WPL की पहली चैंपियन मुंबई इंडियंस (MI) खेल के तीनों विभागों में आक्रामक रूख़ अपनाना चाहती है। टीम की मुख्य कोच
शॉर्लोट एडवर्ड्स चाहती हैं कि उनके खिलाड़ी निडर होकर खेलें, जिससे घरेलू दर्शकों के सामने उनकी टीम तीन सालों में दूसरी बार ख़िताब जीत सके।
एडवर्ड्स ने मुंबई में हुई एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान कहा, "MI में जो भी खिलाड़ी आता है, उसे पता होता है कि उनसे क्या अपेक्षा की जा रही है। हम चाहते हैं कि गेंदबाज़ी, बल्लेबाज़ी और फ़ील्डिंग तीनों के दौरान हम आक्रामक रूख़ अपनाए। हमें पता है कि हमारी मज़बूती क्या है। हम चाहते हैं कि हर खिलाड़ी निडरता से खेले और खेल का लुत्फ़ उठाए। जब खिलाड़ी चेहरे पर मुस्कान लेकर खेलता है, तो इससे मुझे और
झूलन [गोस्वामी, गेंदबाज़ी कोच और मेंटॉर] को ख़ुशी मिलती है।"
उन्होंने आगे कहा, "हमने पिछले साल कुछ बेहतरीन क्रिकेट खेला था और इस साल भी हम उसी की मांग कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि लोग टीवी ऑन करें और MI को खेलते हुए देखे। हमने पिछले साल निश्चित रूप से ऐसा किया था और लोगों का मनोरंजन हुआ था।"
WPL 2024 के दौरान ऐसा ही एक मनोरंजक मैच गुजरात जायंट्स के ख़िलाफ़ हुआ था, जब MI ने गुजरात जायंट्स (GG) के ख़िलाफ़
191 रनों का पीछा किया था। इस मैच में MI की कप्तान
हरमनप्रीत कौर ने 10 चौकों और पांच छक्कों की मदद से 48 गेंदों में 95 रन बनाए थे। हालांकि
एलिमिनेटर में वे RCB से पांच रन पीछे रह गए थे क्योंकि हरमनप्रीत के आउट होने के बाद उनका मध्य क्रम आख़िरी 12 गेंदों में 16 रन भी नहीं बना पाया था।
एडवर्ड्स ने कहा, "पिछले साल हम बहुत ही कम अंतर से आगे बढ़ने से चूक गए थे, जो कि निराशाजनक था। लेकिन हमने उसी तरह से खेला, जैसा हम चाहते थे। इस साल भी हम उत्साहित हैं। हम लगातार इस टीम को बनाते रहना चाहते हैं। हम लगातार सुधार करना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम इस साल CCI (ब्रेबोर्न स्टेडियम) में एक और फ़ाइनल खेलें।"
इस साल MI के पास अंडर-25 उम्र की नौ खिलाड़ी हैं, जिसमें 16 साल की कमलिनी भी हैं। उन्होंने हाल ही में संपन्न हुई अंडर-19 विश्व कप में कुल 143 रन बनाया था और भारत को ख़िताब जिताने में मदद की थी। एडवर्ड्स ने कहा कि इन युवा खिलाड़ियों को यह सिखाना सबसे महत्वपूर्ण है कि सिर्फ़ छक्के मारना ही आक्रामकता नहीं है।
उन्होंने कहा, "युवा खिलाड़ियों की सबसे अच्छी बात है कि वे आक्रामकता लाती हैं। अब यह हम पर है कि हम उन्हें सिखाएं कि T20 क्रिकेट सिर्फ़ छक्के मारना नहीं है। हालांकि इससे उनकी आक्रामकता भी नहीं जानी चाहिए। मैं आने वाली प्रतिभाओं से बहुत प्रभावित हुई हूं। वे बहुत आगे की सोचती हैं और उनका दिमाग़ भी बहुत खुला है। उनको कोचिंग देना बहुत बेहतरीन अनुभव है। वे यह सब अपने चेहरे पर मुस्कान लाकर सीखती हैं, जिससे मुझे भी बहुत ख़ुशी मिलती है।"
"बड़ौदा हम सभी के लिए एक नई जगह है। हाल ही में भारत ने वहां वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ सीरीज़ खेली है, जहां विकेट अच्छी दिख रही थी। लखनऊ का इकाना स्टेडियम तो एक बेहतरीन स्टेडियम है।"
WPL के प्रसार पर झूलन गोस्वामी
गोस्वामी : WPL का लक्ष्य, देश में महिला क्रिकेट का विकास
जहां पहला WPL मुंबई और नवी मुंबई में हुआ था, वहीं दूसरे सत्र को बेंगलुरू और दिल्ली में भी विस्तारित किया गया था। WPL का तीसरा सत्र 14 फ़रवरी से चार शहरों- वड़ोदरा, लखनऊ, बेंगलुरू और मुंबई में आयोजित होगा। गोस्वामी ने कहा कि यही WPL का लक्ष्य था कि देश में महिला क्रिकेट का विस्तार और विकास हो। MI की मेंटॉर गोस्वामी ने भी ट्रॉफ़ी उठाने की उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा, "WPL की सबसे अच्छी बात है कि यह देश के अलग-अलग हिस्सों में जा रहा है, जिससे स्थानीय युवा खिलाड़ियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इससे वे मोटिवेट होंगी, जो कि WPL का सबसे बड़ा लक्ष्य है- देश के अलग-अलग हिस्सों में महिला क्रिकेट का प्रसार।"
"बड़ौदा (अब वड़ोदरा) हमारे लिए एक नई वेन्यू होगी। हाल ही में भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ वहां पर सीरीज़ खेली थी, जहां विकेट और स्टेडियम अच्छा दिख रहा था। लखनऊ का इकाना स्टेडियम तो बहुत ही बेहतरीन है। वहीं मुंबई तो हमारा घर है। MI फ़ैंस के सामने खेलना एक बड़ी बात है और पहले साल हमारी यहां से बेहतरीन यादें जुड़ी हैं। हम फिर से इस सीज़न MI फ़ैंस के सामने खेलने के लिए उत्साहित हैं।
MI का पहला मैच 15 फ़रवरी से वड़ोदरा में दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ है।