रेड्डी ने धमाकेदार आग़ाज़ से हार्दिक का बैकअप बनने के दिए संकेत
नीतीश कुमार रेड्डी ने अपने करियर की शुरुआत में यह दर्शाया है कि उनके अंदर तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर बनने की क्षमता है
हेमंत बराड़
10-Oct-2024
T20 क्रिकेट में नो बॉल पर बजने वाले सायरन से अधिक ख़तरनाक चीज़ क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के लिए कुछ और नहीं होती। बुधवार को दिल्ली में दूसरे T20I में जब महमुदउल्लाह ने ओवर स्टेप किया तब तस्वीर ज़्यादा अलग नहीं थी।
इससे पहले तक बांग्लादेश ने भारत को परेशानी में डाल रखा था। शुरुआत में पिच अलग नज़र आ रही थी, पहले छह ओवर में भारत 41 के स्कोर पर अपने तीन विकेट गंवा चुका था। क्रीज़ पर जुलाई के बाद भारत के लिए पहली बार बल्लेबाज़ी कर रहे रिंकू सिंह थे और उनका साथ देने के लिए नीतीश कुमार रेड्डी थे जो सिर्फ़ अपना दूसरा T20I खेल रहे थे।
भारत एक ख़राब स्थिति में नज़र आ रहा था क्योंकि दिल्ली की पहचान अब एक हाई स्कोरिंग वेन्यू के तौर पर बन चुकी थी। ख़ासकर IPL में इस साल यहां खेले गए सभी पांच मैचों में पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीमों ने 200 से अधिक का स्कोर खड़ा किया था।
जब नो बॉल का सायरन बजा तब रेड्डी 100 के स्ट्राइक रेट के साथ 13 रन बनाकर खेल रहे थे। लेकिन आगे बढ़ने से पहले उनकी अब तक की यात्रा पर एक नज़र डालते हैं।
21 वर्षीय रेड्डी को IPL 2024 में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद जगह मिली थी। उन्होंने 142.92 के स्ट्राइक रेट से 303 रन बनाए थे और तीन विकेट झटके थे। उन्हें ज़िम्बाब्वे के ख़िलाफ़ पांच मैचों की T20I सीरीज़ के लिए भारतीय दल में शामिल किया गया था लेकिन हर्निया इंजरी के चलते वह इस श्रृंखला का हिस्सा नहीं बन पाए।
अंततः उन्हें मौजूदा श्रृंखला के पहले मैच में ग्वालियर में डेब्यू करने का मौक़ा मिला। उनके डेब्यू और भारत की जीत के इतर यह मैच रेड्डी के लिए अधिक यादगार नहीं रहा। उन्होंने दो ओवर में बिना विकेट लिए 17 रन दिए और वह इकलौते ऐसे भारतीय बल्लेबाज़ थे जिसने 150 से कम के स्ट्राइक रेट (15 गेंदों पर 16 रन) से रन बनाया था।
IPL में नंबर चार पर बल्लेबाज़ी करने वाले रियान पराग के दल में मौजूद होने के बावजूद ने लगातार दूसरे मैच में रेड्डी में भरोसा जताने का फ़ैसला किया। लेकिन एक बार फिर चीज़ें रेड्डी के पक्ष में नहीं जा रही थीं। वह अभी अपने खाता भी नहीं खोल पाए थे कि सूर्यकुमार यादव द्वारा लगाया गया शॉट नॉन स्ट्राइकर एंड पर उनके कंधे पर जा लगा। रेड्डी दर्द से कराह रहे थे लेकिन यह दर्द उतना नहीं था कि उन्हें मैदान से बाहर जाने पर मजबूर कर सके।
रेड्डी के पहले दो स्कोरिंग शॉट, सिंगल और चौका, उनके बल्ले के बीचों बीच लगकर नहीं आए थे। जब वह पांच के निजी स्कोर पर थे तब तंज़ीम हसन शाकिब की शॉर्ट पिच गेंद को पुल करने के गए लेकिन गेंद उनके दस्ताने पर लगकर लेग साइड में लुढ़क गई। भाग्य का एक बार फिर उन्हें साथ मिला क्योंकि लिटन दास ने उनका कैच टपका दिया था।
मेहदी हसन मिराज़ और महमुदउल्लाह के ख़िलाफ़ सहज नहीं दिखाई दे रहे थे लेकिन बाद में ख़ुद रेड्डी ने कहा कि नो बॉल होने के बाद उन्हें ऐसा लगा कि अब उनकी बारी आ गई है।
रेड्डी ने फ़्री हिट पर लॉन्ग ऑन के ऊपर से छक्का जड़ दिया। अगली ही गेंद पर वह LBW के क़रीबी अपील पर बाल बाल बचे। लेकिन महमुदउल्लाह ने जैसे ही ऑफ़ स्टंप के बाहर छोटी और वाइड गेंद डाली उन्हें उसे कवर्स के क्षेत्र में चौके के लिए भेज दिया। इसके बाद रेड्डी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
अगले ओवर में रेड्डी ने रिशाद हुसैन की गेंद पर लगातार दो छक्के लगाए। सात ओवर में 51 पर तीन के स्कोर से 100 ओवर में 100 के पार पहुंच गया।
27 गेंदों में अर्धशतक पूरा करने के बाद उन्होंने अपनी गति को और बढ़ा लिया और मेहदी के एक ओवर में उन्होंने एक चौका और तीन छक्के जड़ दिए। उन्होंने अपने अंतिम 21 गेंदों पर 61 रन बनाए और यह क्रॉस बैटेड शॉट खेलने के कारण नहीं आए थे।
रेड्डी ने कुल सात छक्के लगाए। उन्होंने लॉन्ग ऑफ़ और डीप मिडविकेट के क्षेत्र को टारगेट किया। हालांकि उनका सबसे प्रभावित करने वाला शॉट छक्का नहीं एक चौका था। मेहदी ने अराउंड द विकेट आकर ब्लॉक होल में गेंद डाली थी, रेड्डी गेंद नीचे गए और बॉटम हैंड का इस्तेमाल करते हुए उसे मिडविकेट की ओर भेज दिया। शॉट में एलिवेशन नहीं था लेकिन ताक़त इतनी थी कि गेंद एक टप्पा खाकर चौके के लिए चली गई। रेड्डी जब आउट हुए तब भारत 13.3 ओवर में 149 के स्कोर पर पहुंच चुका था।
हालांकि अभी तो उन्होंने आधा काम ही किया था। सूर्यकुमार यादव ने उन्हें नई गेंद थमाई और अपने निर्णय पर सूर्यकुमार ने कहा, "यह उनका दिन था इसलिए मुझे लगा कि उन्हें इस दिन का आनंद उठाने दिया जाए ताकि वह इसे और बड़ा बना सकें।"
रेड्डी ने पहले दो ओवर किफ़ायती डाले। इसके बाद डेथ में उन्हें दो विकेट भी हासिल हुए। कवर्स पर खड़े रहने के दौरान उन्होंने अंडर आर्म डायरेक्ट हिट भी लगाया, जिसके चलते जाकेर अली को पवेलियन लौटना पड़ा। रेड्डी को उनके ऑलराउंड खेल के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच भी चुना गया।
रेड्डी ने पोस्ट मैच प्रेज़ेंटेशन में कहा, "भारत का प्रतिनिधित्व करना गर्व की बात है। मैं इसका श्रेय कप्तान और कोच (गौतम गंभीर) को देना चाहूंगा। उन्होंने मुझसे IPL की तरह ही आक्रामक अंदाज़ में बल्लेबाज़ी करने के लिए कहा था। मैं यह वादा करना चाहता हूं कि मैं आगे भी ऐसे प्रदर्शन कर सकता हूं।"
पिछले काफ़ी वर्षों से भारत में हार्दिक पंड्या तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर के रूप में अकेले भार उठा रहे हैं। जब भी वे चोटिल हुए भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो गई। भारत ने वेंकटेश अय्यर और शिवम दुबे को आज़माया, दोनों ही बल्ले और गेंद दोनों के साथ उम्मीदों के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर पाए।
इस संदर्भ में रेड्डी का प्रदर्शन और अहम हो जाता है। लेकिन यह तो अभी सिर्फ़ शुरुआत है, उन्हें अभी काफ़ी आगे जाना है।
हेमंत बराड़ ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के कंसल्टेंट सब एडिटर नवनीत झा ने किया है।