लॉर्ड्स में खेले जा रहे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच दूसरे ऐशेज़ टेस्ट में बेन डकेट का वह कैच काफ़ी चर्चा में है जिसे तीसरे अंपायर ने नॉट आउट करार दिया था।
मिचेल स्टार्क ने डाइव लगाते हुए कैच तो लपका और फ़ील्ड अंपायर ने आउट भी दे दिया था लेकिन फिर तीसरे अंपायर ने इस फ़ैसले को उलट दिया।
चौथा दिन ख़त्म होने के बाद एमसीसी ने इस मसले पर सफ़ाई दी और कहा कि तीसरे अंपायर ने इसलिए नॉट आउट दिया क्योंकि स्टार्क का उस कैच पर नियंत्रण नहीं था। इस फ़ैसले के बाद ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी चौंक गए थे, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान पैट कमिंस ने दोनों फ़ील्ड अंपायर से बात भी की थी।
"लॉ 33.3 के मुताबिक़ एक कैच तभी मान्य माना जाता है जब फ़ील्डर कैच लेने के बाद उसपर पूरी तरह से नियंत्रण रखे। कैच लेने के बाद फ़ील्डर के मूवमेंट से भी नियंत्रण बना रहे और गेंद का संपर्क मैदान से या घास से न हो। इस मामले में मिचेल स्टार्क ने कैच तो साफ़ लपका था लेकिन फिर स्लाइड करने के दौरान गेंद घास में रगड़ती हुई नज़र आई, लिहाज़ा उनका नियंत्रण पूरी तरह से उस कैच पर नहीं था।"
एमसीसी की सफ़ाई
हालांकि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ ग्लेन मैकग्रॉ ने इस फ़ैसले को बकवास बताया और बीबीसी के ज़रिए जमकर अपनी भड़ास निकाली।
"माफ़ करिएगा, ऐसा बकवास फ़ैसला मैंने आजतक नहीं देखा था। गेंद पर स्टार्क का पूरा नियंत्रण था, ये बेहद निराशाजनक है। अगर कोई कहेगा कि गेंद पर स्टार्क का नियंत्रण नहीं था तो इससे बड़ी बकवास और कुछ नहीं हो सकती।"
इससे पहले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल में भी शुभमन गिल के बल्ले से निकले किनारे को कैमरन ग्रीन ने बहुत हद तक इसी तरह स्लिप में लपका था। लेकिन तब गिल को आउट दिया गया था और तब गिल ने अपना ग़ुस्सा सोशल मीडिया पर भी ज़ाहिर किया था।
इस टेस्ट में भी स्टीव स्मिथ ने जो रूट को पहली पारी में जब कैच लपकते हुए आउट किया था तो तीसरे अंपायर ने चेक किया था। पहले टेस्ट में भी मार्नस लाबुशेन ने शॉर्ट लेग पर एक कैच लपका था जिसे नॉट आउट करार दिया गया था, वह भी बहुत हद तक स्टार्क वाले कैच की ही तरह था।
इंग्लैंड के बल्लेबाज़ी कोच मार्कस ट्रेस्कॉथिक ने भी स्वीकार किया कि इसको लेकर खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ़ के बीच भी कन्फ़्यूज़न था।
"मुझे पहले लगा कि ये सही से लपका गया है, क्योंकि तब मैं दूर से देख रहा था। लेकिन उसके बाद साफ़ दिखा कि स्टार्क ने स्लाइड करते हुए गेंद को भी घास में रगड़ दिया था। हालांकि नियम की जानकारी मुझे भी बहुत अच्छे से नहीं है और जब तक मैं नियम न समझ जाऊं कुछ कहना मुनासिब नहीं होगा। लेकिन जो अंपायर ने समझाया उसके मुताबिक़ जब तक आपका शरीर मोशन में रहता है तब तक गेंद पर आपका नियंत्रण होना ज़रूरी है और इस मामले में यही चुनौतीपूर्ण था।"
अगर डकेट को आउट करार दिया जाता तो इंग्लैंड का स्कोर 113-5 हो जाता और फिर मेज़बान टीम की मुश्किल और बढ़ जाती। फ़िलहाल आख़िरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 257 रन की दरकार और उनके छह विकेट शेष हैं। डकेट के साथ क्रीज़ पर कप्तान बेन स्टोक्स मौजूद हैं जो इंग्लिश समर्थकों के लिए उम्मीद की किरण है।