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आंकड़े : दहाई का आंकड़ा ना छूने के मामले में रोहित शर्मा ने की सनत जयसूर्या की बराबरी

डे नाईट टेस्ट में ट्रैविस हेड के नाम अब दूसरे सर्वाधिक शतक हैं

एडिलेड में खेले जा रहे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफ़ी के दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन शतक जड़ने वाले ट्रैविस हेड ने कई रोचक आंकड़े अपने नाम किए। जबकि ना सिर्फ़ प्रदर्शन के लिहाज़ से बल्कि आंकड़ों के लिहाज़ से भी भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के लिए यह दिन भूलने योग्य रहा। एक नज़र इन आंकड़ों पर डालते हैं।
111 हेड ने शतक बनाने के लिए 111 गेंदें ली और ऐसा करते हुए उन्होंने 2022 में होबार्ट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 112 गेंदों पर बनाए अपने शतक के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। डे नाईट टेस्ट में तीसरा सबसे तेज़ शतक का रिकॉर्ड भी हेड के नाम ही है, उन्होंने 2022 में एडिलेड ओवल में ही वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 125 गेंदों पर शतक बनाया था।
3 डे नाईट टेस्ट की 13 पारियों में हेड ने तीन शतक लगाए हैं। सिर्फ़ मार्नस लाबुशेन के नाम ही डे नाईट टेस्ट में हेड से ज़्यादा शतक हैं, उन्होंने 15 पारियों में चार शतक लगाए हैं।
35.13 भारत और अन्य टीमों के ख़िलाफ़ 2023 से लेकर अब तक टेस्ट में हेड की औसत का अंतर 35.13 है। उन्होंने भारत के ख़िलाफ़ टेस्ट में 11 पारियों में 65.60 की औसत से 656 रन बनाए हैं , जिसमें शतक और दो अर्धशतक शामिल हैं। इसके ठीक विपरीत दूसरी विपक्षी टीमों के ख़िलाफ़ हेड ने इसी अवधि में 30.47 की औसत से 23 पारियों में 701 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और चार अर्धशतक शामिल हैं।
1 मिचेल स्टार्क ने टेस्ट में पहली बार शुभमन गिल को अपना शिकार बनाया। गिल ने अब तक 13 पारियों में स्टार्क की 177 गेंदों का सामना करते हुए 23 चौके और दो छक्के के साथ 162 रन बनाए हैं।
11.83 2024-25 टेस्ट सीज़न में रोहित की यह बल्लेबाज़ी औसत कम से कम 10 पारियां खेलने वाले और शीर्ष छह में बल्लेबाज़ी करने वाले कप्तान की दूसरी न्यूनतम औसत है। सबसे न्यूनतम औसत के मामले में सबसे आगे जेफ़ क्रो हैं, जिन्होंने 1987-88 के सीज़न में 11.80 की औसत से रन बनाए थे।
रोहित इस सीज़न 12 पारियों में आठ बार दहाई के आंकड़े को छू नहीं पाए हैं जो कि किसी कप्तान के लिए संयुक्त तौर पर दूसरा सर्वाधिक है। मोमिनुल हक़ 2021-22 के सीज़न में नौ बार दहाई के आंकड़े को नहीं छू पाए थे।
3 2024 में टेस्ट में यह तीसरी बार है जब रोहित दोनों पारियों में दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए हैं, एडिलेड से पहले वह बांग्लादेश के ख़िलाफ़ चेन्नई और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पुणे में दोनों पारियों में दहाई के आंकड़े तक पहुंचने में असफल सिद्ध हुए थे।
भारत बल्लेबाज़ों में सिर्फ़ वीरेंद्र सहवाग (2006 में चार बार) ही एक सीज़न में रोहित से ज़्यादा बार दोनों पारियों में दहाई के आंकड़े को छूने में असफल साबित हुए हैं। 1971 में अशोक मांकड और 2004 में आकाश चोपड़ा तीन बार दहाई के आंकड़े को नहीं छू पाए थे।
सनत जयसूर्या (2001 में) और मोमिनुल (2022 में) ही सिर्फ़ अन्य दो कप्तान हैं जो एक कैलेंडर ईयर में तीन बार टेस्ट की दोनों पारियों में दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाए।