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स्वप्निल असनोडकर : आईपीएल के पहले सीज़न का वह वंडर ब्वॉय जिसका रिकॉर्ड आज तक अटूट है

स्वप्निल असनोडकर ने अपने आईपीएल करियर, क्रिकेट के सफ़र और आगे की योजना पर ईएसपीएनक्रिकइंफ़ो से चर्चा की है

Swapnil Asnodkar is run out, Kolkata Knight Riders v Rajasthan Royals, IPL, Durban, May 20, 2009

स्वप्निल इन दिनों ज़ेडसीए अंडर 16 कैंप में बल्लेबाज़ी के गुर सिखा रहे हैं  •  Associated Press

क्या आपको पता है कि किस अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी ने अपने आईपीएल डेब्यू पर सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत स्कोर खड़ा किया था?
फ़र्ज़ कीजिए आज ग्रेगोरियन कैलेंडर पर 1 मई 2008 की तारीख़ दर्ज है। 4 बजे आप राजस्थान रॉयल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के बीच का मुक़ाबला देखने के लिए अपने टीवी को ट्यून करने वाले हैं। इससे ठीक चार घंटे पहले एक टीम मीटिंग होती है और एक अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी को बताया जाता है कि वह अपना आईपीएल डेब्यू करने वाला है। कुछ ही घंटों बाद वह क्रिकेटर अपने डेब्यू पर एक ऐसा रिकॉर्ड बना देता है, जो डेढ़ दशक बीत जाने के बाद भी कोई आज तक नहीं तोड़ पाया है। उस खिलाड़ी का नाम स्वप्निल असनोडकर है।
स्वप्निल जिस गोवा राज्य से आते हैं, वहां क्रिकेट के मुक़ाबले फ़ुटबॉल के प्रति दीवानगी अधिक है। ख़ुद स्वप्निल के पिता अशोक असनोडकर भी क्लब स्तरीय क्रिकेटर और फ़ुटबॉलर रह चुके हैं। लेकिन स्वप्निल ने क्रिकेट को ही कैसे चुना इसको लेकर उन्होंने ख़ुद एक दिलचस्प कहानी साझा की।
स्वप्निल ने कहा, "मेरा दूसरा जन्मदिन था। उस दिन मेरे पिता के मित्रों ने मुझे उपहार में क्रिकेट बैट दिए थे। मुझे कुल 11 बैट मिले थे। मुझे यह घटना याद तो नहीं है लेकिन बचपन की उन तस्वीरों को देखकर मैं आज भी रोमांचित हो उठता हूं। मेरा परिवार खेल से जुड़ा रहा है, ऐसे में मैं समझता हूं कि स्पोर्ट्स मेरी रगों में है।"
अपने डेब्यू से पहले हुए घटनाक्रम को याद करते हुए स्वप्निल कहते हैं, "मुझे अब भी याद है, दोपहर के 12 बजे थे और टीम मीटिंग के दौरान मुझे अचानक वॉर्नी (शेन वॉर्न) ने बताया कि मैं आज का मैच खेलने वाला हूं। मैं सरप्राइज़ ज़रूर हो गया लेकिन मुझे अपने डेब्यू को लेकर हैरानी इसलिए नहीं थी क्योंकि ख़ुद कप्तान (वॉर्न) ने मुझे यह आश्वासन दिया था कि मुझे इस सीज़न में खेलने का अवसर मिलेगा और मैं टीम के आंतरिक अभ्यास मैचों में लगातार अच्छा कर रहा था।"
स्वप्निल ने कोलकाता के ख़िलाफ़ अपने आईपीएल डेब्यू पर 34 गेंदों पर 60 रन बनाए थे और उन्हें अपनी इस पारी के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच का अवॉर्ड भी दिया गया था।
राजस्थान द्वारा अपने दल में शामिल किए जाने से पहले वह 2007-08 के घरेलू सीज़न में गोवा की तरफ़ से सबसे ज़्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी थे। उन्होंने रणजी ट्रॉफ़ी के चार मैचों में 113.60 की औसत से 568 रन बनाए थे, जिसमें एक 254 रनों की नाबाद पारी भी शामिल थी।
आईपीएल के पहले सीज़न में स्वप्निल ने कुल नौ मुक़ाबले खेले जिसमें उन्होंने 133.47 के स्ट्राइक रेट और 34.55 की औसत से 311 रन बनाए, इसमें डेब्यू पर लगाए गए अर्धशतक सहित कुल दो अर्धशतक शामिल थे। इसके परिणामस्वरूप उन्हें 2008-09 के रणजी सीज़न में गोवा का कप्तान भी बनाया गया। इस सीज़न उनकी टीम राजस्थान विजेता भी थी।
हालांकि आईपीएल का पहला सीज़न स्वप्निल के लिए जितना यादगार रहा, दूसरा सीज़न उनके और राजस्थान दोनों के लिए भुलाने योग्य ही रहा।
स्वप्निल कहते हैं, "दूसरा सीज़न खेलने के लिए हम साउथ अफ़्रीका पहुंचे थे, लेकिन एक अभ्यास सत्र के दौरान ही मेरी उंगली पर चोट लग गई, जिससे मैं अगले दस दिनों तक अभ्यास तक नहीं कर पाया। इसका नतीजा यह हुआ कि मैं साउथ अफ़्रीका की परिस्थितियों में ख़ुद को ढाल नहीं पाया और इसका सीधा असर मेरे प्रदर्शन पर भी पड़ा।"
स्वप्निल ने दूसरे सीज़न में आठ पारियों में 12 की औसत और 105 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ़ 98 रन बनाए, जिसमें 44 का एक सर्वश्रेष्ठ स्कोर शामिल था। तीसरा और चौथा सीज़न भी स्वप्निल के लिए कुछ अलग नहीं रहा। तीसरे सीज़न उन्हें सिर्फ़ दो मैच खेलने का अवसर मिला, जिसमें वह सिर्फ़ पांच रन ही बना सके। जबकि चौथे सीज़न में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब (अब, पंजाब किंग्स) के ख़िलाफ़ इकलौता मुक़ाबला खेलने को मिला, जिसमें वह सिर्फ़ नौ रन ही बना पाए। इसके बाद राजस्थान ने उन्हें रिलीज़ कर दिया।
स्वप्निल आईपीएल में मिले अवसरों को लेकर कहते हैं, "मुझे चौथे सीज़न में सिर्फ़ एक मैच खेलने का ही मौक़ा मिल पाया। मुझे लगता है कि अगर मुझे दो या तीन मैच और दिए गए होते तो मैं शायद और बेहतर कर सकता था। लेकिन इस सीज़न के बाद ही मुझे यह संकेत मिलने शुरू हो गए थे कि आगे राजस्थान मुझे अपने साथ जोड़े नहीं रखेगी।"
राजस्थान से रास्ते अलग होने के बाद स्वप्निल को आईपीएल में कोई ख़रीददार नहीं मिला। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। 2015 में सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (2014-15) में दूसरा सर्वाधिक रन (362) बनाने के बावजूद जब आईपीएल नीलामी में स्वप्निल नहीं बिके तब उनका धैर्य जवाब दे गया।
स्वप्निल अच्छे सीज़न के बावजूद आईपीएल में चयन न होने पर कहते हैं, "मैंने 2015 के सीज़न में अंतिम प्रयास किया। मुझे उम्मीद थी कि इस बार मुझे आईपीएल में कोई ख़रीददार मिल ही जाएगा। लेकिन जब एक बार फिर मुझे निराशा हाथ लगी तब मैंने आईपीएल में दोबारा मौक़ा पाने की कोशिशों को विराम दे दिया।"
हालांकि स्वप्निल ने घरेलू क्रिकेट में खेलना नहीं छोड़ा। 2017-18 रणजी सीज़न में वह गोवा की तरफ़ से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ भी रहे। लेकिन इसके ठीक अगले सीज़न गोवा की टीम में उनका चयन नहीं किया गया। जिसके बाद स्वप्निल ने बतौर क्रिकेटर घरेलू क्रिकेट से भी किनारा कर लिया। हालांकि इसके अगले साल ही वह गोवा की अंडर-23 टीम के कोच भी नियुक्त हो गए। स्वप्निल इस समय ज़ोनल क्रिकेट अकादमी (ज़ेडसीए) अंडर 16 कैंप के बल्लेबाज़ी कोच हैं।
स्वप्निल आगे की अपनी योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहते हैं, "मुझे क्रिकेट से जो कुछ भी मिला, उससे मैं आज संतुष्ट हूं। आप अगर मेरे से बात भी कर रहे हैं तो सिर्फ़ इस वजह से क्योंकि मैंने क्रिकेट को चुना। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो भाग्य में विश्वास रखता है। आगे बस मैं यही चाहता हूं कि जो कुछ भी मुझे क्रिकेट से मिला, जितना भी कुछ मैंने सीखा वह सब कुछ मैं इस खेल को बतौर कोच वापस लौटा सकूं।"