PBKS के मुख्य कोच रिकी पोंटिंग के साथ प्रियांश • Punjab Kings
अगर भाग्य प्रियांश आर्या के पक्ष में काम करता तो वह 2020 के अंडर-19 विश्व कप में यशस्वी जायसवाल के साथ ओपन किए होते। लेकिन उम्र होने के बावजूद कुछ तकनीकी कारणों से BCCI ने उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया था। अब जहां जायसवाल भारतीय टीम के सितारे हैं, वहीं आर्या अभी संघर्ष के पथ पर सवार हैं।
दिल्ली की तरफ़ से पांच साल पहले सीनियर क्रिकेट में घरेलू डेब्यू करने वाले 24-वर्षीय आर्या को घरेलू और दिल्ली क्रिकेट सर्किट में लंबे-लंबे छक्के मारने के लिए जाना जाता है। उन्होंने इसी साल सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी (SMAT) के पहले मैच में पीयूष चावला और भुवनेश्वर कुमार जैसे गेंदबाज़ों के सामने यह कारनामा किया और 43 गेंदों में 102 रन बनाए।
इसके तुरंत बाद IPL की बड़ी नीलामी हुई और आर्या को पंजाब किंग्स ने 3.8 करोड़ रूपये में ख़रीद लिया। अब आर्या की नज़र IPL स्तर पर प्रदर्शन कर करियर के रास्ते में आगे बढ़ने की है।
ESPNcricinfo से बात करते हुए आर्या ने कहा, "जिस दिन मुझे पंजाब किंग्स की जर्सी मिली, मेरे रोंगटे खड़े हो गए। यह मेरे लिए एक अविश्सनीय एहसास था। किसी IPL टीम का हिस्सा होना और रिकी (पोंटिंग) सर को सुनना अद्भुत है। जब भी वह बोलते हैं, मैं उनके एक-एक शब्द को बहुत ध्यान से सुनता हूं। यह मेरी ज़िंदगी के बेहतरीन पलों में से एक है।"
अगस्त 2024 में दिल्ली प्रीमियर लीग के एक मैच में आर्या ने एक ओवर में छह छक्के लगाए थे और आयुष बदोनी (50 गेंदों में 120 रन) के साथ 286 रनों की विशाल साझेदारी की थी। इस मैच में उनकी टीम साउथ दिल्ली सुपरस्टार्ज़ ने 308 रन बनाए थे।
आर्या कहते हैं, "इस प्रदर्शन के बाद मुझे कई IPL टीमों ने ट्रायल पर बुलाया। हालांकि नीलामी से मुझे पहचान मिली और उस दिन मुझे कई जाने-अनजाने और पुराने लोगों के भी कॉल आए। तब मुझे लगा कि मैंने कुछ कर दिया है।"
आर्या एक मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं, जहां उनके माता और पिता दोनों स्कूल टीचर हैं। नौ या 10 साल की उम्र में आर्या ने संजय भारद्वाज की एकेडमी में दाखिला लिया, जहां पर गौतम गंभीर, नीतीश राणा और उन्मुक्त चंद जैसे क्रिकेटर ट्रेनिंग करते थे। आर्या बताते हैं कि संजय सर उन्हें इन बल्लेबाज़ों को नेट के पीछे से देखने के लिए कहते थे ताकि उनसे कुछ सीखा जा सके। तब ऐसे क्रिकेटरों को देखकर आर्या रोमांचित हो जाते थे।
आर्या ने अंडर-14 क्रिकेट से ही कमाल करना शुरू कर दिया था, लेकिन 17 साल की उम्र में उन्हें पहला झटका लगा, जब उन्हें अंडर-19 टीम में नहीं चुना गया।
आर्या बताते हैं, "जब एक चयनकर्ता (पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ अमित भंडारी) ने मुझसे कहा कि मुझे अंडर-16 टीम में होना चाहिए, जबकि मैं 17 साल की उम्र में अब उसके योग्य नहीं था और अंडर-19 क्रिकेट टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहा था। मैंने ट्रायल मैचों में ढेर सारे रन बनाए थे और मुझे विश्वास था कि मेरा चयन हो जाएगा। लेकिन तब मुझे पता नहीं था कि अगर मैं अंडर-16 स्तर पर एज़ टेस्ट से नहीं गुजरा हूं तो मैं अंडर-19 क्रिकेट सिर्फ़ दो साल तक ही खेल सकता हूं। 17 साल की उम्र में ही मैं अपने अंडर-19 क्रिकेट का कोटा पूरा कर चुका था।"
इस वजह से आर्या अंडर-19 विश्व कप से बाहर हो गए और इसके बाद उन्हें दिल्ली की सीनियर टीम में आने के लिए तीन साल लग गए।
2024-25 में आर्या दिल्ली की तरफ़ से SMAT में सर्वाधिक रन (177 के स्ट्राइक रेट से 325 रन) बनाने वाले बल्लेबाज़ थे। DPL और SMAT के प्रदर्शनों के बाद IPL के कोचों और स्काउट्स का ध्यान आर्या पर गया और नीलामी में उन पर एक बड़ी बोली लगी।
आर्या बताते हैं, "जब नीलामी में मेरा नाम बोला गया, तो मैं बहुत दबाव महसूस कर रहा था और तकिये को दांत से चबा रहा था। जब बोली बढ़ती गई तो मुझे लगातार कॉल और मैसेज आते रहे और मेरा फ़ोन हैंग कर गया। नीलामी पूरा होने के बाद मैंने जोंटी सिद्धू (दिल्ली टीम के साथी) के फ़ोन से अपने मां-बाप को फ़ोन किया।"
IPL नीलामी के इस बड़े रक़म का आर्या क्या करेंगे? दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेज़ुएट आर्या कहते हैं, "यह सब मम्मी-पापा का है। उन्होंने मेरा हर क़दम पर समर्थन किया है और वे बहुत ख़ुश हैं कि मैं IPL में खेल रहा हूं। उन्हें खेलों के बारे में कुछ भी नहीं पता है और उनके सभी दोस्त भी अध्यापक हैं। लेकिन उन्होंने कभी भी मुझे क्रिकेट खेलने से नहीं रोका और पढ़ाई करने की बाध्यता दी। यह सब उनका ही है।"
फ़िलहाल आर्या इस बात से उत्साहित हैं कि उन्हें IPL में जसप्रीत बुमराह का सामना करने का मौक़ा मिल सकता है। इसके अलावा वह अपने दोस्त आयुष बदोनी पर छक्के लगाना चाहते हैं क्योंकि उनके बीच ऐसा कुछ शर्त लगा है। आर्या मुस्कुरा देते हैं।