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शशांक : श्रेयस ने मुझे उनके शतक की चिंता नहीं करने के लिए कहा था

पंजाब किंग्स के कप्तान को अंतिम ओवर में स्ट्राइक नहीं मिली जिसके चलते वह 97 के निजी स्कोर पर नाबाद रहे

शशांक सिंह ने सिर्फ़ 10 गेंदों का सामना किया था और पारी का अंतिम ओवर शेष था। हालांकि पंजाब किंग्स (PBKS) के कप्तान श्रेयस अय्यर भी उस समय 97 के निजी स्कोर पर खेल रहे थे। श्रेयस सेट थे और IPL में अपने पहले शतक के क़रीब थे।
लेकिन शशांक ने कहा कि उन्हें यह सलाह दी गई थी कि वह हर गेंद पर चौका या छक्का जड़ने के लिए जाएं और श्रेयस को स्ट्राइक देने के बारे में न सोचें। उन्होंने ऐसा ही किया और अंतिम ओवर में पांच चौके जड़ते हुए 23 रन बटोरे जिसके परिणाम स्वरूप PBKS ने अपने पहले मैच में गुजरात टाइटंस (GT) के ख़िलाफ़ पांच विकेट के नुक़सान पर 243 रन जोड़े। जिसके जवाब में GT ने 231 रन बना लिए थे।
शशांक ने मैच के बाद कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मेरी नज़र स्कोरबोर्ड पर नहीं थी लेकिन पहली गेंद पर बाउंड्री निकालने के बाद मैंने देखा कि श्रेयस 97 के स्कोर पर हैं। मैं उनसे पूछने जाने ही वाला था कि मुझे सिंगल लेना चाहिए या कुछ और करना चाहिए लेकिन उन्होंने ख़ुद मुझसे आकर कहा कि उनके शतक के बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। यह कहने के लिए बड़ा दिल और हिम्मत चाहिए क्योंकि T20 में शतक आसानी से नहीं बनते हैं, और ख़ासतौर पर IPL में। श्रेयस के उन शब्दों ने मेरा आत्मविश्वास और बढ़ा दिया।"
श्रेयस ने शशांक से कहा, "शशांक, ऐसे मत सोचना कि मेरा 100 होने वाला है, बस तुम अपने शॉट्स खेलो।"
श्रेयस की इस सलाह ने 19 ओवर में PBKS के 220 के स्कोर से पारी के अंत तक उनका स्कोर 243 तक पहुंचा दिया। ख़ुद श्रेयस ने मैच के बाद ब्रॉडकास्टर्स से कहा, "200 के स्कोर के बाद 40 के आसपास रन काफ़ी अहम थे। पिच से स्पिनर्स को मदद मिल रही थी लेकिन ओस की आशंका के बीच हमें पता कि जल्द ही परिदृश्य बदल जाएगा। शुक्र है कि हम रणनीति पर अमल करने में सफल रहे और जिस तरह से उन्होंने (शशांक) प्रदर्शन किया वो बेहतरीन था।"
श्रेयस और शशांक ने 28 गेंदों पर नाबाद 81 रनों की साझेदारी करते हुए PBKS की पारी के अंतिम चार ओवरों में 77 रन जोड़े। IPL 2022 के बाद से पहली बार नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी के लिए श्रेयस ने अंतिम तीन ओवरों में सिर्फ़ चार गेंदों का ही सामना किया। शशांक ने 16 गेंदों पर 44 जबकि श्रेयस ने 42 गेंदों पर नाबाद 97 रन बनाए।
छत्तीसगढ़ का रुख़ करने से पहले मुंबई के लिए अपने घरेलू क्रिकेट करियर का आग़ाज़ करने वाले शशांक ने कहा, "हम सभी जानते हैं कि यह एक टीम गेम है लेकिन ऐसी परिस्थिति में निस्वार्थ होना इतना आसान नहीं रहता जिसका परिचय श्रेयस ने दिया। मैं पिछले 15 वर्षों से उन्हें जानता हूं और उनमें ज़रा भी बदलाव नहीं आया है। उन्होंने मुझे शांत रहने और वही शॉट्स खेलने के लिए कहा था जो मैं अमूमन खेलता हूं, और मुझे लगता है कि हमने टीम की पारी को अच्छे अंजाम तक पहुंचाया।"
GT को जीत के लिए IPL इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा चेज़ करना था लेकिन साई सुदर्शन की 41 गेंदों पर 74 रनों की पारी ने उन्हें मुक़ाबले में बरक़रार रखा था। जॉस बटलर और शरफ़ेन रदरफ़ोर्ड ने भी कुछ बड़ा शॉट्स लगाए और 9 से 14 ओवर के बीच GT ने 87 रन जोड़े। भारी ओस पड़ रही थी ऐसे में छह ओवर में 75 रन हासिल करने योग्य लग रहे थे। लेकिन इसके बाद PBKS के इम्पैक्ट प्लेयर विजयकुमार वैशाख के स्पेल ने तस्वीर बदल दी।
वैशाख ने दो ओवर में मात्र 10 रन दिए जिसमें 10 डॉट गेंदें शामिल थीं। PBKS ने तीन ओवर के अंतराल में एक भी बाउंड्री नहीं खाई और GT रफ़्तार में आए ब्रेक से उबर नहीं पाई।
शशांक ने कहा, "श्रेयस वैसे कप्तान हैं जो अपने दिल की सूनते हैं और यही वजह है कि वह मौजूदा समय में दुनिया के सबसे बेहरतीन कप्तानों में से एक हैं। मुझे भी लगता है कि वैशाख से गेंदबाज़ी कराने का वो सही समय था और जिस तरह से उन्होंने गेंदबाज़ी की वो काबिले तारीफ़ है। गेंदबाज़ी से संबंधित मीटिंग में हम हर चीज़ की योजना बनाते हैं तो हमने इसके लिए भी योजना बनाई थी। जिस तरह से उन्होंने रणनीति को अमली जामा पहनाया वो प्रशंसनीय है। क्योंकि उन ओवरों में गेंदबाज़ी करना आसान नहीं था और ओस भी काफ़ी पड़ रही थी। आपको मैच में मोमेंट जीतने पड़ते हैं और वैशाख ने ऐसा ही किया। वैसे यॉर्कर डालना आसान नहीं होता लेकिन उन्होंने पूरी सटीकता के साथ गेंदबाज़ी की इसलिए वह तारीफ़ के हक़दार हैं।"