भारत ने पांचवीं बार अंडर 19 विश्व कप जीता
राज बावा ने 5 और रवि कुमार ने लिए 4 विकेट
श्रेष्ठ शाह
06-Feb-2022
जीत की ट्रॉफ़ी उठाते हुए भारतीय टीम • ICC via Getty
भारत 6 विकेट पर 195 (सिंधु 50*, रशीद 50, बॉयडेन 2-24) ने इंग्लैंड 189 ऑल आउट (रू 95, बावा 5-31, रवि 3-34)
पूरे अंडर-19 विश्व कप में भारतीय स्पिनरों ने शानदार प्रदर्शन किया था लेकिन इंग्लैंड के ख़िलाफ़ फ़ाइनल में तेज़ गेंदबाज़ों ने जीत की नींव रखी। राज बावा और रवि कुमार ने आपस में नौ विकेट साझा कर विपक्षी टीम को 189 रन पर समेट दिया। राज बावा का 31 रन पर 5 विकेट किसी भी गेंदबाज़ का अंडर-19 विश्व कप फ़ाइनल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है जबकि रवि कुमार ने 34 रन देकर 4 विकेट लिए।
भारत भले ही केवल चार विकेट से जीता हो लेकिन लक्ष्य का पीछा करने में हमेशा आगे रहा। उपकप्तान शेख़ रशीद ने अर्धशतक लगाया, निशांत सिंधु भी 50 रन बनाकर नाबाद रहे और राज बावा ने 35 रन बनाए। और जैसा कि अक्सर विश्व कप फ़ाइनल में भारतीयों के साथ होता है इस बार भी एक विकेटकीपर ने विजयी छक्का लगाया।
हालाँकि इंग्लैंड ने समय-समय पर विकेट लेकर भारत को बड़ी साझेदारियाँ करने से रोका, लेकिन 190 के मामूली लक्ष्य ने भारत पर बहुत कम दबाव डाला। इंग्लिश कप्तान टॉम प्रेस्ट के टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने के फ़ैसले के बाद वह जेम्स रू ही थे जिन्होंने 91 रन पर 7 विकेट गिरने के बाद भी इंग्लैंड को 189 रन तक पहुंचाया।
इंग्लैंड की मुश्किलें तब शुरू हुईं जब रवि कुमार को सुबह मुवमेंट मिला, कुछ हद तक एंटीगुआ में रात भर बारिश से भी मदद मिली। उन्होंने दूसरे ओवर में जेकब बेथेल को एक फुल गेंद पर पगबाधा किया और फिर टॉम प्रेस्ट पुल करने के प्रयास में विकेटों पर खेल गए।
दूसरे छोर से गेंदबाज़ी कर रहे दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ राजवर्धन हंगारगेकर को अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में अर्धशतक लगाने वाले जॉर्ज थॉमस ने एक ओवर में 16 रन जड़ दिए। पहले बदलाव के रूप में आए बावा ने ख़तरनाक दिख रहे थॉमस को पवेलियन की राह दिखाई। बावा यहीं नहीं रूके, उन्होंने पारी की 13 ओवर में लगातार दो गेंदों पर विलियम लक्सटन और जॉर्ज बेल को आउट कर इंग्लैंड की कमर तोड़ दी। टीम के अर्धशतक तक पहुंचने से पहले ही इंग्लैंड की आधी टीम पवेलियन में विराजमान थी। इसके थोड़े समय बाद ही रेहान अहमद को राज बावा ने स्लिप में और ऑफ़ स्पिनर कौशल तांबे ने ऐलेक्स हॉर्टन को मीडविकेट पर लपकवाकर इंग्लैंड का स्कोर 91 रन पर 7 विकेट कर दिया।
मान्यता प्राप्त बल्लेबाज़ के रूप में एक जेम्स रू ही बचे थे जो इंग्लैंड को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुंचा सकते थे। उन्होंने नंबर 9 के बल्लेबाज़ जेम्स सेल्स के साथ मिलकर 93 जोड़े। इस साझेदारी में जेम्स रू ने आक्रामक रूख अपनाया और रन गति को बढ़ाया जिससे इंग्लैंड 200 की ओर आसानी से जाती दिख रही थी। यहां तक कि बाएं हाथ के किफ़ायती स्पिनर विकी ओस्तवाल भी 5.16 रन प्रति ओवर दे गए क्योंकि जेम्स रू ने उनको पुल किया या मिडविकेट के ऊपर से भेजा। जैसे ही इंग्लैंड 180 पार गई वे 225 से 240 तक पहुंचते दिख रहे थे।
लेकिन 95 रन पर रू ने रवि कुमार की गेंद को पुल किया जिसे डीप मीडविकेट पर कौशल तांबे ने लड़खड़ाते-लड़खड़ाते लपक लिया। इसके तीन गेंद बाद ही थॉमस ऐस्पिनवॉल रवि कुमार के चौथे शिकार बने।
दूसरे छोर से राज बावा ने इंग्लैंड का आख़िरा विकेट चटकाकर अपना पांचवां विकेट लिया और 31 गेंद शेष रहते वे 189 रन पर सिमट गए।
बाएं हाथ के स्विंग गेंदबाज़ जॉशुआ बॉयडेन ने इंग्लैंड को ज़ल्दी ही सफलता दिला दी जब उन्होंने फ़ॉर्म में चल रहे अंगकृष रघुवंशी को शून्य पर विकेट के पीछे लपकवाया। लेकिन लगातार डॉट गेंद फेंकने के बावजूत न तो बॉयडेन और न हीं दूसरे तेज़ गेंदबाज़ आगे सफलता हासिल कर सके। हरनूर सिंह और शेख़ रशीद ने अपना पूरा समय लिया। इंग्लैंड के लिए यह इंतज़ार करने वाला मैच था इसलिए वे ग़लती की तलाश में थे। वह पल आख़िरकार 18वें ओवर में आया जब भारत का स्कोर 49 रन पर 1 विकेट था, ऐस्पनवॉल की गेंद हरनूर के दस्तानों को छू कर विकेटकीपर के पास चली गई। इससे कप्तान यश धुल को अपने उपकप्तान राशिद के साथ आना पड़ा। इन दोनों ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ सेमीफ़ाइनल में दोहरी शतकीय साझेदारी की थी और वे इंग्लैंड के स्पिनरों पर हमला करना चाहते थे। रशीद ने अपनी कलाई का इस्तेमाल फ्लिक करने के लिए किया और झन्नाटेदार कट और ऑफ़ साइड में ड्राइव करने के लिए सीधे खड़े रहे।
27वें ओवर में रशीद ने अपना अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके तुरंत बाद ही वे जेम्स सेल्स की गेंद पर लेग साइड में लपके गए। सेल्स ने यश धुल को 17 रन के निजी स्कोर पर आउट कर इंग्लैंड को जीत की उम्मीद जगा दी क्योंकि भारत ने अपना चौथा विकेट 97 के स्कोर पर गंवा दिया था। सिंधु और बावा ने हालांकि पलटवार किया। बावा ने दो छक्के और एक चौका लगाया जबकि सिंधु ने कवर और मिडविकेट के ऊपर मारे। इसके बाद भारत ने बावा और तांबे को जल्द-जल्दी गंवा दिया। सिंधु को अर्धशतक तक पहुंचने के लिए पर्याप्त रन बचे थे।
उन्होंने 54 गेंदों में अपना अर्धशतक बनाया। जिसके बाद विकेटकीपर बाना ने मुक़ाबला ख़त्म करने में कोई समय बर्बाद नहीं किया। पहला छक्का डीप स्क्वायर लेग के ऊपर से लगा। दूसरा सिक्सर लांग ऑन की दिशा में मारा गया और गेंद के जमीन में गिरने से पहले ही जश्न मनाने के लिए दौड़ रहे भारतीय खिलाड़ियों को कैमरा दिखाने लगा।
बावा को हरफ़नमौला प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया। साउथ अफ़्रीका के डेवाल्ड ब्रेविस ने टूर्नामेंट में 506 रन बनाए जिसके लिए उन्हें प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट के पुरस्कार से नवाजा गाया। यश धुल ट्रॉफ़ी जीतकर भारत के लिए अंडर-19 विश्व कप जीतने वाले मौहम्मद कैफ़, विराट कोहली, उन्मुक्त चंद और पृथ्वी शॉ की सूची में शामिल हो गए।
श्रेष्ठ शाह ESPNcricinfo के सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के एडिटोरियल फ्रीलांसर कुणाल किशोर ने किया है।