अगले कुछ महीनों में टेस्ट क्रिकेट फ़ोकस में रहेगा। इस दौरान सभी टेस्ट टीमों का प्रयास यह रहेगा कि वह अपने विपक्षी टीमों को मात देते हुए, WTC के प्वाइंट टेबल में अपने स्थान को मज़बूत करें, ताकि वह फ़ाइनल तक का सफर तय कर सकें। इस WTC साइकिल में कुल 27 सीरीज़ खेले जाएंगे। उसमें से अभी तक सिर्फ़ 13 सीरीज़ ही खेले गए हैं। इसी कारण से कई टीमों के पास फ़ाइनल तक पहुंचने का अच्छा-ख़ासा मौक़ा है। आइए यह जानने का प्रयास करते हैं कि किन टीमों के पास फ़ाइनल तक पहुंचने का सबसे अच्छा मौक़ा है। भारत
अंक: 68.52%, बचे हुए सीरीज़: बांग्लादेश (2 घरेलू टेस्ट मैच), न्यूज़ीलैंड (3 घरेलू टेस्ट मैच), ऑस्ट्रेलिया ( विदेशी धरती पर 5 टेस्ट)
भारत वर्तमान में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) की अंक तालिका में शीर्ष पर है, जहां उन्होंने अब तक 68.52% अंक (9 टेस्ट से अधिकतम 108 में से 74 अंक) हासिल किया है। हालांकि नवंबर में वे ऑस्ट्रेलिया का दौरा करने वाले हैं, जो कहीं से भी आसान नहीं होने वाला है। उस श्रृंखला से पहले उन्हें बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ पांच घरेलू टेस्ट मैच खेलना है।
भारत को 60% अंकों से ऊपर रहने के लिए उन्हें इन 10 टेस्ट मैचों के 120 अंकों में से 63 अंक की ज़रूरत है। (एक जीत पर 12 अंक और ड्रॉ पर चार अंक मिलते हैं।) पांच जीत और एक ड्रॉ से भारत को 64 अंक मिलेंगे, जो उसे 60% अंकों से ऊपर रखेगा (यह मानते हुए कि धीमी ओवर गति जैसे अपराधों के लिए उनके अंक नहीं काटे जाएंगे)।
एक बात यह भी है कि 2023 में भारत 58.8 % अंकों के साथ फ़ाइनल के लिए क्वालीफ़ाई हुआ था ।
ऑस्ट्रेलिया
अंक: 62.50%, बचे हुए सीरीज़: भारत (5 घरेलू टेस्ट), श्रीलंका (2 टेस्ट)
ऑस्ट्रेलिया उन दो टीमों में से एक है जिन्होंने इस WTC साइकिल में पहले ही छह में से चार सीरीज़ खेल लिया है। वेस्टइंडीज़ ने भी अपने छह में से चार सीरीज़ खेल लिए हैं। वे 62.5% अंकों के साथ काफ़ी अच्छी स्थिति में हैं। हालांकि उनकी अंतिम रैंकिंग काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करेगी कि वे भारत के ख़िलाफ़ घरेलू मैदान पर कैसा प्रदर्शन करते हैं। कुल मिला कर फ़ाइनल में पहुंचने के लिए उन्हें सात टेस्ट में 47 और अंक चाहिए, जो उन्हें चार जीत, या तीन जीत और तीन ड्रॉ के साथ मिल सकते हैं।
न्यूज़ीलैंड
अंक: 50 %, बचे हुए सीरीज़: श्रीलंका (विदेशी धरती पर 2 टेस्ट), भारत (विदेशी धरती पर 3 टेस्ट), इंग्लैंड (3 घरेलू टेस्ट)
अब तक खेले गए छह टेस्ट में तीन जीत और तीन हार के साथ न्यूजीलैंड के पास 50 फ़ीसदी अंक हैं। जिसका मतलब है कि उन्हें 60% अंक प्राप्त करने के लिए उन्हें बहुत कुछ करने की ज़रूरत है। शेष आठ टेस्ट में उन्हें कम से कम 65 % अंक हासिल करने की ज़रूरत है। पांच जीत और दो ड्रॉ उन्हें इस अंक तक पहुंचा सकते हैं, लेकिन उन आठ में से तीन टेस्ट भारत में हैं, इसीलिए उनका काम आसान नहीं होगा।
श्रीलंका
अंक: 50.00 %, बचे हुए सीरीज़: इंग्लैंड (विदेशी धरती पर 3 टेस्ट), न्यूज़ीलैंड (2 घरेलू टेस्ट), साउथ अफ़्रीका (विदेशी धरती पर 2 टेस्ट), ऑस्ट्रेलिया (2 घरेलू टेस्ट)
श्रीलंका के पास न्यूज़ीलैंड की ही तरह 50 फ़ीसदी अंक है। हालांकि उन्होंने अपनी छह सीरीज़ में से सिर्फ़ दो ही सीरीज़ खेले हैं। अभी उन्हें इस साइकिल में नौ टेस्ट खेलेने हैं। कुल मिला कर 108 उपलब्ध अंकों में से 70 अंक हासिल करने हैं, तभी वे 60 फ़ीसदी अंक तक पहुंच सकते हैं। इसका मतलब है कि उन्हें छह जीत या पांच जीत और तीन ड्रॉ की आवश्यकता है। इसका मतलब है कि इंग्लैंड में होने वाले तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ में वह बहुत ज़्यादा अंक नहीं गंवा सकते हैं।
साउथ अफ़्रीका
अंक: 38.89 % , बचे हुए सीरीज़: श्रीलंका (2 घरेलू टेस्ट), पाकिस्तान (2 घरेलू टेस्ट), बांग्लादेश (विदेशी धरती पर दो टेस्ट)
साउथ अफ़्रीका और बांग्लादेश इस साइकिल में सबसे कम टेस्ट मैच खेलने वाली दो टीमें हैं। एक तरह इंग्लैंड की टीम इस WTC साइकिल में कुल 22 टेस्ट खेलने वाली है, जबकि बांग्लादेश और साउथ अफ़्रीका की टीमें सिर्फ़ 12 टेस्ट ही खेलेंगी। अब तक छह टेस्ट में साइउथ अफ़्रीका ने केवल 28 अंक जुटाए हैं। 60% अंक तक पहुंचने के लिए, उन्हें छह टेस्ट में 59 और अंक चाहिए, जिसका मतलब है कि उन्हें पांच जीत चाहिए। उनके पास श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ चार घरेलू टेस्ट खेलने हैं, जहां उन्हें बांग्लादेश दौरे पर जाने से पहले अधिकतम अंक हासिल करने की कोशिश करनी होगी।
पाकिस्तान
अंक : 36.66 %, बचे हुए सीरीज़: बांग्लादेश (2 घरेलू टेस्ट), इंग्लैंड (3 घरेलू टेस्ट), साउथ अफ़्रीका (2 घरेलू टेस्ट), वेस्टइंडीज़ (2 घरेलू टेस्ट)
श्रीलंका और बांग्लादेश की तरह, पाकिस्तान ने भी इस साइकिल में छह में से केवल दो सीरीज़ खेले हैं। उनमें से दोनों विदेशी दौरे थे। इसका मतलब है कि उनके पास बांग्लादेश, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ तीन सीरीज़ में घरेलू परिस्थितियों का अधिकतम लाभ उठाने का अवसर है। उनका एकमात्र शेष विदेशी दौरा साउथ अफ़्रीका में है।
60% अंक तक पहुंचने के लिए पाकिस्तान को अपने शेष नौ टेस्ट में से 79 फ़ीसदी अंकों की ज़रूरत है। वे छह जीत और दो ड्रॉ या सात जीत के साथ 60 फ़ीसदी अंक तक पहुंच सकते हैं। यह देखते हुए कि उन्हें ज़्यादातर मैच घरेलू धरती पर खेलना है, निश्चिक तौर पर उनके पास फ़ाइनल में पहुंचने का एक अच्छा मौक़ा है।
बांग्लादेश
अंक : 25.00 %, बचे हुए सीरीज़: पाकिस्तान (2 टेस्ट विदेशी धरती पर), भारत (2 टेस्ट विदेशी धरती पर), वेस्टइंडीज़ (2 टेस्ट विदेशी धरती पर), साउथ अफ़्रीका (2 घरेलू टेस्ट)
बांग्लादेश को इस साइकिल में चार और टेस्ट सीरीज़ खेलना है। हालांकि उसमें से सिर्फ़ एक ही सीरीज़ घरेलू धरती पर है। 60% पर समाप्त करने के लिए, उन्हें आठ टेस्ट में 96 में से 75 अंक की आवश्यकता है, जिसका मतलब है कि उन्हें छह जीत और एक ड्रॉ चाहिए।
वेस्टइंडीज़
अंक : 18.52 %, बचे हुए सीरीज़: बांग्लादेश (2 घरेलू टेस्ट), पाकिस्तान (2 विदेशी धरती पर)
वेस्टइंडीज़ पहले ही चार श्रृंखला खेल चुका है। उन्होंने 108 में से केवल 20 अंक हासिल किए हैं। अगर वे अपना आख़िरी चार टेस्ट जीत भी जाते हैं तो वह 43.59 % अंक तक ही पहुंच सकते हैं।