स्नेह राणा : महिला क्रिकेट में भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप ज़रूरी
भारतीय महिला टीम की ऑफ़ स्पिनर ने कहा कि वह अपनी गेंदबाज़ी में विविधता लाई हैं
निखिल शर्मा
05-Jul-2024
स्नेह राणा के लिए यादगार रहा यह टेस्ट • BCCI
भारतीय टीम ने हाल ही में चेन्नई में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ हुए एकमात्र टेस्ट में जीत दर्ज करके टेस्ट मैचों में जीत की हैट्रिक लगा दी। इस जीत में भारत के लिए अहम भूमिका निभाने वाली ऑफ़ स्पिनर स्नेह राणा का मानना है कि पुरुष टेस्ट क्रिकेट की तरह महिला क्रिकेट में भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप होना ज़रूरी है।
राणा ने ESPNcricinfo के साथ बातचीत में कहा, "मेरा यही मानना है कि महिला क्रिकेट में भी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप होना चाहिए। अभी घरेलू क्रिकेट में भी हम लोग लाल गेंद से क्रिकेट खेलने लगे हैं। अभी धीरे-धीरे टेस्ट मैच भी होने लगे हैं और बहुत ही पॉज़िटिव परिणाम आया है। मुझे लगता है विश्व टेस्ट चैंपियनशिप शुरू होने से महिला क्रिकेट को बढ़ावा मिलेगा।"
भारतीय टीम ने पिछले साल इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया को घर में हराने के बाद अब साउथ अफ़्रीका को हराया है, जिससे उन्होंने जीत की हैट्रिक लगा दी है। राणा का मानना है कि टीम अब तीनों प्रारूपों में अच्छा कर रही है और टीम का प्रभुत्व अब दिखने लगा है।
उन्होंने कहा, "सबसे पहले तो यह माइंडसेट है, हमने संयम दिखाया है। परिस्थतियां तो वही होती हैं, बस दिन बढ़ जाते हैं तो यही देखना होता है कि फ़िटनेस पर कैसे काम किया जाए, कौशल तो वही होता है। भारतीय टीम तीनों प्रारूपों में ही अच्छा कर रही है। टी20, वनडे में अच्छा कर रही हैं। विश्व कप के सेमीफ़ाइनल, फ़ाइनल तक भी पहुंच रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट में तो आपने देखा ही कि हमने एक के बाद एक मैच जीते हैं। जीत की हैट्रिक हम लोगों ने लगाई है जो एक बड़ा एहसास है।"
राणा ने पहली पारी में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 77 रन देकर आठ विकेट लिए थे। राणा महिला टेस्ट में आठ विकेट लेने वाली तीसरी गेंदबाज़ बनी हैं। राणा से पहले, नीतू डेविड ने 1995 में हुए जमशेदपुर टेस्ट में 53 रन देकर आठ विकेट लिए थे। वहीं ऐश्ली गार्डनर ने पिछले साल ऐशेज़ टेस्ट में चौथी पारी में 66 रन देकर आठ विकेट लिए थे।
इसी के साथ एक टेस्ट मैच में 10 विकेट लेने वाली भी वह केवल दूसरी भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। राणा ने इस मैच में 188 रन देकर 10 विकेट लिए थे। इससे पहले झूलन गोस्वामी ने टांटन टेस्ट में 2006 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 78 रन देकर 10 विकेट लिए थे। इस के बारे में राणा को जानकारी नहीं थी लेकिन टीम के साथियों ने उन्हें इस बारे में बताया। यह कारनामा उन्होंने अपनी गेंदबाज़ी में लाई विविधता के कारण किया है। इसके बारे में भी राणा ने खुलकर बात की।
राणा ने कहा, "मेरी ऑफ़ स्पिन तो है ही, लेकिन मैं सीधी गेंद भी करती हूं, कभी-कभी तेज़ गेंद भी डालती हूं। मेरी तो पूरी गेंदबाज़ी ही मेरी ताक़त है। लेकिन हां मैं अपनी स्टॉक बॉल को अपनी ताक़त मानती हूं। इतने सालों से मुझे इसी से मदद मिली है। तो आपने देखा होगा कि अधिकतर गेंद मेरी वही रहती है। यह गेंद हवा में लूप होकर आती है और सीम पर गिरती है, जिससे गेंद को उछाल भी मिलता है। मैंने इस गेंद से काफ़ी समय बल्लेबाज़ों को फंसाया है।"
"मैदान में रहने तक मुझे नहीं पता था कि मैं टेस्ट क्रिकेट में एक मैच में 10 विकेट लेने वाली केवल दूसरी भारतीय बनी हूं। जब हम मैदान से बाहर जा रहे थे, तो सभी मुझे बधाई दे रहे थे, तब मुझे पता चला कि मैंने यह कारनामा किया है, लेकिन उससे पहले मेरे दिमाग़ में ऐसा कुछ भी नहीं था।"
विकेट लेने के बाद जश्न मनाती स्नेह राणा•BCCI
आगे टी20 विश्व कप होना है और अभी साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ टी20 सीरीज़ का भी वह हिस्सा नहीं है। स्नेह का मानना है कि डब्ल्यूपीएल के आने से अब प्रतिस्पर्धा काफ़ी बढ़ गई है।
टीम में नहीं चुने जाने पर राणा ने कहा, "देखो तो यह एक खिलाड़ी के करियर का हिस्सा है, कभी टीम में होते हैं, कभी बाहर होते हैं। जो भी टीम टी20 विश्व कप में चुनी जाती है। उनको मेरी तरफ से शुभकामनाएं। चाहूंगी कि भारत जीते। मेरी पूरी कोशिश है कि कमबैक करूं। लेकिन मैं कहना चाहूंगी कि मेरा काम मेहनत करना है, चुना जाना मेरे हाथ में नहीं है।"
"डब्ल्यूपीएल के आने से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। बदलाव तो आया है, लड़कियां अभी क्रिकेट को चुन रही हैं और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, भारत में घरेलू क्रिकेट में बहुत सारी लड़कियां हैं जो अच्छा कर रही हैं और अभी भारतीय टीम में भी उनमें से कुछ खिलाड़ियों ने जगह बनाई है। तो प्रतिस्पर्धा तो अब बहुत बढ़ गई है। महिला क्रिकेट में बहुत बदलाव आए हैं। जैसा पहले भी बोला अब कई लड़कियां क्रिकेट खेल रही हैं। इसी के साथ हमारी सैलरी भी अब पुरुष टीम के बराबर हो गई है। कई सुविधाएं हमें मिलने लगी हैं। मुझे लगता है कि यह बहुत ही पॉज़िटिव बदलाव है।"
घरेलू क्रिकेट में रेलवेज़ के लिए खेलने वाली राणा ने प्रमुख कोच अमोल मजूमदार की भी तारीफ़ की और बताया कि उनके टीम में आने से खिलाड़ियों में क्या बदलाव आए हैं।
राणा ने कहा, "उनके आने से टीम का माइंडसेट बदल गया है। उनको पता है कि किस खिलाड़ी का खेल कैसे निकालना है। उसकी ताक़त को पहचानकर मैच में उनसे वह निकलवाना अमोल सर की ख़ासियत है। यह एक बहुत ही पॉज़िटिव पहलू है उनके अंदर। वह मैच से पहले और मैच में भी लगातार प्रोत्साहित करते हैं, यह बात उनके अंदर मुझे बहुत अच्छी लगती है।"
भारतीय पुरुष टीम के टी20 विश्व कप जीतने पर उन्होंने ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा, "यह बहुत बड़ा लम्हा है। सभी भारतीय प्रशंसकों के लिए बहुत गर्व का पल है, हमने इतने सालों बाद आईसीसी ट्रॉफ़ी जीती है। मैं सभी खिलाड़ियों को बधाई देना चाहूंगी, साथ ही धन्यवाद भी करना चाहूंगी कि उन्होंने हमें इतना बड़ा लम्हा दिया।"
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26