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अश्विन : मैं अपने करियर के उस स्टेज पर हूं जहां मैं अपनी बल्लेबाज़ी पर ज़्यादा ध्यान दे सकता हूं

अश्विन ने कहा कि वह अब जो भी कर रहे हैं, वह सिर्फ़ ख़ुशी हासिल करने और खेल का आनंद लेने के लिए कर रहा हैं

R Ashwin gets a bear hug from Ravindra Jadeja after reaching his century, India vs Bangladesh, 1st Test, Chennai, 1st day, September 19, 2024

आर अश्विन के नाम टेस्ट क्रिकेट में कुल पांच शतक और 3309 रन हैं  •  AFP/Getty Images

अक्सर हम आर अश्विन की गेंदबाज़ी पर बात करते हैं, उनके आंकड़ों और प्रदर्शन को जानने का प्रयास करते हैं। हालंकि चेन्नई टेस्ट में अश्विन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जिस तरह की बल्लेबाज़ी की, उसके कारण उनकी बल्लेबाज़ी क्षमता चर्चा का विषय बना हुआ है। अश्विन ने बांग्लादेश के ख़िलाफ़ 133 गेंदों पर 113 रन बनाए, जिसकी बदौलत भारत ने पहली पारी में 376 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बाद भारतीय गेंदबाज़ों ने बांग्लादेश की पूरी टीम को 146 रनों पर समेट दिया और मैच पर नियंत्रण बना लिया।
चेन्नई टेस्ट के पहले दिन जब अश्विन बल्लेबाज़ी करने आए तो भारतीय टीम 144 के स्कोर पर छह विकेट गंवा कर संघर्ष कर रही थी। अश्विन को क्रिकेट इतिहास के सबसे अच्छे स्पिनरों में से एक माना जाता है लेकिन चेन्नई टेस्ट में उन्होंने अपने उस पहचान को पीछे छोड़ते हुए, वही किया जिसका अभ्यास उन्होंने अपने पूरे करियर के दौरान बल्ले के साथ किया है।
अश्विन ने कहा, "मैं अभी अपने करियर के उस मोड़ पर हूं, जहां मैं अपनी बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी को अलग-अलग कर के देख सकता हूं। इसी कारण से जब मैं मैदान पर उतरा तो मेरा एक ही लक्ष्य था कि मैं अपनी पारी को व्यस्थित तरीक़े से आगे बढ़ाऊं। ऐसी स्थिति में अक्सर आपका दिमाग़ अलग-अलग चीज़ें सोच सकता है। गेंदबाज़ी करते समय मैं अक्सर 12, 18, 24 गेंद आगे की सोचता हूं, पर बल्लेबाज़ी करते वक़्त मैं उस तरह से नहीं सोच सकता। मैंने बस अपने अनुभव का प्रयोग किया और अपने खेल को आगे बढ़ाया। इस पारी में मैं ऐसा नहीं सोच रहा था कि बस गेंद पर फ़ोकस करना है और शॉट्स खेलना है। यह उससे कहीं बढ़ कर था।"
मैं पहले अपने खेल में कई चीज़ों की आलोचना करता था लेकिन अब उतना नहीं करता क्योंकि मैंने पहले ही खु़द पर बहुत दबाव डाल लिया है। मुझे अपने प्रदर्शन से या प्रेस क़ॉन्फ़्रेंस में अपने आलोचकों को जवाब देने में खु़शी मिलती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन दिनों मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं अपने खेल का आनंद उठाऊं। चेहरे पर मुस्कान के साथ अपना क्रिकेट खेलूं।
अश्विन
हालांकि इस कहानी का एक हिस्सा और भी है, जो थोड़ा सा छुपा हुआ है। 38 की उम्र में भी अगर आप अश्विन को देखें तो वह हमेशा सीखने के लिए और अपने खेल में बेहतरी लाने के लिए आतुर रहते हैं। भले ही टेस्ट क्रिकेट में उनकी झोली में 500 से अधिक विकेट हैं लेकिन अश्विन थम नहीं रहे हैं।
इसका कारण अश्विन ने ख़ुद ही बताया, "आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं और अगर आप ऐसा करने में सफल होते हैं तो दिन के अंत में आपको खु़शी महसूस होती है। यही सोच मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। जब भी मैं अच्छा प्रदर्शन करता हूं, तो यह मुझे एक सुखद और खु़शहाल मनःस्थिति में छोड़ देता है। आप वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं। लोग आपको देख रहे होते हैं, और आपको इस पर गर्व और खु़शी महसूस होती है।"
हालांकि एक समय ऐसा भी था, जब अश्विन को इस तरह की आज़ादी के साथ अपना क्रिकेट खेलने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था।
"मैं पहले अपने खेल में कई चीज़ों की आलोचना करता था लेकिन अब उतना नहीं करता क्योंकि मैंने पहले ही खु़द पर बहुत दबाव डाल लिया है। मुझे अपने प्रदर्शन से या प्रेस क़ॉन्फ़्रेंस में अपने आलोचकों को जवाब देने में खु़शी मिलती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इन दिनों मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मैं अपने खेल का आनंद उठाऊं। चेहरे पर मुस्कान के साथ अपना क्रिकेट खेलूं। चार-पांच साल पहले बड़ी मुश्किल से मैंने खु़द से वादा किया था कि अब मैं किसी को जवाब नहीं दूंगा और अपनी खु़शी के लिए खेलूंगा। और मैंने इसे आज तक क़ायम रखा है।''
अपने घरेलू मैदान पर यह अश्विन का लगातार दूसरा टेस्ट शतक था। इससे पहले 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भी अश्विन ने कुछ ऐसा ही कारनामा किया था। हालांकि कौन सी पारी ज़्यादा बेहतर थी, अश्विन यह बताने में सक्षम नहीं थे।
उन्होंने कहा, "इग्लैंड टेस्ट के ख़िलाफ़ खेले गए टेस्ट में काफ़ी कुछ दांव पर था। हम पहला मैच हार चुके थे। जब मैंने पिछली बार चेन्नई में खेला था तो वह मैच मेरे लिए वापसी जैसा था। मैं थोड़ा अस्थिर था। तब हम ऑस्ट्रेलिया हो कर आए थे, तो वो शतक अलग था और तब से मेरी बल्लेबाज़ी काफी आगे बढ़ चुकी है। मैंने अपनी बल्लेबाज़ी पर बहुत मेहनत की कि कैसे मैं अपने शॉट्स का अधिक से अधिक लाभ उठा सकता हूं, अपने खेल को बेहतर बना सकता हूं। मैंने यह भी सीखा कि तेज़ गेंदबाज़ों का कैसे सामना करना है। मुझे खु़शी है कि अब मुझे इसमें सफलता मिल रही है।"