अजीत राम : एक ओल्ड स्कूल स्पिनर जिसे लंबे स्पेल डालना पसंद है
अजीत ने अपने कौशल से सभी को प्रभावित किया है
देवरायण मुथु
11-Feb-2024
अजीत ने इस सीज़न में अब तक 27 विकेट चटकाए हैं • PTI
आर अश्विन और वॉशिंगटन सुंदर दोनों की ही अनुपस्थिति में तमिलनाडु के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। उनके पास स्पिन गेंदबाज़ी आक्रमण में अभी भी गहराई मौजूद है, जिसकी अगुवाई आर साई किशोर कर रहे हैं। तमिलनाडु के पास अजित राम हैं, जो कि एक ओल्ड स्कूल बाएं हाथ के फ़िंगर स्पिनर हैं और लंबे स्पेल डालना पसंद करते हैं।
अजीत साई किशोर जितने लंबे तो नहीं हैं लेकिन वाइड ऑफ़ द क्रीज़ से शार्प एंगल क्रिएट कर सकते हैं। उन्होंने रविवार को चेपॉक में कर्नाटका के ख़िलाफ़ स्टंप से पहले राउंड द विकेट आकर मयंक अग्रवाल के लेग स्टंप को उड़ाकर अपनी इसी क्षमता का परिचय भी दिया। कर्नाटका को 139 पर समेटने में सबसे अहम योगदान अजीत ने ही दिया, अजीत ने 20 ओवर की गेंदबाज़ी करते हुए 61 रन देकर पांच विकेट चटकाए। अजीत ने पहली पारी में भी 30 ओवरों की गेंदबाज़ी करते हुए 75 रन देकर चार विकेट झटके थे।
अजीत ने शनिवार को कहा था, "मुझे लंबे स्पेल डालना ज़्यादा पसंद है। इसलिए जब मुझे लंबा स्पेल डालना होता है तो इसके लिए मुझे कप्तान को यह विश्वास दिलाना होता है कि मैं टाइट गेंदबाज़ी करूंगा और ज़्यादा रन नहीं दूंगा। मैं एक ऐसा गेंदबाज़ हूं जो दूसरे छोर से गेंदबाज़ी कर रहे गेंदबाज़ की मदद कर सकता है, ऐसे में अगर दोनों ही छोर से अच्छी गेंदबाज़ी हो तो किसी भी गेंदबाज़ को विकेट मिल सकता है।"
"मैं स्टंप लाइन में गेंदबाज़ी करना पसंद करता हूं। अगर बल्लेबाज़ मिस करता है तो एलबीडब्ल्यू आउट करने का मौक़ा बन सकता है और अगर गेंद टर्न होती है तो उन्हें स्लिप या कीपर के हाथों कैच आउट कराया जा सकता है।"
अजीत ने पिछले सीज़न में चार मैच खेलकर 20.36 की औसत से 19 विकेट निकाले थे जबकि इस सीज़न में उन्होंने अब तक पांच मैच खेलकर 13.03 की औसत से 27 विकेट चटकाए हैं।
"तमिलनाडु के लिए खेलना मेरे लिए लंबे समय से सपना था। इसलिए मैं हर दिन बेहतर करने का प्रयास करता था। भाग्यवश मुझे पिछले तीन चार साल में अंडर 19 और अंडर 23 के स्तर पर अच्छा करने के बाद पिछले साल खेलने का मौक़ा मिला।"
अजीत ने पहले दिन ही देवदत्त पड़िक्कल को अपना शिकार बना लिया होता अगर 77 के निजी स्कोर पर उनकी गेंद पर एम मोहम्मद ने लॉन्ग ऑन पर कैच ड्रॉप नहीं किया होता। इसके बाद पड़िक्कल ने 151 रन की पारी खेली। हालांकि एक समय ऐसा भी था जब अजीत के लिए पड़िक्कल जैसे बल्लेबाज़ों को गेंदबाज़ी करना मुश्किल प्रतीत हो रहा था। इसलिए जब वह तमिलनाडु की योजनाओं का हिस्सा नहीं थे तब उन्होंने MBA के कोर्स में भी प्रवेश ले लिया था।
अजीत ने कहा, "मैंने यह फ़ैसला इसलिए किया था ताकि मैं यूनिवर्सिटी क्रिकेट खेल सकूं। कोर्स में दाखिला लेने का फ़ैसला इसलिए लिया था क्योंकि इसके चलते मैं रणजी ट्रॉफ़ी ना खेलने के दौरान अतिरिक्त गेम खेल सकता हूं। हमारे इंट्रा कॉलेज मैच होंगे और यह मेरे लिए एक अच्छा अवसर होगा।"
अजीत को यह विश्वास है कि यूनिवर्सिटी क्रिकेट खेलने से उन्हें रणजी ट्रॉफ़ी के लिए तैयारी करने में मदद मिली है।
"मैं इसे निजी तौर पर अपने लिए अच्छी मैच प्रैक्टिस मानता हूं क्योंकि सभी अच्छे क्रिकेटर यूनिवर्सिटी और कॉलेज के लिए खेलते हैं। मैं यूनिवर्सिटी मैच में कर्नाटका के तीन चार खिलाड़ियों के साथ खेला भी हूं। तो इसलिए यह सीखने के लिहाज़ से अच्छा अनुभव है।"
देवरायण मुथु ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं