस मैच के बाद सोशल मीडिया से दूर रहने को कहा, लेकिन मैं नहीं माना और सोशल मीडिया पर गया। वहां जो बातें मेरे बारे में कही गई, उससे मैं काफ़ी हिल गया। लेकिन जैसा कि कहते हैं, एक अच्छा समर्थन होना, ऐसे समय में काम आता है। मेरे परिवार ने मेरा समर्थन किया। मैंने उनका समर्थन किया। मैं अपनी राज्य टीम उत्तर प्रदेश को भी श्रेय देना चाहूंगा, जिसने मुझे कभी ऐसा महसूस नहीं होने दिया कि मैं अंतिम एकादश का हिस्सा बनने के लायक नहीं हूं। फिर RCB ने मुझे चुना और मेरा समर्थन किया।
CSK के ख़‍िलाफ़ आख़‍िरी ओवर करने के बाद मैंने वसीम अकरम से भी सुना कि "यह सब सितारों में लिखा होता है।" मुझे लगता है कि अगर मेरे साथ रिंकू का वह ओवर न हुआ होता तो मैं आज यहां नहीं आ पाता।
उस ओवर ने कब आपके दिमाग़ से खेलना बंद किया?
सच कहूं तो आज भी यह लगातार मेरे दिमाग़ में चलता है। पहले मैं डर जाता था, लेकिन अब मैं किसी भी परिस्‍थि‍ति का सामना करने को तैयार हूं।
आपने बताया कि एक टीम के साथी ने आपको इससे निकलने में मदद की। क्‍या आप बता सकते हैा वह कौन था?
वह मेरे यूपी टीम के बाएं हाथ के स्पिनर साथी सौरभ कुमार थे। सौरभ भाई मेरे लिए मेरे बड़े भाई की तरह हैं। उन्‍होंने 300 से अधिक प्रथम श्रेणी विकेट लिए हैं और वह भारतीय टेस्‍ट टीम के सेट-अप में भी रहे हैं। वह और दो अन्‍य यूपी टीम के साथी समर्थ सिंह और आर्यन जुयाल मेरे सपोर्ट ग्रुप का हिस्‍सा थे, जो मुझे जज नहीं करते हैं चाहे मेरा जो भी प्रदर्शन रहा हो। ख़ासतौर से जब मैंने सौरभ भाई से बात की तो मुझे जो महसूस हो रहा था, मैंने उनसे कह दिया। मेरे पापा और मम्मी के बाद वह मेरे लिए सच्चे प्रेरक हैं।
रिंकू के उस ओवर के बाद कई लोगों ने मुझे कई चीज़ें कही, लेकिन सौरभ भाई ने मुझसे जोर देकर कहा: इस समय यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने दिमाग़ को अपने ऊपर हावी न होने दें। यदि आप ऐसा होने देंगे, तो आप कई लड़ाईयां हार जाएंगे। मुझे थोड़ा समय लगा, लेकिन मुझे धीरे-धीरे उनकी बात का मतलब समझ में आ गया। जब आप इस स्तर पर खेलते हैं, तो मुझे लगता है कि यह 80% मानसिक खेल है और बाक़ी आपका शारीरिक काम है।
अगर आप वह ओवर दोबारा करते तो क्‍या अलग करते?
अगर मैंने उस ओवर से कुछ सीखा है तो वह यह है कि मैं उस ओवर को बहुत जल्‍दी ख़त्‍म करने पर लगा था। पहली तीन गेंद [1, 6, 6] के बाद मैं एकदम ब्‍लैंक हो गया था। इन तीन गेंदों में मैं एक भी यॉर्कर नहीं कर पाया। मैं बस उस ओवर को ख़त्‍म करना चाहता था और किसी भी तरह ड्रेसिंग रूम में पहुंचना चाहता था।
अगर मैं वह ओवर दोबारा करता तो मैं अपने दिमाग़ का इस्‍तेमाल करूंगा। जब मैं दोबारा अपने बॉलिंग मार्क पर जा रहा होऊंगा तो मैं सोचूंगा कि अगली गेंद में मैं क्‍या करना चाहता हूं। मुझे आत्‍मविश्‍वास है कि यह मुझे ऐसा एहसास देगी कि 99 प्रतिशत मेरा प्‍लान काम करेगा, लेकिन असल परिणाम मेरे हाथ में नहीं है। मैं निराश नहीं होऊंगा कि मैं कुछ अलग कर सकता था। मैं सोचूंगा कि मैंने कड़ी कोशिश की।
2024 IPL में CSK के ख़‍िलाफ़ आपने ऐसा किया और RCB को प्‍लेऑफ़ में पहुंचाया। CSK को तब क्‍वाल‍िफ़ाई करने के लिए 17 रनों की ज़रूरत थी
मुझे लगता है कि मैं शॉर्ट थर्ड या शॉर्ट फ़ाइन लेग पर था जब माही भाई ने लॉकी फ़र्ग्‍युसन को 19वें ओवर में चौका लगाया। उस समय मेरे दिमाग़ में यही चिंता थी। मैं उम्‍मीद कर रहा था कि CSK को आख़‍िरी ओवर में बहुत रनों की ज़रूरत हो। मेरे अंदर यह घबराहट थी कि मैच जल्द से जल्द ख़त्म हो जाना चाहिए। मैं यह भी सोच रहा था : मैं ही क्‍यों आख‍िर ऐसी परिस्‍थति में फंस जाता हूं? मुझे ही क्‍यों अहम ओवर करने को मिलते हैं?
अब मैं समझ पाया कि मैं अहम ओवर इसीलिए करता हूं क्‍योंकि टीम को मेरी ज़रूरत होती है। मैं ही मुख्‍य खिलाड़ी हूं जो मैच जीता सकता हूं। जब मैं वह ओवर करने गया तो मैंने फ़ाफ़ डुप्‍लेसी से कहा कि मेरा प्‍लान यॉर्कर करने का है, क्‍योंकि उस मैच में मैं धीमी गेंद करने में संघर्ष कर रहा था। जब माही भाई ने पहली गेंद को स्‍टेडियम के बाहर पहुंचा दिया तो वह गेंद कभी नहीं आई, यह बहुत बड़ा छक्‍का था। यह हमारे लिए खु़शकिस्‍मती थी कि गेंद बदली गई, क्‍योंकि पिछली गेंद से हमें ग्रिप बनाने में मुश्किल आ रही थी।
उससे पहले तक हमने गेंद बदलने को लेकर कोई चिंता नहीं दिखाई। हमारे दिमाग़ में बस यही चल रहा था कि धीमे ओवर रेट की वजह से हमें पेनल्‍टी मिली है और जिसकी वजह से 30 गज के घेरे के अंदर पांच खिलाड़ी हैं। तो मेरे आंतरिक संदेह के अलावा, ये सभी कारक मेरे दिमाग़ में घूम रहे थे।
पहली गेंद पर जब छक्‍का लगा तो विराट भैया ने मुझे कहा कि मुझे धीमी गेंद करनी होगी। उन्‍होंने मुझसे गेंदों के बीच में समय लेने को कहा, और कहा कि जो हो रहा है उसकी चिंता मत करो, हमारे पास अभी भी डिफेंड करने के लिए काफ़ी रन हैं, लेकिन मुझे खु़द पर विश्‍वास करना होगा। तभी मैं अच्‍छा कर सकता हूं।
मैंने गहरी सांस ली, खु़द से कहा कि मुझे अपने दिमाग़ का इस्तेमाल करना होगा और अच्छी गेंदबाज़ी करनी होगी। दूसरी गेंद धीमी थी। माही भाई ने डीप स्क्वायर लेग पर हिट किया, जहां स्वप्निल सिंह ने बहुत अच्छा कैच लिया। मैंने जश्न नहीं मनाया क्योंकि कहीं न कहीं अंदर ही अंदर ये एहसास था कि ये माही भाई का आखिरी मैच हो सकता है। वह अपने आप पर काफ़ी गुस्‍सा होकर वापस जा रहे थे।
मैंने शार्दुल भाई को धीमी बाउंसर फ़ेंकी, जिस पर मैंने फिर से विराट भाई से चर्चा की थी। यह एक डॉट बॉल थी। अगली दो गेंदें मैंने अपनी योजना के मुताबिक फ़ेंकी। अब तक मुझे एहसास हुआ कि गेंद सतह को पकड़ रही थी। चौथी गेंद पर सिंगल आया।आखिरी दो गेंदों में 10 रनों की ज़रूरत होने पर मैंने जड्डू भाई के ख़‍िलाफ़ बिल्कुल वहीं गेंदबाज़ी की, जहां मैंने [ऑफ़ स्टंप के बाहर, लेंथ पर] गेंदबाज़ी करने की योजना बनाई थी। वह सबसे महत्वपूर्ण गेंद थी - यह एकदम सही थी, यह वाइड नहीं थी, यह डिप हुई उनके बल्ले के क़रीब नहीं आई और यह डॉट थी।
आखिरी गेंद के लिए दौड़ने से पहले, एकमात्र विचार यह था कि मुझे नो-बॉल नहीं फ़ेंकनी चाहिए। वास्तव में मैंने इससे बचने के लिए पॉपिंग क्रीज के एक फु़ट पीछे से गेंदबाज़ी की होगी।
आपने बताया कि IPL 2024 से पहले कोहली ने आपके साथ बातचीत की थी। यह क्‍या बातचीत थी?
हमारे सीज़न के उद्घाटन मैच से एक दिन पहले चेपॉक में वह टीम होटल में मेरे पास आए और कहा : "यश, मैं तुमसे बात करना चाहता हूं। मेरे कमरे में आओ।" मेरा पहला विचार यह था कि मैंने क्या ग़लती की है कि विराट भैया मुझसे बात करना चाहते हैं (हंसते हुए)। झिझकते हुए मैंने उसका दरवाज़ा खटखटाया। बाद में मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं उनके कमरे में बैठा हूं और उनकी बातें सुन रहा हूं।
उन्होंने मुझसे कहा कि रिंकू के ओवर के साथ जो हुआ वह रिंकू की किस्मत में लिखा था, लेकिन इस सीजन में तुम्हें यह साबित करना होगा कि हमने तुम्हें क्यों चुना। हम लंबे समय से आप पर नज़र रख रहे हैं और आपका चयन पूरी तरह से आपके कौशल के आधार पर किया गया है। आपको ऐसा लगेगा ही नहीं कि आप इस टीम में पहली बार आए हैं। हम आपका पूरा समर्थन करेंगे। आपको ऐसा लगेगा जैसे यह एक परिवार है। उन्होंने अपने करियर के बुरे दौर और उनसे कैसे निपटा इस बारे में भी बात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि RCB मुझे जो भी भूमिका दे, मुझे उसे खु़शी और उत्साह के साथ करना चाहिए। जब उन्होंने मुझसे कहा कि RCB पूरे टूर्नामेंट में मेरा समर्थन करेगी, तो मेरे दिमाग़ में आधी चीज़ तुरंत सुलझ गईं। मुझे बस मैदान पर उतरना था और प्रदर्शन करना था।
2023 गुजरात टाइटंस के यश दयाल में और 2024 में RCB के यश दयाल में क्‍या अंतर है?
गुजरात टाइटंस में मैं एक अपरिपक्व बच्चा था जिसने अभी-अभी पेशेवर रूप से खेलना शुरू किया था। जीवन के उन सबकों को सीखने के बाद अब मैं थोड़ा और परिपक्व हो गया हूं। पहले मैं डरता था, अब मैं ज़ि‍ंदगी का आनंद लेता हूं। जो चीज़ मुझ पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही थीं, अब मैं उन्हें सकारात्मक रूप से देखता हूं।
ज़हीर खान आपके तेज गेंदबाज़ी आदर्श हुआ करते थे?
जब से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, मैं ज़हीर ख़ान के एक्शन की नकल करता था। उस समय मुझे नहीं पता था कि वह मेरे आदर्श बनेंगे। धीरे-धीरे, मैंने गेंदबाज़ी के बारे में और अधिक सीखा, पत्रिकाओं में उनके बारे में पढ़ा, उन्हें टीवी पर देखा। यदि आप उनके रिकॉर्ड को देखें, तो मुझे नहीं लगता कि भारत के पास कभी भी सभी प्रारूपों में इतना विश्वसनीय गेंदबाज़ रहा होगा। मैं अभी तक उनसे ठीक से नहीं मिल पाया हूं, लेकिन कोशिश करूंगा।
लाल गेंद क्रिकेट में आपकी ताक़त क्‍या है?
मेरी मूल गेंदबाज़ी ताकत हमेशा स्विंग रही है। फिर मैंने अपनी स्विंग के साथ चलने के लिए गति विकसित की, जिसका सामना करना बल्लेबाज़ों के लिए बहुत मुश्किल है। जैसे ही गेंद मेरे हाथ से छूटती है, वह हिल जाती है, जैसे हम हिंदी में कहते हैं कांटा बदलती है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि स्विंग के बिना मेरी गेंदबाज़ी की लगभग 90% ताक़त कम हो जाएगी।
NCA में जब आप टारगेट पूल के अन्‍य तेज़ गेंदबाज़ों के साथ थे तो तब आपकी पूर्व टीम के साथी मोहम्‍मद शमी भी वहां रिहैब पर थे। उन्‍होंने आपकी गेंदबाज़ी में क्‍या मदद की?
मैंने गुजरात टाइटंस में शमी भाई के साथ मैदान के अंदर और बाहर काफ़ी समय बिताया है। उन्होंने मुझसे गेंद पर बैकस्पिन के महत्व के बारे में काफ़ी बात की और मुझे इस पर काम करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि आपके पास जितना अधिक बैकस्पिन होगा, आप उतनी ही तेज़ी से गेंदबाज़ी कर पाएंगे।
फिर आशु पा [गुजरात टाइटंस के मुख्य कोच आशीष नेहरा] हैं, जिन्होंने मेरे पेशेवर करियर में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने मुझे बहुत सपोर्ट किया है। वह वही हैं जिन्होंने मुझे IPL में पहुंचाया। शुरुआत में मुझे प्रथम श्रेणी क्रिकेट में गेंदबाज़ी करने में दिक्कत आती थी। आशु पा ने मेरी [गेंदबाज़ी] वॉल्यूम पर काम किया। IPL में आपको केवल चार ओवर फ़ेंकने होते हैं, लेकिन वह कहेंगे कि आप सिर्फ़ चार के लिए तैयारी नहीं कर सकते। आपको 24वीं गेंद तक थकान महसूस नहीं होनी चाहिए। वह हमें इस तरह से तैयार करते थे कि 24वीं गेंद फ़ेंकने के बाद भी आपको लगे कि आप छह ओवर और फ़ेंक सकते हैं। इससे मेरी मानसिकता बदलने और लंबे स्पैल में गेंदबाज़ी करने में बेहतर बनने में मदद मिली।
आपका 27वां जन्‍मदिन भारत के ऑस्‍ट्रेलिया दौरे के बीच में आएगा। आपको ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट में गेंदबाज़ी करते हुए अपना जन्मदिन मनाने में कोई आपत्ति नहीं होगी, है ना?
अगर मौक़ा मिला तो यह सपने के सच होने जैसा होगा।
आपको 2022 में वनडे टीम में और अब टेस्ट टीम में चुनने के बाद, ऐसा लगता है कि चयनकर्ता आपको एक सभी प्रारूप का गेंदबाज़ मान रहे हैं।
यह वास्तव में अच्छा लगता है कि चयनकर्ताओं, BCCI, NCA के लोगों ने मुझ पर भरोसा दिखाया। हां, अगर आप IPL में प्रदर्शन करने के बाद यहां हैं तो जाहिर सी बात है कि आप सफ़ेद गेंद वाले क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। लेकिन अब जब मुझे लाल गेंद क्रिकेट के लिए चुना गया, तो मुझे एहसास हुआ कि वे मुझे घरेलू क्रिकेट में काफ़ी समय से देख रहे थे।
मुझे पहली बार [2022 में] बांग्लादेश दौरे के लिए चुना गया था। तब से मैं सोच रहा था कि क्या भारतीय टीम में जगह बनाने का मुझे कभी एक और मौक़ा मिलेगा। मैंने दूसरों से सुना है कि वापसी करना बहुत बड़ी बात है। मुझे यह प्रोत्साहन मिला है कि मैंने इतनी बड़ी टेस्ट टीम में वापसी की है जिसमें ये सभी बड़े नाम हैं जो मेरे साथ खेलेंगे।

नागराज गोलापुड़ी ESPNcricinfo में ग्‍लोबल न्‍यूज़ एडिटर हैं। निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं।