"क्रिकेट एक लंबी यात्रा की तरह है। यह पूरे जीवन भर आपके साथ चलती है। सुधार की गुंजाइश को स्वीकारते हुए ही हम आगे बढ़ते हैं। साथ ही मैं कभी वह इंसान नहीं बनना चाहता जो मानसिक रूप से बैकफ़ुट पर चला जाए," फ़रवरी में एक रणजी ट्रॉफ़ी के मैच के दौरान
इशान किशन ने ये बातें कही थीं।
इसके बाद
IPL 2025 में अपने पहले ही
मैच में किशन ने सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए शतक बनाया। उनकी पारी में चौकों-छक्कों की बरसात हो रही थी। जब उन्होंने 45 गेंदों में छह सिक्सर और 10 चौकों की मदद से अपने शतक तक का सफर पूरा किया, तो उनका सेलीब्रेशन महज़ जश्न नहीं, बल्कि एक एहसास था, जो एक लंबे इंतज़ार, ख़ुद से लड़ी गईई लड़ाई, अपनी क्षमता पर उठ रहे सवालों को ख़ामोश करने की तसल्ली को साफ़ दर्शा रही थी। उनकी आंखों में एक चमक थी, जो कह रही थी - 'मैं लौट आया हूं! और मुझे ख़ुद से इसी तरह की पारी की उम्मीद थी।'
वनडे विश्व कप 2023 के फ़ाइनल में भारत की हार के बाद किशन ने मानसिक थकान का हवाला देते हुए दिसंबर 2023 में भारत के साउथ अफ़्रीका दौरे से ब्रेक मांगा था। उन्होंने घरेलू क्रिकेट भी नहीं खेला, लेकिन इस बीच IPL 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलने से पहले बड़ौदा में हार्दिक पांड्या के साथ ट्रेनिंग कर रहे थे। घरेलू क्रिकेट में उनकी गैरमौजूदगी ने काफ़ी सवाल उठाए।
समय बीतता गया। आलोचना होती रही। किशन की तरफ़ से जवाब भी आया कि वह अपने खेल को सुधारना चाहते थे और उसी पर काम कर रहे थे। लेकिन समय के पहिए ने किशन की झोली में आलोचनाओं के अलावा और कुछ नहीं डाला। IPL 2024 आया और यहां उनके बल्ले से सिर्फ़ एक अर्धशतक आया। कुल मिलाकर उन्होंने इस सीज़न 320 रन बनाए।
दबाव बढ़ता जा रहा था और किशन के हाथों से भारतीय टीम का सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट भी जा चुका था। इसके बाद किशन ने 2025 में घरेलू क्रिकेट को काफ़ी समय दिया। वह हरसंभव घरेलू क्रिकेट में मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने बुची बाबू टूर्नामेंट, दलीप ट्रॉफ़ी और विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में शतक भी लगाए, लेकिन निरंतरता की कमी रही।
फ़रवरी 2024 की बात है। झारखंड और तमिलनाडु के बीच मैच हो रहा था। इस मैच में किशन की कप्तानी में झारखंड की टीम को जीत मिली। मैच के बाद किशन से कुछ देर उनके खेल और मानसिक स्थिति को लेकर बातचीत हुई।
किशन ने उस बातचीत के दौरान ESPNcricinfo से कहा, "मैं हर समय ख़ुद को यह बताने का प्रयास करता हूं कि चाहे कुछ भी हो जाए, कितनी भी सफलता मिले या न मिले, सुधार की गुंजाइश हमेशा रहती है। और निराश तो कभी होना ही नहीं है। आपके आगे बढ़ने या इस खेल में बने रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ यह है कि आपकी मानसिकता कैसी है। निराश होना आसान है, लेकिन आपको समझना होगा कि आपके प्रदर्शन और आंकड़ों से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण आपका इंटेंट और आपकी मानसिकता है।"
जब किशन से बाहरी दबाव और पिछले कुछ महीनों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "मैं कभी वह इंसान नहीं बनना चाहता जो मानसिक रूप से बैकफ़ुट पर चला जाए। और मैं वह हूं भी नहीं। मैं वह खिलाड़ी नहीं हूं जो मानसिक रूप से बैकफ़ुट पर जाए। मैंने हमेशा यह चाहा है कि मैं अपने खेल को आगे लेकर जाऊं और मेरे साथ-साथ मेरे जो भी टीममेट्स हैं, उनके बीच एक अच्छा माहौल बनाकर सबको साथ लेकर आगे बढ़ूं।"
किशन आगे बढ़ गए हैं। ऑक्शन में सनराइजर्स की टीम ने उन पर भरोसा जताया। टीम की इंटेंट पिछले ही सीज़न से काफ़ी आक्रामक रही है और किशन की खेल शैली को इस तरह का माहौल हमेशा पसंद आएगा। अपने पहले ही मैच में शतक लगाने के बाद किशन ने कहा कि इस शतक में सुखद एहसास है, और वह काफ़ी समय से इसका इंतज़ार कर रहे थे।
उन्होंने इस पारी के बाद कहा, "मैं पिछली सीज़न से ही ऐसी पारी खेलने के लिए प्रयासरत था। हालांकि अब भी ख़ुशी उतनी ही है। टीम ने मुझ पर भरोसा जताया है, और मैं उनके लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं। कप्तान ने हमें पूरी आज़ादी और आत्मविश्वास दिया है। इसके लिए मैनेजमेंट को श्रेय दिया जाना चाहिए। जब अभिषेक और हेड ने शुरुआत की, तो उन्होंने डगआउट में बैठे हम बल्लेबाज़ों को काफ़ी आत्मविश्वास दिया। पिच अच्छी लग रही थी, और हमारा बस यही मक़सद था कि विरोधी टीम को दबाव में डालें।"
किशन मुश्किल समय में ख़ुद को मानसिक रूप से सही जगह पर रखते हुए, अपने खेल को एक क़दम आगे लेकर गए हैं। अब उम्मीद है कि इस सीज़न वह इस बेहतरीन आगाज़ को एक शानदार अज़ाम तक पहुंचाएंगे।