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क्या अक्षर का टी20 विश्व कप से भी पत्ता कट चुका है ?

चौथे टी20 मैच में बेहतरीन गेंदबाज़ी करने वाले भारतीय स्पिनर को चयनकर्ताओं से काफ़ी उम्मीदें हैं

Axar Patel prised out Glenn Maxwell, India vs Australia, 2nd Men's T20I, Thiruvananthapuram, November 26, 2023

अक्षर पटेल को साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेले जाने वाली टी20 सीरीज़ में नहीं चुना गया है  •  BCCI

गुरूवार की शाम को साउथ अफ़्रीका के दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान किया गया था। उस दौरे के टी20आई टीम में अक्षर पटेल का नाम मौजूद नहीं था, जबकि वॉशिंगटन सुंदर और रवि बिश्नोई पर चयनकर्ताओं ने भरोसा जताया है। अक्षर की जगह पर टीम में रवींद्र जाडेजा को तरज़ीह दी गई थी।
ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ खेली जा रही मौजूदा सीरीज़ के बाद भारत को टी20 विश्व कप से पहले सिर्फ़ छह टी20आई मैच खेलने हैं। ऐसे में यह सवाल लाज़मी है कि क्या अक्षर पटेल का वनडे विश्व कप के बाद टी20 आई विश्व कप से भी पत्ता कट चुका है ? हालांकि एक बात यह भी है कि अक्षर पटेल वनडे विश्व कप से चोट के कारण बाहर हुए थे। हालांकि यहां मामला थोड़ा अलग नज़र आ रहा है।
अगर जाडेजा और अक्षर के कौशल पर बात की जाए तो अक्षर भले ही जाडेजा से बेहतर टी20 बल्लेबाज़ माने जाते हैं लेकिन जब बात गेंदबाज़ी की आती है तो वहां जाडेजा काफ़ी आगे खड़े हैं।
हालांकि इस तरह के आकलन से इतर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच रायपुर में खेले गए चौथे टी20 मैच को देखा जाए तो अक्षर और रवि बिश्नोई ने भारतीय बल्लेबाज़ों के द्वारा बनाए गए 174 के स्कोर को अपनी बेहतरीन गेंदबाज़ी से पहाड़ जैसा बना दिया था।
पहले तीन टी20 मैच ओस वाली परिस्थितियों और सपाट पिचों पर खेले गए थे। ऐसे में यह तो तय ही था कि गेंदबाज़ों के लिए यहां ज़्यादा विकल्प नहीं है। पहले तीन टी20 मैचों की छह पारियों में पांच बार 200 या उससे ज़्यादा का स्कोर बना और एक बार 191 का स्कोर बना।
इस स्तर के खेल में लोग आपके वीडियो देखते हैं, आपका अध्ययन करते हैं। ऐसे में मुझे भी कुछ न कुछ तो करना ही होगा। ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ी करूंगा और विकेट लूंगा। जब मैं चोटिल था, मैं सोच रहा था कि मैं अपनी गेंदबाज़ी में और क्या बदलाव कर सकता हूं। यह तो तय है कि मैं कोई बड़ा बदलाव नहीं कर सकता, लेकिन कुछ छोटी चीज़ों को ज़रूर जोड़ा जा सकता था।
अक्षर पटेल
शुक्रवार को पिच में तेज़ गेंदबाज़ों और स्पिनर्स के लिए ठीक-ठाक मदद थी। ओस भी न के बराबर ही थी। इस सीरीज़ में पहली बार ऐसा महसूस हो रहा था कि गेंद और बल्ले के बीच अच्छी प्रतिस्पर्धा हो रही है। इसलिए जब रिंकू सिंह और जितेश शर्मा ने भारत को 174 के स्कोर तक पहुंचाया, तो भारत को पता था कि वे मुकाबले में बने हुए हैं।
हालांकि ट्रैविस हेड ने दीपक चाहर के तीसरे ओवर में 22 रन बटोर कर ऑस्ट्रेलिया को मैच में आगे लाकर खड़ा कर दिया था। इस ओवर के बाद मामला कुछ ऐसा था कि ज़रूरी रन रेट 8 से नीचे की थी और सिर्फ़ तीन ओवर में ऑस्ट्रेलिया ने 40 रन बना लिए थे।
इसके बाद कप्तान सूर्यकुमार यादव सीधे रवि की तरफ़ मुड़े और उन्हें गेंद थमा दी। अक्षर और रवि ने पिछले तीन टी20आई मैचों में भी पावरप्ले के अंदर गेंदबाज़ी की थी और इसके सकारात्मक परिणाम रहे थे। इस मैच में स्पिनर को लाने का विचार काम कर गया और रवि ने अपनी पहली ही गेंद पर सफलता हासिल कर ली।
हेड इस साल ऐसे ही भारत के लिए जीत के रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा रहे हैं। पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में उन्होंने शतक लगाया फिर वनडे विश्व कप के फ़ाइनल में भी अविश्वसनीय पारी खेली और अब इस मैच को भी वह भारत की पकड़ से दूर लेकर जा रहे थे।
रवि के सफल ओवर के बाद सूर्या ने उसी गेंदबाज़ की तरफ़ रूख़ किया, जिन्होंने तीसरे टी20आई के दूसरी पारी के 19वें ओवर में 22 रन दिए थे और वहां से मैच भारत के हाथों से फिसल गया था।
हालांकि सूर्या को पता था कि वह क्या कर रहे हैं और उन्होंने अक्षर पर भरोसा जताया। यह फ़ैसला थोड़ा रिस्की था क्योंकि बाएं हाथ के गेंदबाज़ों के ख़िलाफ़ हेड 144.37 के स्ट्राइक से रन बनाते हैं। अक्षर की तीसरी गेंद पर अपने इसी तरह के स्ट्राइक रेट का परिचय देते हुए हेड ने स्लॉग स्वीप करने का प्रयास किया लेकिन लीडिंग एज़ लगने के कारण उन्हें पवेलियन वापस लौटना पड़ा।
मैच के बाद अक्षर ने कहा, "आप यह नहीं सोच सकते कि आप बाएं हाथ के स्पिनर हैं, तो बाएं हाथ का बल्लेबाज़ आपके ख़िलाफ़ आसानी से रन बना लेगा। यदि आप उनके स्लॉट में गेंदबाज़ी करते हैं तो आपके ख़िलाफ़ रन तो बनेंगे ही। वहीं अगर आप अपनी योजना ठीक तरीक़े से लागू करने का प्रयास करते हैं और इसके बावजूद आपके ख़िलाफ़ रन बन रहे हैं तो फिर आप ज़्यादा कुछ नहीं कर सकते। लेकिन अगर आप पहले से ही यह सोचते हैं कि यह बल्लेबाज़ मेरे ख़िलाफ़ रन बनाएगा तो यह ग़लत है और आपको मानसिक बदलाव की ज़रूरत है। आपको आक्रमण करते रहना होगा और सोचना होगा कि आपको उस बल्लेबाज़ को आउट करना है।"
अक्षर आम तौर पर तेज़ गति से गेंदबाज़ी करते हैं। उनकी गति अमूमन लगभग 90 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की होती है लेकिन अपने अगले ओवर में उन्होंने इसे धीमा करके 85 किमी प्रति घंटे तक कर दिया। इसके कारण उन्हें हार्डी का भी विकेट मिल गया।
अक्षर ने कहा, " इस स्तर के खेल में लोग आपके वीडियो देखते हैं, आपका अध्ययन करते हैं। ऐसे में मुझे भी कुछ न कुछ तो करना ही होगा। ऐसा नहीं है कि मैं सिर्फ़ तेज़ गेंदबाज़ी करूंगा और विकेट लूंगा। जब मैं चोटिल था, मैं सोच रहा था कि मैं अपनी गेंदबाज़ी में और क्या बदलाव कर सकता हूं। यह तो तय है कि मैं कोई बड़ा बदलाव नहीं कर सकता, लेकिन कुछ छोटी चीज़ों को ज़रूर जोड़ा जा सकता था।
"मैं पिछले तीन मैचों से ऐसा कर रहा हूं। एक ओवर में कम से कम एक गेंद मैं धीमी फेंक रहा हूं। अपनी गति बदल रहा हूं, और फिर एक तेज़ गेंद फेंक रहा हूं। लाइन और लेंथ आपको स्पष्ट रूप से टी20 क्रिकेट में अलग-अलग करनी होगी लेकिन अब मैं गति के साथ भी कुछ बदलाव करने का प्रयास कर रहा हूं।"
अक्षर ने कहा कि वह चयनकर्ताओं को ग़लत साबित करने के लिए मैदान पर नहीं उतरे थे लेकिन उन्हें उम्मीद है कि यह प्रदर्शन उन्हें चयनकर्ताओं के दिमाग़ में बनाए रखेगा।

हेमंत बराड़ ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं