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गौतम गंभीर: सांसद, समाज सेवक, मेंटॉर से भारतीय टीम के मुख्य कोच तक का सफ़र

संन्यास लेने के बाद गंभीर ने बीच-बीच में कॉमेंट्री का भी काम किया, जहां वह अपने स्पष्ट और तीखे बयानों के लिए चर्चा में रहें

Gautam Gambhir and Hardik Pandya arrive at the Bandaranaike international airport, Colombo, July 22, 2024

भारतीय टीम का मुख्य कोच बनने के बाद गंभीर संवाददाताओं के सामने भी आए  •  AFP/Getty Images

भारत के 2007 T20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप जीत में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले गौतम गंभीर ने यूं तो 2003 में ही अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था, लेकिन 2007 से 2012 ही वह समय था, जब वह भारतीय टीम के तीनों फ़ॉर्मैट के नियमित सदस्य रहें। 2013 से उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी की बहुत कोशिश की, लेकिन रोहित शर्मा-शिखर धवन की सलामी जोड़ी बनने के बाद उन्हें टीम संयोजन की योजनाओं में पीछे छोड़ दिया गया।
2014 और 2016 में ज़रूर उन्हें क्रमश) इंग्लैंड और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ चार टेस्ट मैचों में खेलने मौक़ा मिला, लेकिन वह सफल वापसी कभी नहीं कर पाए। हालांकि इस दौरान कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की कप्तानी करते हुए 2012 और 2014 में उन्होंने दो बार IPL ख़िताब ज़रूर जीता। गंभीर इस दौरान लगातार घरेलू क्रिकेट भी खेलते रहे और अंततः दिसंबर 2018 में आंध्रा के ख़िलाफ़ रणजी मैच के बाद प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास ले लिया। इसके बाद से वह सांसद, कॉमेंटेटर और IPL टीमों की मेंटॉर की अलग-अलग भूमिका में नज़र आए। आइए डालते हैं संन्यास के बाद से गौतम गंभीर के अब तक के सफ़र पर नज़र।

सांसद (मई 2019-मई 2024)

संन्यास लेने के बाद गंभीर ने सबसे पहले राजनीति की तरफ़ रूख़ किया। उन्होंने मार्च 2019 में भारत में सत्तारूढ़ राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सदस्यता ग्रहण की। उसी साल मई में भारत में आम चुनाव भी होने वाले थे। गंभीर को राजधानी दिल्ली के पूर्वी लोकसभा सीट से BJP का टिकट मिला, जहां के वह निवासी भी हैं। गंभीर वहां से लगभग सात लाख वोटों से विजयी हुए और 2024 तक सांसद रहें।
इस दौरान गंभीर ने अपने लोकसभा क्षेत्र में कई काम किए, जिसमें सबसे प्रमुख काम कोविड-19 के दौरान अपने दो साल का सांसद वेतन कोरोना से लड़ाई के लिए दान करना था। हालांकि पांच साल सांसद रहने के बाद गंभीर ने मार्च 2024 में राजनीति से संन्यास ले लिया और वह अगले आम चुनावों में नहीं लड़ें।

समाजसेवा (2014-अब तक)

गंभीर राजनीति में भले ही 2019 में आए, लेकिन वह अपने क्रिकेटिंग दिनों से ही समाजसेवा करते आ रहे हैं। 2014 में उन्होंने गौतम गंभीर फ़ाउंडेशन की स्थापना की थी, जिसका कार्यक्षेत्र प्रमुख रूप से दिल्ली ही था। उन्होंने 2017 में दिल्ली के पटेल नगर में कम्यूनिटी किचन 'गंभीर की रसोई (एक आशा, जन रसोई)' की स्थापना की, जहां पर सिर्फ़ एक रूपये में आम लोगों, मज़दूरों और ग़रीबों को खाना दिया जाता है, ताकि कोई भूखा ना सो सके। कोरोना के दौरान इस रसोई के सस्ते दरों को भी मुफ़्त कर दिया गया था। इसके अलावा पैरामिलिट्री बलों के शहीद हुए जवानों के परिवार ख़ासकर बच्चों की शिक्षा का प्रबंध भी गंभीर का फ़ाउंडेशन करता है।
गंभीर को व्यक्तिगत सहयोग के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने 2023 में पूर्व भारतीय स्पिनर राहुल शर्मा की सांस की ब्रेन हैमरेज सर्ज़री के लिए ज़रूरी आर्थिक मदद की थी, जिसको सोशल मीडिया पर ख़ूब सराहा गया था।

कॉमेंटेटर (2019-2021)

प्रतिस्पर्धी क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गंभीर ने कॉमेंट्री और मीडिया पैनलिस्ट बनने की ओर भी रूख़ किया, जहां खिलाड़ियों, प्रशासकों और चयनकर्ताओं पर अपने स्पष्ट बयानों और तीख़े विचारों के लिए वह लगातार चर्चा में रहें। गंभीर ने यह काम 2021 तक नियमित रूप से किया, जब तक वह नई आ रही IPL टीम लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के मेंटॉर नहीं बन गए। मेंटॉर बनने के बाद कॉमेंट्री में उनकी उपस्थिति कम होने लगी।
हालांकि इस दौरान गंभीर की लगातार आलोचना भी होती रही कि सांसद रहने के दौरान वह कैसे देश-विदेश में घूम-घूमकर नियमित कॉमेंट्री कर सकते हैं, उन्हें अपने क्षेत्र में होना चाहिए। लेकिन गंभीर ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए एक बार कहा था कि वह ऐसा इसलिए करते हैं ताकि उनका NGO और कम्यूनिटी किचन नियमित रूप से चल सके और उसमें कोई बाधा ना आए।

मेंटॉर (2022-2024)

गंभीर ने 2022 और 2023 के IPL सीज़न के दौरान LSG की मेंटॉरशिप की और उनके नेतृत्व में टीम दोनों बार प्ले ऑफ़ में पहुंची। 2024 के IPL के दौरान वह अपनी पुरानी टीम KKR की तरफ़ लौटे और अपनी मेंटॉरशिप के दौरान टीम को ख़िताब दिला दिया। इसके बाद से ही उनके लगातार भारतीय टीम के कोच बनने की चर्चा तेज़ हो चुकी थी। इससे पहले 2018 में अपने अंतिम IPL सीज़न के दौरान गंभीर ने बीच सीज़न में ही कप्तानी छोड़ दी थी और कहा था कि वह टीम के मेंटॉर बनकर रहेंगे।
आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गंभीर लगातार वेटरन और लीजेंड्री क्रिकेट भी खेलते रहें। दिसंबर 2023 में उन्होंने आख़िरी बार लीजेंड्स लीग क्रिकेट खेला था।