मैक्मिलन और बियर्डमैन के सवालों का जवाब नहीं दे पाया भारत
ऑस्ट्रेलिया ने चौथी बार अंडर 19 विश्व कप जीता है
नवनीत झा
11-Feb-2024
बियर्डमैन और मैक्मिलन दोनों ने 3-3 विकेट झटके • ICC/Getty Images
भारत 174 ( आदर्श 47, मुरुगन 42, बियर्डमैन 15 पर 3) को ऑस्ट्रेलिया 253 ( हरजस 55, वेबगेन 48, लिंबानी 38 पर 3) ने 79 रन से हराया
"हारेंगे पर सीख कर जाएंगे..."
भारतीय टीम जब हार की दहलीज़ पर खड़ी थी तब भारत की अंतिम जोड़ी के रूप में क्रीज़ पर मौजूद नमन तिवारी अपने इन्हीं शब्दों से अपने साथी खिलाड़ी सौम्य पांडे की हौसला अफज़ाई कर रहे थे।
2024 में अंडर 19 विश्व कप जीतने का भारत का सपना अधूरा रह गया है। बेनोनी में भारत ऑस्ट्रेलिया से 79 रन दूर रह गया। 254 के लक्ष्य का पीछे करने उतरे भारत की तरफ़ से आदर्श सिंह, मुशीर ख़ान और मुरुगन अभिषेक के अलावा कोई अन्य बल्लेबाज़ दहाई का आंकड़ा भी छू नहीं पाया।
फ़ाइनल में भारत ने अपनी टीम में तो कोई बदलाव नहीं किया लेकिन अपने प्लेइंग इलेवन में बदलाव करना ऑस्ट्रेलिया के ज़रूर काम आया। ऑस्ट्रेलिया ने टॉम कैंपबेल की जगह चार्ली एंडरसन को मौक़ा दिया और एक अतिरिक्त तेज़ गेंदबाज़ खिलाने के चलते वह दूसरी पारी में भारत पर पूरी तरह से हावी हो गया। जबकि ओवरकास्ट परिस्थितियों में पहले गेंदबाज़ी करने उतरी भारतीय टीम के एकादश में सिर्फ़ दो तेज़ गेंदबाज़ थे। एक साल में यह तीसरी बार है जब भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों ही किसी विश्व स्तरीय टूर्नामेंट के फ़ाइनल में हार झेलनी पड़ी है। ऑस्ट्रेलिया ने चौथी बार अंडर 19 विश्व कप अपने नाम किया है। अंतिम बार ऑस्ट्रेलिया ने 2010 में इस ख़िताब को अपने नाम किया था।
अंडर 19 विश्व कप का ख़िताब जीतने के लिए भारत को इस टूर्नामेंट में फ़ाइनल के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर बनाना था। शुरुआत में ही कैलम विडलर ने अर्शीन कुलकर्णी को अपना शिकार बना लिया। मुशीर का जब खाता भी नहीं खुला था तब उन्हें स्लिप में जीवनदान भी मिला लेकिन वह भी इसका फ़ायदा नहीं उठा पाए। पूरी पारी में भारतीय बल्लेबाज़ एक बार भी ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण पर हावी नहीं हो पाए।
आदर्श सिंह ने कप्तान उदय सहारन, मुशीर, सचिन धस, प्रियांशु मौलिया के साथ छोटी साझेदारियां की। आदर्श ने एक छोर संभाले रखा लेकिन दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। हालांकि आदर्श भी एक ख़राब शॉट खेलकर महली बियर्डमैन का शिकार बन गए। बियर्डमैन ने शुरुआत में मुशीर और सहारन को आउट किया जबकि ऑस्ट्रेलिया के ऑफ़ स्पिनर रैफ़ मैक्मिलन ने भी अपनी फिरकी में धस, अरावेल्ली अवनीश और राज लिंबानी को अपना शिकार बनाया। मैक्मिलन भारतीय बल्लेबाज़ों को अपने जाल में ऐसी परिस्थिति में फंसाने में सफल हो गए, जहां स्पिनर्स को कोई ख़ास मदद नहीं मिल रही थी। हालांकि आदर्श के आउट होने में बाद मुरुगन अभिषेक और नमन तिवारी ने मोर्चा संभालने की कोशिश ज़रूर की लेकिन तब तक काफ़ी देर हो चुकी थी। विडलर ने मुरुगन को चलता कर भारत की अंतिम उम्मीद भी तोड़ दी।
ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया था। राज लिंबानी ने भारत को शुरुआत में सफलता दिलाई थी, लेकिन इसके बाद कप्तान ह्यू वेबगेन और हैरी डिक्सन के बीच साझेदारी पनप गई। इनकी अर्धशतकीय साझेदारी को तोड़ने के लिए कप्तान सहारन, पहले स्पेल में महंगे रहे नमन तिवारी को दोबारा आक्रमण पर लेकर आए और उन्होंने एक छोटे अंतराल में इन दोनों ही बल्लेबाज़ों को आउट कर भारत की वापसी करा दी। वेबगन जहां शरीर से दूर ड्राइव के प्रयास में प्वाइंट पर मुशीर ख़ान के हाथों लपके गए। जबकि डिक्सन तिवारी की रुक आई एक छोटी गेंद को पढ़ नहीं पाए और मुरुगन अभिषेक ने एक बेहतरीन कैच लपक लिया।
भारत मैच में तो तो वापस आ गया था लेकिन ऑस्ट्रेलिया के नए बल्लेबाज़ भी संभलकर खेल रह थे। लेकिन थोड़ी ही देर बाद हरजस सिंह की निगाहें क्रीज़ पर जम गईं और उन्होंने बड़े प्रहार लगाना शुरु कर दिया। हरजस ने फ़ाइनल से पहले पूरे टूर्नामेंट में छह पारियां खेलकर सिर्फ़ 49 रन बनाए थे लेकिन एक बड़े मंच पर उन्होंने अवसर को भुनाते हुए उन्होंने अर्धशतक जमा दिया।
हरजस के विकेट के रूप में सौम्य पांडे ने भारत को ब्रेकथ्रू दिलाया। सौम्य ने इस टूर्नामेंट में भारत की ओर से सर्वाधिक 18 विकेट लिए बल्कि वह इस टूर्नामेंट के इतिहास में भी भारत की ओर से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बन गए। यह उपलब्धि उन्होंने भारतीय टीम के लेग ब्रेक गेंदबाज़ रवि बिश्नोई को पछाड़ते हुए हासिल की।
भारत ने अच्छी वापसी कर ली थी लेकिन इसके बाद ऑलिवर पीक और चार्ली एंडरसन का संघर्ष शुरु हुआ। लिंबानी को पारी के 44वें ओवर के दौरान हैमस्ट्रिंग में खिंचाव आ गया था। लिंबानी के दो ओवर अभी भी बचे हुए थे। इसलिए 46वें ओवर में कप्तान सहारन दोबारा लिंबानी को आक्रमण पर लेकर आए थे, लेकिन इस दौरान एक बड़ी भूल हो गई थी या फिर लिंबानी के हैमस्ट्रिंग में खिंचाव के चलते भारत को ऐसा फ़ैसला करने पर मजबूर होना पड़ा हो।
दरअसल एक अन्य तेज़ गेंदबाज़ तिवारी के अभी तीन ओवर बचे हुए थे और लिंबानी द्वारा 46वां ओवर डालने से तिवारी अपने कोटे से एक ओवर कम रह गए। जिसके परिणाम स्वरूप 49वें ओवर में सहारन को एक स्पिनर (मुशीर) से गेंदबाज़ी करानी पड़ी और उस ओवर में 10 रन भी गए। पीक अंत तक डटे रहे और ऑस्ट्रेलिया ने स्कोरबोर्ड पर अंडर 19 विश्व कप के इतिहास में फ़ाइनल का सबसे बड़ा स्कोर बना लिया था। ऑस्ट्रेलिया ने अपने अंतिम 10 ओवर में 66 जबकि 20 ओवरों में 117 रन बटोरे थे।