अय्यर ने कहा, "उन्हें अपने खेलने के तौर तरीकों पर सुधार करने की आवश्यकता है और अगर वह ऐसा करने में सफल हो जाते हैं तो वह किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।"
शॉ ने टूर्नामेंट में नौ पारियों में 197 रन बनाए लेकिन इसमें 21 चौके और 13 छक्के जड़े। पांच पारियों में उन्होंने उपयोगी योगदान दिया जबकि चार पारियों में अधिक कुछ ख़ास नहीं कर पाए।
शॉ के साथ पिछले कुछ समय से चोट की भी समस्या रही है और फ़रवरी 2023 में दो लोगों को दोबारा सेल्फ़ी लेने से मना करने पर उनके एक मित्र की गाड़ी पर भी हमला किया गया था। यह साल भी शॉ के लिए भूलने योग्य रहा। IPL टीम दिल्ली कैपिटल्स ने उन्हें ड्रॉप कर दिया जबकि मुंबई ने भी उन्हें आचरण और फ़िटनेस संबंधी समस्या के लिए दल से बाहर कर दिया।
पिछले महीने, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने शॉ को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने शॉ को "आत्मनिरीक्षण की यात्रा" शुरू करने की सलाह दी थी। लेकिन अय्यर का कहना है, "शॉ को कुछ भी करने के लिए कोई मजबूर नहीं कर सकता। क्योंकि शॉ काफ़ी क्रिकेट खेल चुके हैं और हर किसी ने उन्हें इनपुट दिए हैं।"
अय्यर ने आगे कहा, "हम किसी को ज़रूरत से ज़्यादा नहीं संभाल सकते। हर पेशेवर खिलाड़ी जो इस स्तर पर खेल रहा है, उसे यह पता होना चाहिए कि उसे क्या करना चाहिए। और उन्होंने इसे पहले किया भी है; ऐसा नहीं है कि उन्होंने नहीं किया। उन्हें ध्यान केंद्रित करना होगा, शांत बैठना होगा, और सोच-विचार करना होगा। ताकि वह खु़द ही अपने मुश्किल सवालों का जवाब ढूंढ लें।"
मुंबई के निर्भीक युवा खिलाड़ियों से प्रभावित हैं अय्यर
अय्यर विशेष रूप से इस सीज़न में मुंबई की जीत में योगदान देने वाले युवा खिलाड़ियों से प्रभावित थे। उन्होंने कहा, "जिस तरह युवा खिलाड़ियों ने अपनी प्रतिभा दिखाई है, वह वाकई शानदार है।"
"आपको उनकी मानसिकता और ड्रेसिंग रूम के बाहर और मैदान पर उनका रवैया देखना चाहिए। वे निडर होकर खेलते हैं। इस तरह के खिलाड़ियों को हमें आगे बढ़ाने के लिए समर्थन देना चाहिए। व्यक्तिगत रूप से, जब भी मैं मैदान पर उतरता हूं, मेरा उद्देश्य हर मैच जीतना होता है। यह मायने नहीं रखता कि हमारा मुक़ाबला किससे है। जीत मुझे हमेशा खु़शी देती है। यही मेरे लिए सब कुछ है।"
हालांकि मुंबई के शीर्ष क्रम में अजिंक्य रहाणे, शॉ, सूर्यकुमार यादव, शिवम दुबे और श्रेयस अय्यर जैसे अनुभवी खिलाड़ी थे, जिन्होंने भारत के लिए खेला है। लेकिन उनकी गेंदबाज़ी लाइन अप में अनुभव की कमी थी। ऑलराउंडर सूर्यांश शेडगे ने इसी टूर्नामेंट में अपना T20 डेब्यू किया, जबकि रॉयस्टन डायस ने अपने नौ T20 मैचों में से पांच इस सीज़न खेले।
अन्य खिलाड़ी जैसे अथर्व अंकोलेकर, मोहित अवस्थी और तनुश कोटियान ने इस टूर्नामेंट में क्रमशः 12, 20 और 24 मैचों के अनुभव के साथ प्रवेश किया। शार्दुल ठाकुर मुंबई के एकमात्र गेंदबाज़ थे, जिन्होंने 25 T20 अंतरराष्ट्रीय मैचों सहित काफ़ी T20 क्रिकेट खेली थी।
अय्यर ने कहा, "अगर आप हमारी गेंदबाज़ी लाइन अप देखें, तो शायद ही कोई भारतीय खिलाड़ी नज़र आए। हम पहले मैच से ही थोड़ा संघर्ष कर रहे थे (जहां उन्होंने गोवा के ख़िलाफ़ 224 रन दिए), लेकिन जिस तरह उन्होंने पिछले दो मैचों में अपने हुनर दिखाया, मुझे लगता है कि जब टीम को ज़रूरत थी, तब उन्होंने सही समय पर प्रदर्शन किया। बेंगलुरु के फ़ाइनल में ऐसी पिच पर 170 के आसपास रन देना, जहां रोशनी के बाद बल्लेबाज़ी आसान हो जाती है, यह काबिले तारीफ़ था।"
हिमांशु अग्रवाल ESPNcricinfo में सब एडिटर हैं। अनुवाद ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर राजन राज ने किया है।