मेरठ में जब
IPL 2024 की नीलामी में 8.40 करोड़ में बिकने वाले
समीर रिज़वी के घर में जश्न बुधवार को भी जारी था। तमाम मीडिया चैनलों के रिपोर्टर, विधायक, आस-पड़ोस के लोगों ने समीर को घेर रखा था। ऐसा लगा जैसे वह रात भर से सोया ही नहीं है। पूरे दिन लोगों के सवालों का ज़वाब देने वाले समीर जब रात को बिस्तर पर सोए होंगे तो उनके मन में कुछ सवाल कूरेद रहे होंगे। आख़िर कैसे हुआ? धोनी से क्या कहूंगा? इतने पैसों का क्या करूंगा?
उत्तर प्रदेश के 20 साल के इस युवा बल्लेबाज़ समीर को यहां तक पहुंचने के लिए बहुत कुछ समर्पण करना पड़ा। घर में दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। पिता को तीन साल पहले ब्रेन हेमरेज़ हुआ था। एक तरह से क्रिकेट से आ रहे पैसों से ही घर का ख़र्च चल रहा था लेकिन इस पल का समीर साक्षी भी नहीं बन पाए क्योंकि उन्होंने नीलामी देखी ही नहीं।
ESPNcricinfo से बातचीत में समीर ने कहा, "मैंने इतने सालों तक जिस चीज़ के लिए मेहनत की है उसका क़रीब 50 प्रतिशत पूरा हो गया है। मुझे कल रात बहुत ही मुश्किल से नींद आई। मैंने अपनी नीलामी भी नहीं देखी थी क्योंकि मेरे से पहले तीन-चार खिलाड़ी नहीं बिके थे तो मुझे डर लगने लगा था। मैं बिस्तर पर लेटते हुए भी यही सोच रहा था कि कैसे गेम में जाऊंगा, कैसे करूंगा, लेकिन साथ ही उत्साहित भी था।"
"मेरे लिए भी यही सवाल थे कि कैसे मैं इतना महंगा बिक गया, सीएसके ने मुझे कैसे ले लिया यही सवाल थे। अभी मेरे मन में सफ़ाई ही नहीं है कि इतना महंगा क्यों लिया है। इस पैसे का मैं क्या करूंगा तो वह मेरा परिवार तय करेगा।"
सीएसके एक ऐसी टीम है जहां पर युवाओं पर भरोसा जताया जाता है, उन्हें कई मौक़े दिए जाते हैं। सीएसके के IPL इतिहास में पहली बार 20 साल के अनकैप्ड युवा खिलाड़ी पर इतनी रक़म ख़र्च की गई है। यानि सीएसके प्रबंधन ने उनके अंदर कुछ जरूर देखा होगा। यूपी टी20 लीग में कानपुर सुपरस्टार्स की तरफ़ से खेलते हुए समीर ने टीम के लिए सर्वाधिक छक्के लगाए थे। टूर्नामेंट में उनके नाम दो शानदार शतकों के साथ कुल 455 रन दर्ज हुए। इसी के बाद उनका नीलामी में चुना जाना तय था।
समीर ने इसको लेकर कहा, "मुझे ऊपर वाले ने यह तोहफ़ा दिया है, हर किसी को सीएसके से खेलने का मौक़ा नहीं मिलता है। मैं खु़श हूं कि उसका हिस्सा बना हूं, वह एक चैंपियन टीम है।"
समीर को सोशल मीडिया पर दायें हाथ का
सुरेश रैना कहा जा रहा है। सीएसके फ़ैंस उनको चिन्ना थाला 2.0 मानने लगे हैं। ऐसा शायद पहली बार हुआ है जब IPL में चुने गए एक युवा बल्लेबाज़ की इतने बड़े खिलाड़ी से तुलना की जा रही है। बता दें कि समीर ने अपने करियर की शुरुआत साल 2011 में मेरठ की गांधी बाग एकेडमी से की थी जहां पर उनके मामा तनक़ीब अख़्तर कोच हैं। यही वह साल था जब इस मैदान पर उत्तर प्रदेश बनाम सौराष्ट्र रणजी मुक़ाबला हुआ था। इस मैच में खेलने रैना भी आए थे और उन्होंने पांच साल के समीर को शानदार फ़ील्डिंग करते देखा और खु़श होकर उनको अपना चश्मा तोहफ़े में दे दिया था। रैना को भी यह बात आज तक याद है।
रैना से तुलना पर समीर ने कहा, "मेरा जैसा खेल है, जिस तरह से मैं खेलता हूं उसी वजह से लोगों ने नाम दिया है। अगर मैं लोगों को दायें हाथ का रैना लग रहा हूं तो जो चीज़ उन्होंने सीएसके के लिए की है, वही करूंगा। फ़ील्डिंग उन्हें भी पसंद थी और मुझे भी बहुत पसंद है। मैं मैदान पर पूरी जान लगा दूंगा।"
मामा तनक़ीब ने कहा, "चेन्नई ने अगर इसको ख़रीदा है तो कई चीज़ देखी होगी, कोई भी इंसान कोई समान लेता है तो देखकर ही लेता है। अगर इसको लिया है तो इसका कौशल सहित सभी चीज़ देखी होंगी। जो भी अच्छा खिलाड़ी होता है और वह किसी बड़े खिलाड़ी से मिलता है तो वह हर जगह तारीफ़ करता है। मैं पक्के तौर पर तो नहीं कह सकता हूं लेकिन हो सकता है कि रैना ने भी कहा होगा। रैना यूपी से हैं तो उन्होंने कुछ तो बोला होगा। रैना यूपी लीग का एक मैच भी देखने आए थे और उस मैच में रैना ने ही समीर को ऑरेंज कैप भी दी थी।"
समीर भारत के उन चुनिंदा युवा भारतीय खिलाड़ियों में से हैं, जिन्हें 17 साल की उम्र में ही दो बार अंडर-19 इंडिया में खेलने का मौक़ा मिल गया था। लेकिन 2020 अंडर-19 में उन्हें नहीं चुना गया और जब 2022 की टीम खेली तो वह नियम के मुताबिक पहले ही दो बार अंडर-19 के लिए खेल चुके थे। वहीं समीर को सीनियर टीम में भी बहुत जल्दी जगह मिल गई और 2020 में 17 साल की उम्र में ही उन्होंने अपना रणजी डेब्यू कर लिया था लेकिन अनुभव कम होने की वजह से उनको लगातार मैच खेलने के मौक़े नहीं मिले लेकिन जब-जब वह टीम में नहीं रहते तो उन्हें जूनियर खेलने बतौर कप्तान भेजा जाता, जिसका उदाहरण अभी अंडर-23 ट्रॉफ़ी जहां वह कप्तान रहे और उत्तराखंड को फ़ाइनल में हराकर ट्रॉफ़ी जीते। यह किसी भी ऐज़ ग्रुप में 18 साल बाद यूपी की पहली ट्रॉफ़ी थी।
समीर ने इस समय के बारे में कहा, "बुरा समय तो आता ही है, बाहर बैठने का या रन नहीं बनाने का, लेकिन बुरा समय आना भी ज़रूरी होता है। 10 मैच में से आठ में नहीं चला। सीनियर वनडे खेला, चार-पांच मैच में फेल हो गया। मैंने पहले भी दो बार मुंबई इंडियंस के ट्रायल दिए थे लेकिन सफल नहीं हो पाया था। इस बार मुझे सभी 10 फ़्रैंचाइजी ने बुलाया लेकिन अंडर-23 खेलने की वजह से केवल तीन पंजाब, आरसीबी और राजस्थान के लिए ही ट्रायल दे पाया था।"
"मुझे राजीव शुक्ला सर ने बहुत समर्थन किया। अगर मैं सीनियर से बाहर हो रहा हूं तो मुझे जूनियर टीम में भेजा। कप्तान बनाया, जिससे मैं हर मैच में खेल सकूं। मेरा गेम दो तीन साल से दबा हुआ था, वहां खेलकर मेरा गेम खुला। सीनियर में खेल पाया, लीग में अच्छा कर पाया।"
"ऊपर वाला जो करता है अच्छे के लिए करता है। मैं अंडर-19 विश्व कप नहीं खेला तो इसे पॉज़िटिव लेकर गया। धोनी भाई ने भी बोला है कि ऐसा नहीं है कि जो इंडिया 19 नहीं खेलता वह IPL या इंडियन टीम में नहीं आ सकता। वह भी स्टार बने। उनकी बात को ही फ़ॉलो करूंगा।"
समीर अंडर-16 तक ओपनिंग किया करते थे लेकिन अंडर-16 में एक कोच ने उनकी स्पिन के ख़िलाफ़ बल्लेबाज़ी देखते हुए उन्हें मध्य क्रम में बल्लेबाज़ी करने को कहा और तब से उनका बल्ला खुलकर बोल रहा है। अब चेन्नई का विकेट धीमा है और यहां पर मध्य क्रम में एक सटीक बल्लेबाज़ की ज़रूरत है जो स्पिन को अच्छे से खेल सके।
समीर ने चेन्नई के विकेट पर कहा, "चेन्नई के विकेट का मुझे पता है। उसी चीज़ को ध्यान में रखते हुए मैं अभ्यास करूंगा। मेरे मैदान पर सभी तरह के विकेट हैं। सभी विकेटों पर अभ्यास करना है क्योंकि पूरे 14 मैच में बल्लेबाज़ी करनी है और सात मैच दूसरे मैदान पर खेलने हैं।"
ब्रॉडकास्ट के दौरान पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ आरपी सिंह ने समीर के IPL में दुनिया भर के तेज़ गेंदबाज़ों को खेलने की क्षमता पर संदेह किया था लेकिन समीर इसको पॉज़िटिव की तरह से देखते हैं।
समीर ने कहा, "मेरा जो गेम है मैं उसको बदलूंगा नहीं। अगर मैं सफल नहीं हो पाऊं तो वह चलेगा लेकिन मैं अपने गेम में बदलाव नहीं करना चाहता। चेंज करूंगा तो शायद प्रदर्शन नहीं कर पाऊं। मैं तैयार हूं और भी तैयारी करूंगा। मैं उनकी बात को पॉज़िटिव की तरह से देखता हूं।"
"रिंकू भाई से भी बात हुई। उन्होंने बोला है कि इस समय के मजे़ लें। फ़ील्डिंग तो उनसे बहुत सीखी है। उनसे पूछता रहता हूं, माइंडसेट सहित सभी के बारे में। मेरी उनके साथ कई बार साझेदारी हुई तो वह यही बोलते थे कि नर्वस मत हो तू अंत में रन बना देगा। कई मैच में साझेदारी भी हुई तो नॉट आउट भी आया हूं। वह वाकई बहुत मदद करते हैं।"
सीएसके एक ऐसी टीम है जहां पर युवाओं का प्रदर्शन निखरकर आता है, उन्हें लगातार मौक़े दिए जाते हैं। मामा तनक़ीब भी जानते हैं कि अगर वह यहां पर सफल हो गया तो समीर का करियर बहुत आगे जा सकता है।
तनक़ीब ने कहा, "मैं मेरठ आया था तो सोचा था क्रिकेट खेलना है लेकिन गांव से आया था तो पता नहीं था कि ऐज ग्रुप क्रिकेट होती है। जब उम्र निकल गई तो मैं कोचिंग में आ गया। तो समीर मेरे साथ ही जाता था। उसमें बचपन से ही बड़ा टैलेंट था। सीएसके में चुने जाने का मतलब मैं समझ सकता हूं। मैं बस उसे यही समझाऊंगा कि ज़मीन से जुड़े रहना है। प्यार से रहना है, प्यार से बात करनी है, किसी को बुरा नहीं लगे। इसमें दुआओं का असर रहता है। पैसा आ गया तो बदल नहीं जाए। दुआओं से ही आदमी आगे बढ़ता है। IPL टी20 प्रारूप है और वह इसका सटीक खिलाड़ी है, जहां भी उसको बल्लेबाज़ी मिलेगी वह रन बना देगा। वह पहले से बहुत परिपक्व हुआ है, पहले ज़िम्मेदारी कम लेता था। अब मैच की परिस्थिति के हिसाब से वह खेलने लगा है।"
समीर के आगे बढ़कर लॉफ़्टेड ड्राइव और साइट स्क्रीन की ओर मारने के वीडियो तेज़ी से वायरल हो रहे हैं। पूरे सीएसके के फ़ैंस अपने इस नए चिन्ना थाला को इन शॉट को लगाते देखना चाहती हैं, लेकिन पता है समीर की हसरत क्या है? एक बार विराट कोहली से मुलाक़ात।
निखिल शर्मा ESPNcricinfo हिंदी में सीनियर सब एडिटर हैं। @nikss26