चयन से जुड़े सवाल : क्या कुलदीप और अक्षर एक साथ खेलेंगे?
राजकोट की पिच कैसी रहेगी? इस आधार पर भारत की कैसी प्लेइंग इलेवन हो सकती है?
कार्तिक कृष्णास्वामी
13-Feb-2024
2023 में अक्षर गेंद के साथ कुछ ख़ास कमाल नहीं कर पाए हैं • BCCI
अक्षर पटेल या कुलदीप यादव? या फिर अक्षर और कुलदीप? गुरुवार को राजकोट में शुरु होने वाले तीसरे टेस्ट मैच से पहले भारतीय टीम के सामने यह एक बड़ा सवाल है। वह भी तब जब केएल राहुल तीसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं। लेकिन क्या भारत तीन स्पिनर के साथ मैदान में उतर सकता है? यह इन तीन सवालों के जवाब पर निर्भर करेगा।
क्या जाडेजा फ़िट रहेंगे?
चोट के चलते राहुल और रवींद्र जाडेजा विशाखापटनम में खेला गया दूसरा टेस्ट मैच नहीं खेल पाए थे। राहुल दूसरे टेस्ट से बाहर हो चुके हैं लेकिन जाडेजा का फ़िटनेस टेस्ट होना अभी बाक़ी है। अगर जाडेजा फ़िट रहते हैं तब ऐसी स्थिति में अक्षर या कुलदीप में से किसी एक को। बाहर बैठना पड़ सकता है। हालांकि अक्षर और कुलदीप में से कुलदीप के खेलने की संभावना इसलिए भी अधिक है क्योंकि कुलदीप बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल परिस्थितियों में भी विपक्षी बल्लेबाज़ों के मन में विकेट निकालने की शंका पैदा कर पाते हैं। विशाखापटनम में भी कुलदीप ने पहली पारी में तीन विकेट लिए और स्पिनर की तिकड़ी में वह सबसे कंजूस गेंदबाज़ भी साबित हुए। कुलदीप की तुलना में अक्षर दूसरे टेस्ट में छाप छोड़ने में सफल नहीं हो पाए। उनकी वाइड रिलीज़ का फ़ायदा उठाने के लिए भारत ने उनसे चौथे दिन एक छोर से लगातार 14 ओवर गेंदबाज़ी कराई।
2023 की शुरुआत से अक्षर ने कुल 11 टेस्ट पारियों में सिर्फ़ आठ विकेट लिए हैं और इस दौरान उनकी औसत 49 की रही है जबकि उनका स्ट्राइक रेट 100 से थोड़ा ही कम है। हालांकि इसी अवधि में बल्लेबाज़ी में उनकी औसत 56.71 है। लेकिन अगर जाडेजा वापसी करते हैं तब भारतीय टीम मैनेजमेंट बतौर ऑलराउंडर अक्षर के ऊपर कुलदीप की विकेट टेकिंग क्षमता को तरजीह दे सकती है। अगर जाडेजा नहीं खेलते तब भारत निश्चित तौर पर रविचंद्रन अश्विन, कुलदीप और अक्षर के साथ मैदान में उतर सकता है।
राजकोट की पिच कैसी होगी?
राजकोट की पिच को भारत में बल्लेबाज़ी के लिए अनुकूल पिचों में से एक माना जाता है। इसी मैदान पर चेतेश्वर पुजारा और जाडेजा तिहरा शतक लगा चुके हैं। हालांकि ऐसे भी अवसर आए हैं जब होम टीम सौराष्ट्र ने टर्निंग पिचें तैयार करवाई हैं। जिसके परिणामस्वरूप अगर 20 प्रथम श्रेणी टोटल 500 के ऊपर रहे हैं तो 20 ऐसे भी रहे हैं जिसमें 150 से कम का स्कोर बना है। इस मैदान पर खेले गए पिछले दो मैचों में से एक मैच में पुजारा ने दोहरा शतक लगाया था जबकि अक्तूबर में रेस्ट ऑफ़ इंडिया और सौराष्ट्र के बीच ईरानी कप मुक़ाबले में तीसरी और चौथी पारी में सिर्फ़ 160 और 179 रन ही बन पाए थे।
इस वेन्यू पर भारत दो टेस्ट खेल चुका है। 2016 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ खेला गया टेस्ट ड्रॉ रहा था जबकि 2019 में वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ उसने पारी से जीत दर्ज की थी। दोनों ही मैचों में कलाई के स्पिनरों का दबदबा था। आदिल रशीद ने जहां 2016 के टेस्ट में सात विकेट लिए थे तो वहीं कुलदीप ने 2019 में दूसरी पारी में पांच विकेट हॉल लिया था। ऐसे में अगर पिच फ़्लैट रहती है तो कुलदीप के खेलने की संभावना अधिक रहेगी। अगर टर्निंग पिच रहती है तब कुलदीप के इतर या उनके साथ ही अक्षर को भी प्लेइंग इलेवन में शामिल किया जा सकता है।
क्या राहुल की अनुपस्थिति से चयन प्रभावित होगा?
राहुल अगर उपलब्ध रहते तो वह श्रेयस अय्यर को रिप्लेस करते। अब चूंकि राहुल उपलब्ध नहीं हैं, ऐसे में दूसरे टेस्ट में डेब्यू करने वाले रजत पाटीदार को मौक़ा मिल सकता है। जाडेजा, अश्विन और केएस भरत के रूप में निचले क्रम में भारत के पास गहराई मौजूद है। लेकिन भरत की फ़ॉर्म और बल्लेबाज़ी क्रम में ऊपर अनुभवहीनता को देखते हुए भारत को अक्षर का रुख़ करना पड़ सकता है।
इसका एक उपाय तो यह हो सकता है कि कुलदीप को बाहर रखा जाए। या फिर यह कि अक्षर या वॉशिंग्टन सुंदर को बल्लेबाज़ी ऑलराउंडर के तौर पर टीम में शामिल कर लें। लेकिन इससे बल्लेबाज़ी में गहराई सुनिश्चित करने के लिए स्थाई समाधान नहीं मिल जाएगा।
तीसरा रास्ता यह है कि भारत जसप्रीत बुमराह के रूप में इकलौते तेज़ गेंदबाज़ के साथ मैदान में उतरे। लेकिन अगर पहले तीन दिन तक पिच से अधिक मदद नहीं मिलती है तब भारत को एक ऐसे तेज़ गेंदबाज़ की ज़रूरत पड़ सकती है जोकि बुमराह का वर्कलोड मैनेज कर सके।
कार्तिक कृष्णास्वामी ESPNcricinfo में सहायक एडिटर हैं