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आक्रामकता में सतर्कता को समाहित कर रोहित ने कैसे खेली कप्तानी पारी

जाडेजा ने रोहित की पारी के बारे में कहा कि पूरी दुनिया रोहित के पीछे थी लेकिन हमारे ड्रेसिंग रूम का माहौल बिल्कुल शांत था

रन न बनना किसी भी बल्लेबाज़ को परेशान कर सकता है। लेकिन रोहित शर्मा का साहस तो देखिए। पूरी दुनिया उनके पीछे लगी हुई है। रिटायर कब होंगे? रन क्यों नहीं बन रहे हैं? क्या इस फ़ॉर्म के साथ रोहित को चैंपिंयस ट्रॉफ़ी में कप्तानी करनी चाहिए? साथ ही सोशल मीडिया पर उनको लेकर हज़ारों मीम लेकिन इन सब चीज़ों की फ़िक्र किए बिना रोहित ने कटक में ऐसी पारी खेली जो निजी रन बटोरने से कहीं ज़्यादा ऊपर की थी। दूसरे वनडे में भारत को मिली जीत में रोहित ने 90 गेंदों में 119 रनों की पारी खेली और भारत को वनडे सीरीज़ में अजेय बढ़त दिलाने में सफल रहे।
कटक में रोहित ने कई ऐसे मुश्किल सवालों का बख़ूबी जवाब देने की कोशिश की, जो उनसे एक बड़े ICC टूर्नामेंट से पहले पूछा जा रहा था। इंग्लैंड के ख़िलाफ़ भारत की जीत में उन्होंने एक आक्रामक शुरुआत करते हुए, पहले टीम की जीत की बुनियाद रखी और जब शुभमन गिल और विराट कोहली का विकेट गिरा तो सतर्कता के साथ बल्लेबाज़ी करते हुए टीम को अच्छी परिस्थिति में पहुंचाया।
एक बार के लिए यह ज़रूर कहा जा सकता है कि पारी पिक्चर-परफेक्ट नहीं थी। रोहित कई बार अंदर आती गेंदों पर बीट हुए, आगे बढ़कर ड्राइव लगाने के प्रयास में मोटा किनारा लगा, पगबाधा की अपील में अंपायर्स कॉल से भी बचे। लेकिन इन सब के बीच उनकी मंशा साफ़ थी--वह तेज़ी से टीम के लिए रन बनाना चाहते थे। टीम को जीत दिलाना चाहते थे।
रोहित ने मैच में जीत हासिल करने के बाद कहा कि आज के मैच में उनका पूरा ध्यान एक लंबी पारी खेलने पर था। उन्होंने कहा, " मैंने अपनी बल्लेबाज़ी को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटा। यह T20 से लंबा और टेस्ट से छोटा फ़ॉर्मेट है। इसलिए मैंने अपनी पारी को छोट-छोटे हिस्सों में आगे बढ़ाया। मैंने छोटे हिस्सों में खेलने का सोचा। मेरा पूरा ध्यान एक लंबी पारी खेलने पर था।"
भले ही रोहित की पिछली 12 अंतर्राष्ट्रीय पारियों में सिर्फ़ 155 रन आए थे। रणजी में भी रन नहीं बने। पहले वनडे में भी सिर्फ़ दो रन बने थे। यहां तक की मैच से एक दिन पहले नेट्स में रोहित संघर्ष कर रहे थे। उनके कुछ शॉट्स सही से कनेक्ट नहीं हो रहे थे, दो बार आउट भी हुए। लेकिन जब मुक़ाबले में उन्होंने गस एटकिंसन के ख़िलाफ़ फ़्लिक करके एक शानदार छक्का जड़ा, तो ऐसा लगा मानो यह दिन उन्हीं का है। इसके बाद जो शॉट्स उनके बल्ले से निकले, उन सभी शॉट्स ने बता दिया कि उनका बॉडी मूवमेंट, उनका बैलेंस, फ़ुटवर्क और हैंड आई कॉर्डिनेशन वापसी करने के लिए उतावले हो रहे हैं।
रोहित ने 90 गेंदों में 119 रन बनाया । 132.22 का स्ट्राइक रेट बता रहा है कि उन्होंने बिना किसी चिंता के खुल कर अपने शॉट्स लगाए। लेकिन इस आक्रामकता में एक सतर्कता भी छुपी हुई थी।
दिसंबर 2023 के बाद से रोहित शर्मा के पहले 10 ओवर में सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले तीन शॉट्स में पुल शॉट भी शामिल है। पहले 10 ओवरो में पुल शॉट के खेलने के दौरान उनका स्ट्राइक रेट तो 211.90 का है। वहीं पहले 10 ओवर के बाद भी रोहित के लिए पुल शॉट सबसे अधिक रन बटोरने वाले शॉट्स में से एक है, और ख़ास इस शॉट के लिए उनका स्ट्राइक रेट 212.12 का है। कुल मिला कर यह कहा जा सकता है कि पुल रोहित के प्रिय शॉट्स में से एक हैं। हालांकि एक आंकड़ा यह भी कहता है कि शॉर्ट ऑफ़ गुडलेथ और शॉर्ट गेंदों के ख़िलाफ़ रोहित सात बार (दिसंबर 2023 के बाद से) आउट हो चुके हैं।
कटक में ताबड़तोड़ पारी खेलने वाले रोहित की सतर्कता इसी शॉट में छुपी हुई थी, क्योंकि उन्होंने किसी तेज़ गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ यह शॉट खेलने के लिए 16वें ओवर तक का इंतेज़ार किया। इससे पहले उन्होंने किसी भी तेज़ गेंदबाज़ के ख़िलाफ़ पुल शॉट नहीं लगाया था। साथ ही वह शुरुआत में अपने कुछ शॉट्स को ज़मीन पर रखने का ज़्यादा प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने बल्लेबाज़ी में अपनी शुरुआत के बारे में कहा, "जब आप काली मिट्टी वाली पिच पर खेलते हैं, तो गेंद थोड़ी स्किड करती है, और शुरुआत में आपको बल्ले का पूरा चेहरा दिखाकर खेलना होता है। फिर उन्होंने शरीर पर और स्टंप्स की लाइन में गेंदबाज़ी की, वहीं मैंने अपनी रणनीति बनाई और गैप्स को भुनाने की कोशिश की।"
आज उन्हें (रोहित शर्मा को) देख कर लगा ही नहीं कि पिछले कुछ मैचों में रन नहीं बने हैं। बड़े खिलाड़ियों कि यही ख़ासियत होती है। हमारे लिए यह एक अच्छी बात है कि उनका शतक आ गया। रोहित को अपने गेम के बारे में पता है, उन्हें ज़्यादा कुछ सोचने की ज़रूरत ही नहीं है।
रोहित की पारी के बारे में रवींद जाडेजा का बयान
कुल मिला कर यह रोहित 2023 के वर्ल्ड कप वाले रोहित के काफ़ी क़रीब दिख रहा था, जहां जैसे ही विरोधी टीम कुछ अच्छा करने की कोशिश करती, वह तुरंत उन्हें ग़लत साबित करने का बीड़ा उठा लेते।
जब शुभमन गिल और विराट कोहली का विकेट एक छोटे अंतराल में गिरा तो रोहित ने अपनी पारी के गियर थोड़ा नीचे किया। जब गिल का विकेट गिरा तो रोहित 48 गेदों में 73 रन बना कर खेल रहे थे और उनका स्ट्राइक रेट 152.08 का था। लेकिन गिरते विकटों के बीच रोहित ने समझ-बूझ दिखाई और यहां से शतक तक पहुंचने में उन्होंने और 28 गेंदें खेलीं और काफ़ी समझ बूझ के साथ बल्लेबाज़ी की। इसी कारण से भारत आसानी से लक्ष्य तक पहुंच पाया।
हालांकि जब सिक्सर के साथ जब वह 32वें वनडे शतक तक पहुंचे तो उस शॉट ने एक बात तो साफ़ कर दी थी कि रोहित अपने रंग में है और वह शतक के बारे में ज़्यादा सोचे बिना आराम से अपने खेल को आगे बढ़ा रहे हैं। साथ ही बाहर से आने वाले सभी दबाव को उन्होंने तार-तार कर दिया है और इस चीज़ को रवींद्र जाडेजा ने भी स्वीकार किया।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कहा कि दुनिया भले ही रोहित के पीछे पड़ी हुई थी लेकिन हमारे ड्रेसिंग रूम का माहौल बिल्कुल शांत था। उन्होंने कहा, "आज उन्हें (रोहित शर्मा को) देख कर लगा ही नहीं कि पिछले कुछ मैचों में रन नहीं बने हैं। बड़े खिलाड़ियों कि यही ख़ासियत होती है। हमारे लिए यह एक अच्छी बात है कि उनका शतक आ गया। रोहित को अपने गेम के बारे में पता है, उन्हें ज़्यादा कुछ सोचने की ज़रूरत ही नहीं है।"

राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं