तमिलनाडु के युवा सनसनी सिद्धार्थ अपने चाचा की राह पर चलना चाहते हैं
सिद्धार्थ ने पिछले साल TNPL में अपने दमदार प्रदर्शन के बाद घरेलू प्रतियोगिताओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है
देवरायण मुथु
22-Jan-2025
सिद्धार्थ को IPL के मेगा ऑक्शन के दौरान CSK ने अपनी टीम में शामिल किया था • TNPL
तमिलनाडु के 18 वर्षीय सी आंद्रे सिद्दार्थ लगभग एक साल से सफलता की लहर पर सवार हैं। जुलाई 2024 में TNPL में पदार्पण करने के बाद से, उन्होंने अपनी पहली छह पारियों में चार अर्द्धशतक बनाकर रणजी ट्रॉफ़ी में कदम रखा। इसके बाद IPL नीलामी में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने साथ शामिल किया और फिर पिछले दिसंबर उन्हें भारत की अंडर-19 टीम में भी जगह मिली।
18 साल के सिद्धार्थ ने अहमदाबाद में तमिलनाडु के साथ अंडर-19 कूच बिहार ट्रॉफ़ी की ख़िताब जीतकर नए साल की शुरुआत की। 2024-25 से पहले तमिलनाडु ने आख़िरी बार अंडर-19 क्रिकेट में यह ख़िताब 1991-92 में जीता था, तब उनके चाचा श्रीधरन शरत (वर्तमान राष्ट्रीय चयनकर्ता) उस विजयी टीम का हिस्सा थे।
घरेलू क्रिकेट में शरत ने 50 की औसत से 8700 प्रथम श्रेणी रन बनाए हैं। सिद्धार्थ अपनी चाचा की इस उपलब्धि पर गर्व करते हैं और इसे लेकर काफ़ी दबाव भी महसूस करते हैं।
सेलम में चंडीगढ़ के ख़िलाफ़ तमिलनाडु के मुक़ाबले से पहले सिद्दार्थ ने ESPNcricinfo से कहा, "एक दबाव तो है लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है कि उनके इतने प्रथम श्रेणी रनों के कारण वह दबाव है। वह (शरत) तमिलनाडु के इतिहास के महानतम बल्लेबाज़ों में से एक हैं। इसलिए मुझे उन उम्मीदों पर खरा उतरना होगा। मेरे चाचा ने बहुत कुछ हासिल है; मुझे कम से कम इसका आधा हिस्सा हासिल करना होगा,अन्यथा मुझे संतुष्टि नहीं मिल पाएगी।"
मैदान पर सिद्धार्थ ने इस दबाव को बखू़बी संभाला है। उन्होंने अपने रणजी करियर की शुरुआत कुछ शानदार पारियों से की, जिसमें 38, 66*, 55*, 41, 94 और 78 रन शामिल हैं। उनकी इन पारियों ने तमिलनाडु को रणजी ट्रॉफ़ी के पहले चरण में एलीट ग्रुप डी तालिका में शीर्ष पर पहुंचाने में मदद की। रणजी में डेब्यू करने से पहले ही तमिलनाडु के कई खिलाड़ियों (जिनमें आर अश्विन भी शामिल हैं) ने उन्हें भविष्य का सितारा बताया था। टीम मैनेजमेंट उन पर शीर्ष क्रम और मध्यक्रम दोनों में बल्लेबाज़ी करने का भरोसा करता है।
सिद्धार्थ कहते हैं, "सच कहूं तो, मैं बस बल्लेबाज़ी का आनंद लेना चाहता था। भले ही मुझे अगले मैच के लिए टीम से बाहर कर दिया जाए, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि मेरे लिए यह महत्वपूर्ण है कि मैं मैदान पर जाकर अपनी भावनाओं को व्यक्त करूं और टीम को प्राथमिकता दूं।
"अंडर-19 से रणजी ट्रॉफ़ी तक का बदलाव मेरे लिए मुख्य रूप से मानसिक बदलाव था, न कि तकनीकी। तन्मीर जब्बार (तमिलनाडु के पूर्व बल्लेबाज़) और मेरे पिता ने मुझसे कहा कि ज़्यादा सोचने की ज़रूरत नहीं है। बस गेंद को देखो और खेलो। यह बात बल्लेबाज़ी के दौरान मेरे लिए बहुत मददगार साबित हुई।"
सिद्धार्थ की बल्लेबाज़ी में मुरली विजय की झलक दिखाई देती है। जब सिद्धार्थ ड्राइव या फ्लिक करते हैं तो ऐसा लगता है,जैसे विजय ही बल्लेबाज़ी कर रहे हैं।
सिद्धार्थ कहते हैं, "कुछ लोग मुझसे कहते हैं कि मैं उन्हें विजय की याद दिलाता हूं। मुझे विजय की बल्लेबाज़ी करने का अंदाज़ और उनके पारी की शुरुआत करने का तरीका बहुत पसंद है। उनकी बल्लेबाज़ी इतनी आकर्षक होती है कि आप उन्हें पूरा दिन खेलते हुए देख सकते हैं।"
सिद्धार्थ के करियर पर उनके पिता चंद्रशेखर (पेशे से डॉक्टर) का भी गहरा प्रभाव रहा है। उनके पिता क्रिकेट के कई मैच और वीडियो देखते हैं ताकि सिद्धार्थ को नई तकनीकों और ट्रेंड्स से अपडेट रख सकें।
सिद्धार्थ कहते हैं, "मेरे करियर की शुरुआत से लेकर अब तक, मेरे पिता ने अहम भूमिका निभाई है। आज तक मेरे पिता ही मेरे खेल को अंदर तक जानते हैं और किसी भी समस्या के लिए मैं सबसे पहले उनके पास जाता हूं। चाहे कोई भी समस्या हो, वह हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं।"
रणजी ट्रॉफ़ी में शानदार प्रदर्शन के बाद, सिद्धार्थ को यूएई में 50 ओवर के एशिया कप के लिए भारत अंडर-19 टीम में चुना गया। उन्होंने चार पारियों में 15, 35, 22, और 20 का स्कोर बनाया। उन्हें शुरुआत मिल रही थी लेकिन वह उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पा रहे थे। घर लौटने के बाद, उन्होंने इस पर विचार किया कि उन्होंने उस दौरान क्या ग़लती की।
सिद्धार्थ बताते हैं, "मेरा रणजी सीजन अच्छा गया, लेकिन भारत अंडर-19 के में मैं अच्छा नहीं कर सका। मुझे अपने फ़्रंटफुट प्ले पर सुधार करना पड़ा क्योंकि उस समय मैं बहुत ज़्यादा क्रिकेट खेल रहा था। मुझे लगा कि मेरी बुनियादी तकनीक कमजोर हो रही थी। चेन्नई लौटने के बाद मैंने अपने पिता के साथ अपनी बेसिक्स पर काम किया। उम्मीद है कि अब मैं अपनी लय में वापस आ गया हूं।"
दिसंबर में दुबई में सिद्धार्थ को अच्छी खबर मिली जब सीएसके ने उन्हें उनके बेस प्राइस 20 लाख रुपये में खरीदा। वह उस समय वेंडीज़ में बर्गर खा रहे थे, जब उनके दोस्त ने उन्हें यह खबर दी।
IPL की मेगा निलामी में जब CSK ने सिद्धार्थ को अपनी टीम में शामिल किया, तब वह दुबुई में थे। उस दिन को याद करते हुए सिद्धार्थ कहते हैं, "CSK का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद ख़ास है। पहले राउंड में मुझे नहीं चुना गया था। उस समय मैं बांग्लादेश के ख़िलाफ़ एक अभ्यास मैच खेल रहा था, इसलिए मुझे पहले राउंड के बारे में पता नहीं चला। फिर जब मैं खा रहा था, मेरे दोस्त ने कॉल करके बताया कि CSK ने मुझे ख़रीदा है। मुझे विश्वास ही नहीं हुआ। फिर मैंने व्हाट्सएप पर सारे मैसेज देखे। उसके बाद ही मुझे एहसास हुआ कि CSK ने मेरे लिए बोली लगाई है। यह बहुत अच्छा अनुभव था।"
सिद्धार्थ IPL में एमएस धोनी और अश्विन जैसे खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने को लेकर उत्साहित हैं, लेकिन फ़िलहाल उनका ध्यान रणजी फ़ॉर्म को बनाए रखने और तमिलनाडु को 1987-88 के बाद पहली बार ख़िताब जिताने पर है।
सिद्धार्थ कहते हैं, "रणजी ट्रॉफ़ी जीतना मेरे करियर के मुख्य लक्ष्यों में से एक है। IPLमें चयनित होना बहुत अच्छा है लेकिन यह दो महीने दूर है। तमिलनाडु की कैप पहनना मेरे लिए ज़्यादा ख़ास था। तमिलनाडु भारत के सबसे बड़े क्रिकेटिंग राज्यों में से एक है, और रणजी ट्रॉफ़ी जीतना मेरे करियर में एक ख़ास उपलब्धि होगी।
"हम एक बार में सिर्फ़ एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं। सीनियर्स और सपोर्ट स्टाफ़ नए खिलाड़ियों पर ज़्यादा दबाव नहीं डालते। भारत अंडर-19 सीरीज़ के बाद मैंने अपनी बेसिक्स को फिर से सुधारा है और चेन्नई में कैंप के जरिए हमने अगले [रणजी] राउंड की तैयारी की है।"