'एक्सप्रेस मयंक' ने गति में मिश्रण से रोहित समेत बहुतों को चौंकाया
मयंक ने पहली बार T20 क्रिकेट में स्लोवर गेंद पर हासिल किया विकेट
नीरज पाण्डेय
27-Apr-2025
Mayank Yadav ने MI के ख़िलाफ़ 40 रन देकर लिए दो विकेट • BCCI
मयंक यादव की वापसी का इंतज़ार केवल लखनऊ सुपर जॉयंट्स (LSG) के फैंस को ही नहीं था बल्कि सभी भारतीय क्रिकेटप्रेमी उन्हें वापस एक्शन में देखने के लिए बेताब थे। IPL 2025 की शुरुआत से पहले फ़िटनेस संबंधी समस्याओं के कारण मयंक टीम से नहीं जुड़ सके। इसके बाद राजस्थान रॉयल्स (RR) के ख़िलाफ़ मैच से पहले जब वह टीम के साथ जुड़े तो लोगों को लगा कि अब उन्हें देखने का मौक़ा मिलेगा। हालांकि, लगातार दो मैचों में बल्लेबाज़ी फ़्लॉप होने के कारण मयंक को इंपैक्ट के रूप में शामिल नहीं किया जा सका। अब मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ मयंक प्लेइंग 11 का हिस्सा बने और उन्होंने रोहित शर्मा तथा हार्दिक पांड्या के बड़े विकेट निकाले।
मयंक की गेंदबाज़ी की सबसे चर्चित बात उनकी गति रही है। पिछले सीज़न एक्सप्रेस पेस के कारण चर्चा में आए मयंक MI के ख़िलाफ़ एकदम विपरीत अंदाज़ में गेंदबाज़ी करते हुए दिखे। पिछले सीज़न किसी भी हाल में गति से समझौता नहीं करने वाले इस 22 साल के तेज़ गेंदबाज़ ने 2025 सीज़न के अपने पहले मैच में गति में जमकर मिश्रण किया। मयंक ने मैच में अपने स्पेल की आख़िरी गेंद 109.3 किमी/घंटा की गति से डाली और ये शायद उनके करियर की सबसे धीमी गेंद होगी। मयंक इस मैच में 145 की गति को भी नहीं छू सके।
पिछले सीज़न अपने IPL करियर की तीसरी गेंद ही 150 की गति से डालकर मयंक ने सबका ध्यान खींचा था। इसके बाद RCB के ख़िलाफ़ मैच में उन्होंने छह गेंदें 150 से अधिक की गति से डाली थी जिसमें 156.3 की सीज़न की सबसे तेज़ गति वाली गेंद भी शामिल थी। अगले ही मैच में GT के ख़िलाफ़ केवल एक ओवर डालने के बाद उन्हें चोट के कारण मैदान से बाहर जाना पड़ा। लगभग तीन सप्ताह बाहर रहने के बाद उन्होंने MI के ख़िलाफ़ मैच से वापसी की, लेकिन इस मैच में भी 3.1 ओवर की गेंदबाज़ी के बाद उन्हें मैदान छोड़ना पड़ा और वह पूरे सीज़न से बाहर हो गए।
मयंक ने जब भारतीय टीम के लिए T20 इंटरनेशनल डेब्यू किया तब भी बांग्लादेश के ख़िलाफ़ उनकी एक्सप्रेस पेस देखने को मिली, लेकिन एक और इंजरी ने उन्हें सोचने पर मज़बूर कर दिया। अक्टूबर में लगी चोट से उबरने में मयंक को लगभग छह महीने लग गए। इस तरह उन्हें पूरा घरेलू सीज़न मिस करना पड़ा। यहीं से संभवतः मयंक को ये समझ आया होगा कि पेस में मिश्रण करते रहना उनके शरीर के लिए कितना आवश्यक है। मयंक ने MI के ख़िलाफ़ लगातार 135 से 138 के बीच में गति रखी और इस बीच बहुत बड़े मिश्रण भी किए। रोहित ने मयंक के दूसरे ओवर में लगातार दो छक्के मारे थे और वो दोनों ही गेंद 142 के क़रीब वाली गति की थी।
इसके बाद मयंक ने अचानक 120.6 की गति वाली ऑफ़ स्टंप के बाहर की गेंद डाली जिस पर रोहित शॉर्ट थर्ड पर लपके गए। हार्दिक को 134.2 की गति वाली स्ट्रेट गेंद पर क्लीन बोल्ड करके मयंक ने फिर दिखाया कि सही टप्पा और लाइन पर गेंद रखना सबसे अहम चीज़ है। हार्दिक को उम्मीद थी कि गेंद तेज़ी से आएगी और इस चक्कर में उनका बल्ला पहले ही चल गया। मयंक ने इसी ओवर में 113.2 की गति वाली भी एक गेंद डाली थी। यदि मयंक के चारों ओवर को देखा जाए तो साफ़ पता चलता है कि उनका पूरा ध्यान सही लाइन और लेंथ पर था बजाय गति को लगातार बढ़ाने पर।
मयंक ने छह महीने बाद कोई प्रोफेशनल मैच खेलते हुए जिस तरह से ख़ुद को ढाला है उससे पूर्व भारतीय दिग्गज अनिल कुंबले काफ़ी खुश हैं। ESPNCricinfo के मिड इनिंग शो में बात करते हुए मयंक की गति में मिश्रण का कुंबले ने ख़ूब तारीफ़ किया।
उन्होंने कहा, "वापसी में समय लगेगा, लेकिन ये काफ़ी प्रभावशाली रहा। लंबे समय बाद पहला मैच खेलते हुए और ख़ास तौर पर मुंबई इंडियंस जैसी तगड़ी बल्लेबाज़ी वाली टीम के ख़िलाफ़ और वानखेड़े जैसे मैदान में। एक गेंदबाज़ के तौर पर आपको पता होता है कि वानखेड़े में आपके पास गलती की गुंजाइश बेहद कम है।"
"ये सब जानते हुए और इतनी लंबी चोट से वापसी करते हुए उन्होंने काफ़ी ज़्यादा प्रभावित किया है। उन्होंने रोहित और हार्दिक के दो महत्वपूर्ण विकेट लिए। मेरे हिसाब से उन्होंने जिस लेंथ पर गेंदबाज़ी की और जो विविधताएं दिखाई वो काफ़ी प्रभावित करने वाली थीं।"