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करुण नायर की सफल वापसी का राज़ : आत्मविश्वास और सटीक शॉट सेलेक्शन

नायर ने 10 मिनट के प्रेस कॉन्फ़्रेंस और आधा दर्जन सवालों के बीच लगभग एक दर्जन बार 'कॉन्फ़िडेंस' (आत्मविश्वास) शब्द का प्रयोग किया

करुण नायर लगभग तीन साल बाद कोई IPL मैच खेलने उतरे थे। IPL 2018 से IPL 2022 के दौरान भी उन्हें पांच सीज़न में सिर्फ़ आठ मैचों में खेलने का मौक़ा मिला था। जब इस सीज़न की शुरुआत हुई तो भी सफल घरेलू फ़ॉर्म के बावजूद उन्हें दिल्ली कैपिटल्स (DC) की शुरुआती XII में जगह नहीं मिल रही थी।
मुंबई इंडियंस (MI) के ख़िलाफ़ मैच के लिए जब फ़ाफ़ डु प्लेसी फ़िट नहीं थे, तब भी उनकी जगह इंपैक्ट प्लेयर के रूप में नायर और समीर रिज़वी की जगह कोई भी टीम में आ सकता था, जैसा कि DC के कप्तान अक्षर पटेल ने ख़ुद टॉस के दौरान कहा था। लेकिन जब MI ने 200 के ऊपर का स्कोर खड़ा किया तो DC टीम प्रबंधन ने रिज़वी की युवा जोश की जगह नायर के अनुभव पर विश्वास जताया, जिसे नायर ने 40 गेंदों में 89 रन की पारी खेल सही साबित करने की कोशिश की।
नायर ने अपनी इस पारी के दौरान 12 ख़ूबसूरत चौके और पांच दनदनाते छक्के लगाए, जिसमें जसप्रीत बुमराह के ख़िलाफ़ पावरप्ले में नौ गेंदों पर चार चौकों और दो छक्कों की मदद से किया गया 26 रनों का 'पावर शो' भी शामिल है। यह T20 मैचों में किसी भी बल्लेबाज़ का बुमराह के ख़िलाफ़ किया गया सर्वश्रेष्ठ पावरप्ले प्रदर्शन है।
मैच के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नायर ने कहा, "(पिछले घरेलू सीज़न के बाद) मैं आत्मविश्वास से भरा हुआ था और पूरी फ़्लो में था। मैं इस फ़्लो को रोकना नहीं चाहता था और सही गेंदों पर सही दिशा में शॉट खेलना चाहता था। बुमराह इस समय दुनिया के सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ हैं, तो इसलिए मुझे थोड़ा सजग भी रहना था। लेकिन मैंने अपने आप पर भरोसा किया और कुछ ऐसी जगहों का चुनाव किया, जहां मुझे शॉट खेलने थे। फिर मैंने उधर ही शॉट खेले।"
नायर की बल्लेबाज़ी की सबसे ख़ास बात यह रही कि पावरप्ले में उन्होंने फ़ील्ड रिस्ट्रिक्शन का फ़ायदा उठाते हुए सीधे बल्ले से क्लासिकल और पारंपरिक शॉट खेले और पावरप्ले के बाद जब फ़ील्ड खुला, तो उन्होंने स्पिनरों के ख़िलाफ़ आधुनिक T20 बल्लेबाज़ों वाला रूख़ भी अख़्तियार किया और आड़े बल्ले से कुछ आड़े-तिरछे शॉट्स पर भी बाउंड्रीज़ बंटोरी।
क्या यह गेमप्लान का हिस्सा था? इस सवाल के जवाब में नायर ने कहा कि वह हर तरह के शॉट खेल सकते हैं और यह पिच और मैच की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, "मेरा गेम प्लान यही है कि पिच और मैच की परिस्थितियों के अनुसार खेलूं। मुझे यह आत्मविश्वास है कि मैं हर तरीक़े का शॉट खेल सकता हूं। लेकिन उस दिन, उस दिन की परिस्थितियों और पिच के अनुसार क्या शॉट बेहतर होगा, वह निर्णय करना बहुत ज़रूरी है। आज मुझे लगा तो मैंने इस तरह के शॉट खेलें लेकिन अगले मैच में पिच और परिस्थितियां कुछ अलग हुईं तो मैं शायद अलग तरह से खेलूं। सबकुछ पिच और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।"
नायर की पारी को देखने से कभी भी नहीं लगा कि वह लगभग तीन साल बाद कोई IPL मैच खेलने उतरे हैं या फिर 2520 दिन (लगभग सात साल बाद) कोई IPL अर्धशतक लगाया हो। उनके अनुसार यह उनके लिए बस एक नया दिन और एक नया मैच था।
नायर ने कहा, "मानसिक रूप से मैं इसके लिए तैयार था और मौक़े की तलाश में था। मैं कॉन्फ़िडेंट था और उसी तरह से अपनी तैयारी भी कर रहा था। किसी भी टीम प्रबंधन के लिए 11 या 12 खिलाड़ियों को चुनना बहुत कठिन होता है और मैं टीम के निर्णय का सम्मान करता हूं। लेकिन मैं पूरी तरीक़े से गेम रडी था और जो प्रोसेस फ़ॉलो करते आया हूं, वो फ़ॉलो कर रहा था। यही मेरे लिए काम किया। मैं ख़ुश हूं कि मुझे मौक़ा मिला और अब यह मुझ पर था कि मैं इस मिले मौक़े को कैसे भुनाता हूं।
"मैंने IPL पहले भी खेला है, इसलिए कितने साल बाद खेल रहा हूं, इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ता है। मुझे पता था कि मैं कुछ नए का सामना नहीं करने जा रहा हूं। मेरे दिमाग़ में बस यही चल रहा था कि वहां जाऊं, अपने आपको कुछ गेंदों का समय दूं और फिर खेल की गति और परिस्थितियों के अनुसार अपना गेम चलाऊं और जब ज़रूरत हो, तब इंप्रोवाइज़ भी करूं। सौभाग्य से यह काम कर गया और मैं ख़ुश हूं कि मैंने अच्छी बल्लेबाज़ी की। हां, अगर हम जीत जाते तो और ही बात होती।"
नायर ने 10 मिनट के प्रेस कॉन्फ़्रेंस और आधा दर्जन सवालों के बीच लगभग एक दर्जन बार 'कॉन्फ़िडेंस' (आत्मविश्वास) शब्द का प्रयोग किया। यह आत्मविश्वास उन्हें बीते घरेलू सीज़न से मिला, जहां उन्होंने तीनों फ़ॉर्मेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में रिकॉर्ड पांच शतकों के साथ 389.50 की अविश्वसनीय औसत और 124.04 के स्ट्राइक रेट से आठ पारियों में छह बार नाबाद रहते हुए सर्वाधिक 779 रन बनाए, वहीं रणजी ट्रॉफ़ी में भी उनके नाम 16 पारियों में 53.93 की औसत से चार शतकों के साथ कुल 863 रन दर्ज हुए।
सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी में भी उन्होंने छह पारियों में तीन अर्धशतकों की मदद से 42.50 की औसत और 177.08 के स्ट्राइक रेट के साथ 255 रन बनाए। नायर ने कहा कि उन्होंने अपनी तकनीक में कोई बदलाव नहीं किया है, बल्कि यह बढ़े हुए आत्मविश्वास का नतीज़ा है।
उन्होंने कहा, "मैं फिर से कहूंगा कि यह सब कॉन्फ़िडेंस का मामला है और मैंने ज्यादा कुछ नहीं बदला है। हो सकता है कि मैंने अपने तरकश में एक-दो नए शॉट शामिल किए हों, लेकिन इससे अधिक कुछ नया नहीं है। आप जितना देर तक क्रीज़ पर रूकोगे, उतना ही आपके पास रन बनाने का मौक़ा होगा और इससे आपका स्ट्राइक रेट बढ़ेगा ही। मैं ख़ुशक़िस्मत हूं कि मैंने जो अभ्यास किया, जो प्रोसेस फ़ॉलो किया और जो कुछ नए शॉट्स खेले, वह सब फलीभूत हुए। मैं इसे आगे भी जारी रखूंगा।"
जब नायर का घरेलू सीज़न अच्छा जा रहा था तो उन्हें तुरंत ही भारतीय टीम में शामिल करने की मांग की जा रही थी। IPL के बाद भारत को पांच टेस्ट मैचों के लिए इंग्लैंड का दौरा करना है और हालिया फ़ॉर्म को देखते हुए नायर इस सीरीज़ में शामिल होने के प्रबल दावेदार हैं। नायर को इंग्लैंड में काउंटी खेलने का अनुभव है और यह भी नहीं भूलना चाहिए कि उनके नाम टेस्ट क्रिकेट में दुर्लभ तिहरा शतक भी है। हालांकि नायर की नज़र अभी फ़िलहाल IPL में अच्छा प्रदर्शन करने पर है।
उन्होंने कहा, "मेरे दिमाग़ में अभी बस IPL चल रहा है। जैसे मैंने घरेलू सीज़न में अच्छा किया, मैं उस निरंतरता को यहां भी दिखाना चाहता हूं। इससे अधिक आगे की मैं नहीं सोच रहा हूं। मेरे लिए हर दिन एक नया दिन और एक नया मैच है। मेरे लिए सबसे अधिक ज़रूरी है कि मुझे जो भी मौक़े मिले, उसका पूर्ण इस्तेमाल करूं। आगे जो भी होगा, देखा जाएगा।"

दया सागर ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं.