साइमन फ़िंच को इंग्लैंड क्रिकेट टीम के आधिकारिक फ़ैन क्लब बार्मी आर्मी के ट्रम्पेट वादक के तौर पर जुड़े लगभग चार साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने इंग्लिश टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज़, इंग्लैंड और पाकिस्तान जैसे देशों का दौरा किया है और दो ऐशेज़ सीरीज़ का भी हिस्सा रहे हैं। लेकिन भारत की यह यात्रा उनकी अब तक की सबसे यादग़ार दौरों में से एक बन गई है।
उन्होंने इस दौरे पर एक प्रयोग किया है और अब वह मैच के दौरान ना सिर्फ़ अपनी परंपरागत ब्रिटिश टीम गीत (येरूसलम) बल्कि हिंदी बॉलीवुड गानों के भी धुन बजाते हैं। जिसके कारण वह भारतीय दर्शकों व क्रिकेट फ़ैंस में भी ख़ासा लोकप्रिय हो रहे हैं और उनके वीडियोज़ भी सोशल मीडिया पर ख़ूब वायरल हो रहे हैं।
अपने साथियों के बीच फ़िंची नाम से मशहूर 50 वर्षीय फ़िंच कहते हैं, "मैं भी भारत में अपनी लोकप्रियता से थोड़ा हैरान हूं। मैं बस एक क्रिकेट फ़ैन हूं और बार्मी आर्मी के लिए एक प्रोफ़ेशनल के तौर पर ट्रम्पेट हूं। चूंकि मेरे पास ट्रम्पेट है तो मेरे पर लोगों का ध्यान चला ही जाता है। लेकिन यह मैं अपनी लोकप्रियता के लिए नहीं बल्कि अपनी टीम को सपोर्ट करने के लिए करता हूं। हां, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि मुझे लोग अब एयरपोर्ट पर या गलियों में धूमते वक़्त पहचानने लगे हैं। यह मेरे लिए बिल्कुल ही अलग अनुभव है।"
फ़िंच ने भारत दौरे पर आने से पहले कई बॉलीवुड गानों पर ट्रम्पेट बजाने का अभ्यास किया है। उनके इस अभ्यास में उनकी पत्नी और उनके ससुराल वालों ने भी मदद की है।
दरअसल फ़िंच की पत्नी भारतीय मूल की हैं। उनके सास-ससुर भारत के पंजाब राज्य से ताल्लुक रखते हैं। फ़िंच हर रोज़ कम से कम एक समय का खाना अपने ससुराल में करते हैं, जो उनके घर के पास की गली में ही है।
फ़िंच बताते हैं, "मैं जब भी अपने ससुराल खाना खाने जाता हूं, तो उनके घर में सोनी टीवी, जी टीवी और स्टार प्लस जैसे चैनल चलते रहते हैं। मैं वहां पर बॉलीवुड मूवीज़ देखता हूं और हिंदी गाने सुनता हूं। यहां आने से पहले मैंने भारतीय गानों पर ट्रम्पेट बजाने का अभ्यास किया था। फ़िलहाल मेरा 'कल हो ना हो' और 'ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे' गाना वायरल हो रहा है। इसके अलावा मैंने कुछ और हिंदी गानों पर धुन बजाना सीखा है, जिसमें जमल-जमालु, पंजाबी भांगड़ा और बेबो गाने प्रमुख हैं। मैं हिंदी नहीं बोल पाता हूं, लेकिन संगीत का विद्यार्थी हूं तो धुन पकड़ लेता हूं। इसके कारण हिंदी गानों पर धुन बजाने में मुझे अधिक दिक्कत नहीं होती है।"
फ़िंच ने 10 साल की उम्र से ही ट्रम्पेट बजाना शुरू कर दिया था। उन्होंने संगीत की शिक्षा ली और फिर अलग-अलग बैंड के लिए काम किया। वह बताते हैं कि उन्होंने कान्ये वेस्ट, जे ज़ी, एरिक क्लैप्टन, टॉम जोंस, पॉल वेलर, बेयॉन्स और ब्लर जैसे बैंड और कलाकारों के साथ काम किया है और दुनिया भर की यात्रा की है। 2020 में जब बार्मी आर्मी के ट्रंपेटियर बिली कूपर ने संन्यास लिया तो फ़िंच अपने क्रिकेट प्रेम के कारण एक प्रोफ़ेशनल के तौर पर बार्मी आर्मी से जुड़ गए।
जहां क्रिकेट फ़ैंस फ़िंच के इस मनोरंजक कला का पूरा लुत्फ़ उठा रहे हैं, वहीं फ़िंच को भी इस भारत दौरे पर भरपूर मज़ा आ रहा है। हैदराबाद टेस्ट मैच और टॉम हार्टली का 5-विकेट हॉल जहां उनका इस दौरे का पसंदीदा क्रिकेटिंग पल है, वहीं उन्हें राजकोट का काठियावाड़ी खाना सबसे अच्छा लगा है। फ़िलहाल वह धर्मशाला के मौसम और पहाड़ी वादियों का लुत्फ़ उठा रहे हैं, जो इंग्लैंड के मौसम के अधिक क़रीब है।
वह कहते हैं, "धर्मशाला का मौसम इंग्लैंड की गर्मियों के बाद के मौसम जैसा है, जैसा वहां सितंबर और अक्तूबर के दौरान पोस्ट समर में होता है। ऐसे माहौल में क्रिकेट देखना एक सपने के जैसा है। यह दुनिया का सबसे सुंदर क्रिकेट ग्राउंड है, जहां पर आप पहाड़ के साथ क्रिकेट देखते हो। भारत का यह पूरा दौरा ही मेरे लिए शानदार अनुभवों वाला रहा है। भारत एक बहुत बड़ा देश है और यहां ढेर सारी बोली और भाषा है, ढेर सारे रीति-रिवाज और अलग-अलग संस्कृति के लोग हैं। यहां पर कुछ जगहें पश्चिमी सभ्यता के क़रीबी होकर आधुनिक हो गई हैं, वहीं कुछ जगहें अभी भी पूरी तरह से पारंपरिक भारतीय हैं। राजकोट में तो ऐसा लग रहा था कि उन्होंने कई दशकों से अंग्रेज लोगों को नहीं देखा है। तो, बिल्कुल मुझे यहां बहुत मज़ा आ रहा है।"
दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं. @dayasagar95