बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के साथ पोज़ देते हुए रोहित शर्मा और पैट कमिंस • Getty Images
1991-92 के बाद पहली बार भारत ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलेगा। इसका मतलब ये हुआ कि ऑस्ट्रेलिया के हर बड़े मैदान को मेज़बानी का मौक़ा मिलेगा। हम आपको पिछले छह सीज़न को देखते हुए ये बताने जा रहे हैं कि इन मैदानों पर कैसी परिस्थितियां हो सकती हैं। भारत ने पिछले दोनों दौरों पर ऑस्ट्रेलिया को हार का मज़ा चखाया था, हालांकि उसके अलावा ऑस्ट्रेलिया को इस दौरान केवल वेस्टइंडीज़ से ब्रिसबेन में पिछले सीज़न हार मिली है।
हालांकि पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम को ज़्यादा टेस्ट की मेज़बानी नहीं मिली है, 2018-19 में भारत के ख़िलाफ़ ही इस मैदान पर पहला टेस्ट खेला गया था। जहां विराट कोहली ने बेहतरीन शतक जड़ा था, इसके बाद अगले दो सीज़न COVID की वजह इस मैदान को मेज़बानी नहीं मिली थी।
ऑस्ट्रेलिया का रिकॉर्ड इस मैदान पर बेहतरीन रहा है जो उनके पक्ष में जा सकता है। इस मैदान पर उनकी सभी चार जीतें बड़े अंतर से हासिल हुई हैं। ऑस्ट्रेलिया ने पिछले तीन टेस्ट में इस मैदान पर न्यूज़ीलैंड (D/N), वेस्टइंडीज़ और पाकिस्तान को शिकस्त दी थी। ये सभी के सभी मुक़ाबले एक ही तरह से रहे हैं जहां पहले बल्लेबाज़ी करते हुए बड़ा स्कोर बनाया गया और फिर विपक्षी टीम के ख़िलाफ़ बड़ी बढ़त बनाई हालांकि फ़ॉलोऑन नहीं दिया और फिर मुश्किल पिच पर चौथी पारी में विपक्षी टीम को चारों ख़ाने चित कर दिया।
वैसे तो पर्थ और पेस गेंदबाज़ी का रिश्ता काफ़ी पुराना है, फिर चाहे WACA हो या फिर ये नया ऑप्टस स्टेडियम। लेकिन इसके बावजूद नेथन लायन को यहां काफ़ी मदद मिलती है और वह इस पिच से मिलने वाली उछाल का ख़ूब आनंद उठाते हैं।
2018-19 से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ : मार्नस लाबुशेन (103.80 की औसत से 519 रन) 2018-19 से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ : नेथन लायन (18 की औसत से 27 विकेट) 2018-19 से पहली पारी का औसत टीम स्कोर: 456
एडिलेड ओवलः पिंक बॉल टेस्ट की जगह
वही मैदान जहां भारत 36 रन पर ऑलआउट हो गया था। वह कुछ घंटे जब भारतीय बल्लेबाज़ों के बल्ले से गेंद सिर्फ़ किनारा लेकर विकेट के पीछे और आस पास जा रही थी। 2020-21 की ही तरह इस बार भी इस मैदान पर पिंक बॉल यानी दिन/रात्रि का टेस्ट खेला जाना है। इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया को कभी भी पिंक बॉल टेस्ट में हार नहीं मिली है, पिंक बॉल टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को जो अपने घर में एकमात्र हार मिली थी वह वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ ब्रिसबेन में आई थी।
भारत के ख़िलाफ़ 2010-21 के उस दौरे को छोड़ दिया
जाए तो इस मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत का सबसे बड़ा हथकंडा है पिंक बॉल टेस्ट। जहां उनकी कोशिश होती है कि पहले बल्लेबाज़ी की जाए और बड़ा स्कोर किया
जाए। और फिर दूसरे दिन की शाम लाइट के अंदर उनके गेंदबाज़ क़हर बरपाते हैं।
2018-19 से रात के समय तीसरे पारी में यहां की बल्लेबाज़ी औसत 26.84 रही है जबकि इस दौरान पहले सत्र की औसत 28.04 और दूसरे सत्र की औसत 30.15 की रही है। लिहाज़ा पिंक बॉल टेस्ट में शाम के बाद का समय बेहद अहम हो जाता है जहां कृत्रिम रोशनी में तेज़ गेंदबाज़ी असरदार हो जाती है।
2018-19 से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ : मार्नस लाबुशेन (71.75 की औसत से 574 रन) 2018-19 से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ : मिचेल स्टार्क (17.20 की औसत से 30 विकेट) 2018-19 से पहली पारी का औसत टीम स्कोर : 375
ब्रिसबेनः जहां टूट गया है गाबा का घमंड
ब्रिसबेन का गाबा जो हाल के सालों में ऑस्ट्रेलिया का गढ़ हुआ करता था - अब नहीं रह गया। जहां भारत ने 2020-21 में मशहूर जीत हासिल की थी तो उसके बाद शमार जोसेफ़ की बेहतरीन गेंदबाज़ी के दम पर वेस्टइंडीज़ ने भी लाजवाब जीत प्राप्त की थी। इस मैदान के भविष्य पर भी संदेह है - इस मैदान को एक और सीज़न के लिए ही मेज़बानी मिलनी है और उसके बाद 2032 ओलंपिक के लिए इस मैदान की पुनर्निर्माण की योजना चल रही है।
2018-19 से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ : मार्नस लाबुशेन (62.12 की औसत से 497 रन) 2018-19 से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ : पैट कमिंस(17.25 की औसत से 36 विकेट) 2018-19 से पहली पारी का औसत टीम स्कोर : 227
मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड: तेज़ गेंदबाज़ी का नया गढ़
2017-18 के ऐशेज़ टेस्ट के बाद से MCG की पिच पूरी तरह से बदल गई है और अब ये तेज़ गेंदबाज़ों के लिए जन्नत बनती जा रही है। इसे समझने के लिए आप इस आकंड़े को देखिए जहां 2013-14 और 2017-18 में पेसर्स की गेंदबाज़ी की औसत 41.19 थी तो पिछले छह सीज़न से इस मैदान पर तेज़ गेंदबाज़ों की औसत 15 से भी नीचे की आ गई है।
मज़ेदार बात ये है कि इस मैदान पर 2018-19 के बाद से टॉस की अहमियत कुछ ख़ास नहीं रह गई है। यहां पहले बल्लेबाज़ी करने वाली टीम ने अगर तीन मैच जीता है तो पहले गेंदबाज़ी करने वाली टीम ने भी तब से अब तक तीन मैच ही जीते हैं।
2018-19 से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ : डेविड वॉर्नर (60.16 की औसत से 361 रन) 2018-19 से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ : पैट कमिंस(15.41 की औसत से 31 विकेट) 2018-19 से पहली पारी का औसत टीम स्कोर : 299
सिडनी क्रिकेट ग्राउंड: स्पिनर्स को मिलेगी मदद ?
SCG की पिच पर अभी भी वही पारंपरिक ख़ूबी मौजूद है जो स्पिन गेंदबाज़ों को काफ़ी भाती है। जी हां, सिडनी की पिच पर आज भी स्पिनर्स के लिए अच्छी मदद मौजूद है जो भारतीय स्पिनर्स के लिए अच्छी ख़बर है। लेकिन साथ ही साथ हाल के दिनों में भारतीय बल्लेबाजों का स्पिन के ख़िलाफ़ कमज़ोर प्रदर्शन चिंता का सबब भी बन सकता है।
हालांकि जनवरी की शुरुआत में एक और चीज़ है जो मैच के नतीजे पर असर डाल सकती है और वह है बारिश। एक ऐसी चीज़ जिसने भारत को भी एक बार यहां जीत से वंचित कर दिया था। भारत को जहां in 2018-19 में दो दिन की बारिश की वजह से ड्रॉ से संतोष करना पड़ा था तो 2022-23 में साउथ अफ़्रीका भी जीत से महरूम रह गया था।
2018-19 से सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज़ : मार्नस लाबुशेन (81.55 की औसत से 734 रन) 2018-19 से सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ : नेथन लायन (32.42 की औसत से 26 विकेट) 2018-19 से पहली पारी का औसत टीम स्कोर : 436