पिछले तीन ICC टूर्नामेंट में भारत ने 24 पूरे हुए मैचों में 23 मैच जीते हैं और तीन में से दो ख़िताबों पर क़ब्ज़ा जमाया है।
रोहित शर्मा इस दौरान इन सभी मैचों में भारत के कप्तानी रहे हैं।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पत्रकारों से बात करते हुए रोहित ने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो यह एक बड़ी उपलब्धि है। इससे पता चलता है कि हम किस तरह की टीम हैं। हमें पता है कि वनडे विश्व कप के फ़ाइनल में हमें हार का सामना करना पड़ा था। लेकिन इसके बाद से T20 विश्व कप और यहां भी हमने एक भी मैच नहीं हारा और ख़िताब जीतकर आ रहे हैं।
"इससे टीम की गहराई के बारे में पता चलता है। इस ग्रुप में एक-दूसरे के प्रति समझ है और इसी तरह की क्रिकेट हम खेलना चाहते हैं। इसी के बारे में हमने टूर्नामेंट से पहले भी बात की थी कि बाहर से बहुत कुछ दबाव है। अगर हम एक भी मैच हारते तो ढेर सारी बातें होने लगती। लड़कों ने इन सबको पीछे छोड़ सिर्फ़ मैच जीतने और खेल का लुत्फ़ उठाने पर अपना ध्यान लगाया। पिछले दो-तीन सालों में यही हमारे खेल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू रहा है।"
इससे पहले MS धोनी ने 2007 का T20 विश्व कप, 2011 का वनडे विश्व कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफ़ी जीती थी। लेकिन सिर्फ़ 2013 में ही उनकी टीम पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय थी। इसके अलावा धोनी की टीम ने कभी भी लगातार दो ICC ट्रॉफ़ी नहीं जीती थी।
रोहित ने कहा, "टीम के लिए दो ICC ट्रॉफ़ी जीतना निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है और उसमें भी पूरे टूर्नामेंट के दौरान अजेय रहना सोने पर सुहागे जैसा है। मैंने बहुत कम टीमें देखी हैं, जिन्होंने दो टूर्नामेंट पूरी तरह से अपराजित रहते हुए जीते हैं। हमने परिस्थितियों का अच्छा इस्तेमाल किया और जीत हासिल की। फ़िलहाल हमारी कोई भविष्य की योजना नहीं है, जैसा हो रहा है, होता रहेगा।
"हम नौ मैचों में इतना शानदार क्रिकेट खेलने के बाद 2023 का फाइनल हार गए थे, इसलिए उसी मानसिकता, उसी इरादे और उसी गेम प्लान के साथ हम फाइनल में उतरे। लेकिन हमने पर बात की कि हम खेल खत्म होने तक हार नहीं मानेंगे। इन दो फ़ाइनल से पहले हमने यही बात की थी कि हमें अंत तक खेल में बने रहना है।"
रोहित ने ऑलराउंडरों से भरी एक बहुमुखी एकादश की प्रशंसा की, जिसमें लगभग सभी ने टूर्नामेंट में गंभीर प्रभाव डाला।
उन्होंने कहा, "अगर आप नंबर 1 से 11 को देखें, तो जिन खिलाड़ियों को बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी करने का मौका मिला, सभी ने अपने तरीक़े से योगदान दिया। जब सभी एक साथ खेलते हैं और बहुत से लोग योगदान देते हैं, तो आपको लगातार सफलता मिलती है। इस टूर्नामेंट में हमने देखा कि जिन खिलाड़ियों को गेंदबाज़ी करने का मौक़ा मिला, उन्होंने अपनी भूमिका निभाई, वहीं जिन खिलाड़ियों को बल्लेबाज़ी करने का मौक़ा मिला, उन्होंने हमें मैच जिताए।
"ऐसा नहीं था कि टूर्नामेंट में सिर्फ़ एक खिलाड़ी ने सभी रन बनाए। हर किसी ने योगदान दिया क्योंकि हम जानते थे कि यहां विकेट चुनौतीपूर्ण है और यह सभी के लिए आसान नहीं था। इसलिए ऊपर से नीचे तक सभी का योगदान मिलना बहुत ज़रूरी था। खिलाड़ियों में बहुत भूख और जुनून है। ये चीज़ें सिखाई नहीं जाती और बहुत से लोगों के लिए यह स्वाभाविक है।"