मैच (14)
IPL (3)
BAN vs ZIM (1)
त्रिकोणीय वनडे सीरीज़, श्रीलंका (1)
County DIV1 (3)
County DIV2 (2)
Women's One-Day Cup (4)
ख़बरें

आईसीसी ने ट्रांसजेंडर खिलाड़‍ियों को महिला क्रिकेट से प्रतिबंधित किया

आईसीसी लिंग पात्रता नियमों में बदलाव अखंडता और खिलाड़ी की सुरक्षा का हवाला देता है

Generic shot of a helmet, bat, gloves and ball during India's training session in Arundel ahead of the World Test Championship final, June 1, 2023

महिला क्रिकेंट में आईसीसी ने एक बड़ा बदलाव किया है  •  ICC via Getty Images

अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट में डेनली मक्‍गही पहली ट्रांसजेंडर खिलाड़ी बनी थी लेनि अब वह अंतर्राष्‍ट्रीय महिला क्रिकेट का हिस्‍सा नहीं हो पाएंगी क्‍योंकि आईसीसी ने ट्रांसजेंडर खिलाड़‍ियों को अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट में प्रतिबंधित कर दिया है।
मंगलवार को आईसीसी बोर्ड द्वारा लागू किए गए नए नियमों के तहत, कोई भी खिलाड़ी जो पुरुष से महिला बन गया है और किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुका है, उसे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
29 वर्षीय बल्लेबाज़ मक्‍गही मूल रूप से ऑस्ट्रेलिया की हैं, लेकिन 2020 में कनाडा चली गईं और सर्जरी के बाद 2021 में पुरुष से महिला में बदली। सितंबर 2023 में वह महिला टी20 अमेरिका क्वालीफ़ायर में कनाडा के लिए खेलीं, जो 2024 टी20 विश्व कप के लिए टीमों के लिए एक रास्‍ता है।
मक्‍गही ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए पुरुष से महिला में परिवर्तन के लिए लिंग पात्रता मानदंड को पूरा किया था, जो उस समय लागू था। उन्‍होंने अभी तक छह टी20 अंतर्राष्‍ट्रीय खेले हैं, जिसमें उन्‍होंने 95.93 के स्‍ट्राइक रेट और 19.66 की औसत से 118 रन बनाए हैं।
आईसीसी ने खेल के हितधारकों के साथ नौ महीने की चर्चा के बाद नई नीति को अंतिम रूप दिया। बोर्ड ने कहा, "यह महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।"
आईसीसी के सीईओ ज्‍यॉफ़ एलर्डिस ने कहा, "एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है, लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतरराष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना है।"
फिलहाल, डा. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति की अध्यक्षता में की गई समीक्षा, केवल अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है।
आईसीसी ने कहा, "घरेलू स्तर पर लिंग पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय कानून से प्रभावित हो सकता है। नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।"