ऑस्ट्रेलिया ने पुणे के मैदान में खेले गए विश्व कप के अपने
आख़िरी लीग मुक़ाबले में बांग्लादेश को आठ विकेट से हरा दिया।
मिचेल मार्श उनके लिए इस विश्व कप के नायक रहे, जिन्होंने इस विश्व कप का दूसरा और वनडे क्रिकेट का तीसरा शतक लगाया। यह पहली बार हुआ जब ऑस्ट्रेलिया ने विश्व कप में 300 से ऊपर के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया।
टॉस हारकर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी बांग्लादेश ने निर्धारित 50 ओवरों में आठ विकेट खोकर 306 रन बनाए। उनके सभी बल्लेबाज़ों ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन तौहीद हृदोय को छोड़कर कोई भी बल्लेबाज़ अर्धशतक तक नहीं पहुंच सका। बांग्लादेश के बल्लेबाज़ों ने पिच पर टिकने के बाद बहुत साधारण-साधारण ग़लतियां की, जिसके कारण उनके तीन बल्लेबाज़ रनआउट भी हुए।
एक समय बांग्लादेशी पारी 350 के स्कोर तक बढ़ रही थी, लेकिन ख़ुद की ग़लतियों के कारण यह स्कोर 300 के आस-पास ही रह गया। ऑस्ट्रेलियाई की ओर से लेग स्पिनर ऐडम ज़ैम्पा ने बांग्लादेशी बल्लेबाज़ों को बांधते हुए निर्धारित 10 ओवरों में 32 रन देकर दो विकेट लिए, वहीं अपना पहला विश्व कप मैच खेल रहे शॉन ऐबट ने भी अपनी स्लोअर और शॉर्ट गेंदों से दो विकेट झटके।
जवाब में ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और ट्रैविस हेड तीसरे ओवर में ही 10 रन के निजी स्कोर पर पवेलियन में थे। लेकिन इसके बाद डेविड वॉर्नर और मार्श ने 116 गेंदों में 120 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम की जीत की राह पर वापस ला दिया। मार्श शुरू से ही आक्रामक थे और 132 गेंदों में 177 रनों की पारी के दौरान उन्होंने 17 चौके और नौ छक्के लगाए। वॉर्नर के आउट होने के बाद स्टीव स्मिथ ने मार्श का बेहतरीन साथ दिया और एक बेहतरीन अर्धशतक लगाकर अपनी टीम को जीत दिलाई।
कौन रहे इस जीत के मुख्य नायक?
इस जीत के मुख्य नायक निश्चित रूप से ऑलराउंडर मार्श रहे। जब उन्हें गेंदबाज़ी दी गई तो वह बहुत ही फीके नज़र आए और अपने चार ओवर के स्पेल में 48 रन ख़र्च किए, जबकि उन्हें एक भी विकेट हाथ नहीं लगा। हालांकि जब वह बल्लेबाज़ी के लिए आए तो उन्होंने बांग्लादेशी गेंदबाज़ों को बेरंग करते हुए मैदान के चारों ओर शॉट लगाया और नंबर तीन पर पहला वनडे शतक अपने नाम किया।
इस मैच का टर्निंग प्वाइंट निश्चित रूप से मार्नस लाबुशेन द्वारा किए गए दो रन आउट रहे। उन्होंने पहले टिककर खेल रहे बांग्लादेशी कप्तान नाजमुल हसन शान्तो (45) को अपनी बेहतरीन फ़ील्डिंग से पवेलियन भेजा और जब हृदोय और महमूदउल्लाह (32 रन, 28 गेंद, 1*4, 3*6) के बीच एक तेज़ साझेदारी पनप रही थी, तब फिर से एक जबरदस्त थ्रो लगाकर बांग्लादेश के 350 रन तक पहुंचने की संभावनाओं को ध्वस्त कर दिया।
एक समय बांग्लादेश की टीम दूसरे ड्रिंक्स तक छह से ऊपर के रन रेट से रन बनाते हुए सिर्फ़ तीन विकेट के नुक़सान पर 33 ओवरों में 203 रन पर थे, लेकिन अंतिम 102 गेंदों में पांच विकेट खोकर वे सिर्फ़ 103 रन ही बना पाए।
इस परिणाम के क्या मायने हैं?
इस परिणाम का तात्पर्य यह है कि बांग्लादेशी टीम की निराशाजनक सफ़र का निराशाजनक अंत हुआ और वे नौ मैचों में सिर्फ़ दो जीत हासिल कर सके, वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम बढ़े हुए आत्मविश्वास के साथ सेमीफ़ाइनल में साउथ अफ़्रीका से भिड़ेगी, जो गुरूवार को कोलकाता में होना निर्धारित है।