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डीआरएस प्रकरण पर फ़्लेमिंग : हम थोड़े निराश थे लेकिन यह खेल का हिस्सा है

ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के एक्सपर्ट पीयूष चावला और संजय मांजरेकर ने इसे आईपीएल में ख़राब अंपायरिंग का ताज़ा उदाहरण बताया

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2022 के 59वें मैच की शुरुआत थोड़ी अजीबोगरीब रही। वानखेड़े स्टेडियम में बिजली गुल होने के कारण पहले दो ओवरों में डीआरएस प्रणाली अनुपलब्ध थी। इस अनुपलब्धता को मैच को प्रभावित करने में केवल दो गेंदें लगी। डेनियल सैम्स की गेंद पर पगबाधा करार दिए जाने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स के सलामी बल्लेबाज़ डेवन कॉन्वे को रिव्यू लिए बिना ही पवेलियन लौटना पड़ा।
रिप्ले में पता चला कि वह गेंद कोण के साथ अंदर आ रही थी और बाएं हाथ के बल्लेबाज़ कॉन्वे के लेग स्टंप को मिस करती। हालांकि अंपायर रविकांत रेड्डी के फ़ैसले की दोबारा जांच करने का कोई मौक़ा नहीं था।
अगले ओवर में जसप्रीत बुमराह की गेंदबाज़ी पर एक और फ़ैसला मुंबई के हित में गया जब उनकी गुड लेंथ की गेंद पड़कर सीधी हुई और रॉबिन उथप्पा के पैड पर जा लगी। इस बार अंपायर क्रिस गैफ़ने ने अपनी उंगली खड़ी कर दी। रिप्ले ने बताया कि यह एक क़रीबी मामला होता क्योंकि गेंद उथप्पा के पिछले पैर पर लगी थी और वह भी ऑफ़ स्टंप के सामने। हालांकि यहां पर भी रिव्यू नहीं होने के कारण उथप्पा को निराश होकर वापस जाना पड़ा।
97 रनों पर सिमटने के बाद चेन्नई को पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। मैच के बाद उनके प्रमुख कोच स्टीफ़न फ़्लेमिंग इस पूरे प्रकरण को लेकर दार्शनिक थे।
फ़्लेमिंग ने कहा, "जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था। हम थोड़े निराश थे लेकिन यह खेल का हिस्सा है। वहां से विकेटों की एक झड़ी सी लग गई, जहां सब कुछ हमारे ख़िलाफ़ जाने लगा। लेकिन हमें 97 ऑल आउट से बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए था।"
वहीं ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के एक्सपर्ट संजय मांजरेकर और पीयूष चावला ने कॉन्वे को आउट देने के फ़ैसले को आईपीएल में ख़राब अंपायरिंग का ताज़ा उदाहरण बताया।
चावला ने ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो के विशेष कार्यक्रम टी20 टाइम आउट में कहा, "वह पहली नज़र में आउट नहीं लगा क्योंकि गेंद जब पैड पर लगी, तब उसे और आगे जाना था और ऐसा प्रतीत हुआ कि वह लेग स्टंप को छोड़कर निकल जाती। हमने इस सीज़न में अंपायरिंग के कुछ ख़राब फ़ैसले देखे हैं और यह उसी का एक नमूना था।"
मांजरेकर को लगा कि वह दोनों फ़ैसलों पर रिव्यू का इस्तेमाल किया जा सकता था और उन दो ओवरों में चेन्नई के लिए रिव्यू की अनुपलब्धता ने मैच को मुंबई के तेज़ गेंदबाज़ों की तरफ़ मोड़ दिया।
मांजरेकर ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में बात होती है कि सफ़ेद गेंद केवल पहले दो-तीन ओवरों में स्विंग होती है। आज मैंने सातवें-आठवें ओवर में रायली मेरेडिथ को सटीक आउट स्विंग गेंद डालते देखा। बुमराह को नई गेंद के साथ दो ओवर डालते और स्विंग से बल्लेबाज़ों को परेशान करते देख मुझे बहुत मज़ा आया। गेंद हरकत कर रही थी, उच्च कोटि की गेंदबाज़ी हो रही थी और इसमें तकनीकी ख़राबी ने उनकी मदद की। दो ऐसे फ़ैसले थे जिसपर रिव्यू का उपयोग किया जा सकता था।"
इसके अलावा उन्हें लगता है कि भारतीय अंपायरों की अंपायरिंग इस सीज़न में चिंताजनक रही है। उन्होंने कहा, "समस्या यह है कि कोरोना महामारी के चलते आप विश्व के अच्छे अंपायरों को बुला नहीं सकते और इस वजह से आपको स्थानीय अंपायरों से काम चलाना पड़ रहा है। डीआरएस 10 मिनट के लिए अनुपलब्ध था और उतने में ही काम बिगड़ किया। ऐसे फ़ैसले देखकर मुझे बहुत दु:ख होता है। इससे पहले भी मैंने देखा था जब गेंद लेग स्टंप से चार-छह इंच बाहर गिरी थी और उसे पगबाधा आउट दिया गया था। यह निराशाजनक है।"

कार्तिक कृष्णस्वामी ESPNcricinfo में सीनियर सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी के सब एडिटर अफ़्ज़ल जिवानी ने किया है।