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दीप: ड्रेसिंग रूम में रोहित और कोहली से सीखा कड़ी मेहनत और समर्पण

तेज़ गेंदबाज़ ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी शुरुआती सफलता का श्रेय भारतीय घरेलू क्रिकेट को दिया

भारतीय तेज़ गेंदबाज़ आकाश दीप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अभी सिर्फ़ दो टेस्ट पुराने हैं, लेकिन उन्हें लगता है कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए पहले से तैयार थे। ऐसा भारतीय घरेलू क्रिकेट की संरचना के कारण था।
ग़ौरतलब है कि टेस्ट क्रिकेट में उतरने से पहले दीप 31 प्रथम श्रेणी, 28 लिस्ट ए और 42 टी20 मैच खेल चुके हैं, जिसमें उनके नाम क्रमशः 108, 42 और 48 विकेट चुके थे। उन्होंने 2019 में अपने प्रथम श्रेणी करियर की शुरुआत की थी, तब से वह रणजी ट्रॉफ़ी, दलीप ट्रॉफ़ी, देवधर ट्रॉफ़ी और इंडिया ए के लिए क्रिकेट खेल चुके हैं। हाल ही में इस महीने की शुरुआत में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच में उतरने से पहले उन्होंने दलीप ट्रॉफ़ी के एक मैच में नौ विकेट लिए थे।
दीप ने कहा, "भारत का घरेलू क्रिकेट ऐसा है कि आप अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए तैयार होते हो। पिछले दो सालों में मैंने काफ़ी क्रिकेट खेला है। हमारे पास सिर्फ़ तीन महीने का सीज़न नहीं होता है क्योंकि आप रणजी ट्रॉफ़ी, दलीप ट्रॉफ़ी, देवधर ट्रॉफ़ी और ईरानी ट्रॉफ़ी सब खेलते हो। आपको अभ्यास होता है कि आप लंबे समय तक क्रिकेट खेल सको। मुझे ऐसा लगता है कि ऐसे क्रिकेट के लिए अपने आप को समझना बहुत जरूरी होता है। अगर हम अचानक से किसी फ़ॉर्मैट में सेलेक्ट हो जाएं, तो हमारे अंदर कॅन्फ़्यूज़न नहीं होनी चाहिए कि मैंने तो रणजी ट्रॉफ़ी में परफ़ॉर्म किया, लेकिन यहां आकर क्या करूंगा?"
"इसलिए मैं किसी भी स्तर पर खेलूं, चीज़ों को सिंपल रखता हूं और ज़्यादा अपने ऊपर अतिरिक्त दबाव नहीं डालता हूं कि मुझे ऑस्ट्रेलिया जाना है या फिर कोई और बड़ी सीरीज़ है। मैं वर्तमान में जीता हूं और आज ही के बारे में सोचता हूं। भारत के लिए खेलना हर बच्चे का सपना होता है। यह गर्व की बात है, लेकिन यह हमारे लिए एक ज़िम्मेदारी भी है। जब आप उन गेंदबाज़ों की जगह पर खेलते हो, जिन्होंने देश के लिए इतना योगदान किया है, तो कहीं ना कहीं गर्व के साथ-साथ आप ख़ुद को ज़िम्मेदार भी महसूस करते हो।"
इसके अलावा दीप ने अपनी इस शुरूआती सफलता का श्रेय भारतीय टीम के माहौल और कप्तान रोहित शर्मा को दिया। उन्होंने कहा, "भारतीय टीम का माहौल इतना सिंपल रहता है कि मुझे कुछ भी नया नहीं लगा। मुझे ऐसा लगा कि हम जिस प्रोसेस को फ़ॉलो करते हुए आ रहे हैं, उसी को बस यहां भी आगे ले जाना है । मैं अपने आप को यहां बहुत अच्छा महसूस करता हूं। इसके अलावा रोहित (शर्मा) भैया के अंडर मुझे इंडिया के लिए खेलने का मौका मिला, जो चीज़ों को बहुत सिंपल रखते हैं। अपने डेब्यू के दिन जब मैं पहली बार ग्राउंड में गया, तो भैया ने मेरे लिए चीज़ों को बहुत सिंपल रखा। मुझे महसूस ही नहीं हुआ कि मैं घरेलू क्रिकेट खेल रहा हूं या अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट। मुझे नहीं लगता कि मेरी ज़िंदगी में मुझे इतना सहज कप्तान कभी मिला होगा या आगे मिल सकता है?"
दीप ने आगे कहा कि वह भारतीय टीम में आकर ख़ासकर रोहित और विराट कोहली से बहुत कुछ सीख रहे हैं। उन्होंने कहा, "विराट भैया, रोहित भैया क्रिकेट के लीजेंड्स हैं। इन्होंने क्रिकेट के लिए कितना कुछ कर दिया है, लेकिन फिर भी इनका जो डेडिकेशन है, वह अलग ही होता है। मैं इन लोगों से सीखता हूं कि इतना सब कुछ करने के बाद हार्ड वर्क और डेडिकेशन नहीं छोड़ना चाहिए। यह हमारे लिए बहुत बड़ी सीख और प्रेरणा है।"
इसके अलावा दीप कानपुर आकर बहुत उत्साहित हैं क्योंकि यह पहला स्टेडियम था, जिसके बारे में उन्होंने पहली बार सुना था। दीप ने कहा, "मेरा घर बनारस यहा से काफ़ी दूर नहीं है। मैंने अपने जीवन में पहली बार किसी स्टेडियम का नाम सुना था, तो ग्रीन पार्क का ही सुना था। तब मुझे लगा था कि यह स्टेडियम पूरा ग्रीन (हरा) होगा। काफी अच्छा लग रहा है कि बचपन में जिसके बारे में मैंने सुना था, वहां अब मैं खेलने जा रहा हूं।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं।