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उनादकट : जब तक मैं रणजी ट्रॉफ़ी खेल रहा हूं, भारतीय टीम में वापसी की कोशिश भी बनी रहेगी

सौराष्ट्र के बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ IPL की नीलामी को लेकर भी उत्साहित हैं

Jaydev Unadkat returned figures of 3 for 44, Bengal vs Saurashtra, 1st  day, Ranji Trophy 2022-23 final, Kolkata, February 16, 2023

काउंटी क्रिकेट के बाद उनादकट रणजी ट्रॉफ़ी में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं  •  PTI

जयदेव उनादकट ने भारतीय टीम के लिए अपना पहला टेस्ट मैच 2010 में खेला था। इसके 12 साल बाद भारत के पिछले बांग्लादेश दौरे पर उन्हें दूसरा टेस्ट खेलने का मौक़ा मिला, लेकिन इसके बाद उन्होंने अपनी जगह फिर से खो दी।
अब वह रणजी ट्रॉफ़ी और काउंटी क्रिकेट के जरिये फिर से वापसी करना चाहते हैं। हाल ही में काउंटी क्रिकेट में ससेक्स के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद अब उनादकट रणजी ट्रॉफ़ी में सौराष्ट्र की तरफ़ से खेल रहे हैं और चार मैचों में एक पंजा सहित 12 विकेट ले चुके हैं।
झारखंड और सौराष्ट्र के बीच हुए रणजी ट्रॉफ़ी मुक़ाबले के बाद उन्होंने ESPNcricinfo से बात करते हुए कहा, "मैं अभी अपने करियर के जिस दौर में हूं, वहां मैं काफ़ी ख़ुश हूं। मैं अपना 100 फ़ीसदी देने में सफल हूं और इससे मुझे ख़ुशी मिलती है। मैं अगर अच्छी लय में गेंदबाज़ी करूंगा तो फिर से मौक़ा ज़रूर आएगा। पिछली बार भी मैंने यह नहीं सोचा था कि 10-11 सालों के बाद मुझे फिर से भारतीय टीम में मौक़ा मिलेगा। अभी भी मुझे लगता है कि अगर मैं पूरी लय के साथ गेंदबाज़ी करूं और पूरी तरह से फ़िट रहूं तो मेरे लिए फिर से मौक़ा बनेगा। मुझे बस उस मौक़े के लिए तैयार रहने के बारे में सोचना है। इसके अलावा मैं भारतीय टीम में चयन के बारे में ज़्यादा नहीं सोचना चाहता। मैं बस ख़ुश रहना चाहता हूं और क्रिकेट खेलना चाहता हूं।"
33 वर्षीय उनादकट हमेशा से लाल गेंद की क्रिकेट और रणजी ट्रॉफ़ी को महत्वपूर्ण मानते हैं और यही उनके आगे जाने का रास्ता तय करता है।
वह कहते हैं, "जब तक मैं रणजी ट्रॉफ़ी खेलता रहूंगा, मेरा सपना भारतीय टीम के लिए खेलना है और यही होना भी चाहिए। एकबार जब आपको भारतीय टीम में मौक़ा मिलता है तो आप वापसी करना चाहते हैं लेकिन मैं कभी भी इसके बारे में ज़्यादा कुछ नहीं सोचना चाहता। मेरा प्रयास यह है कि मैं अपनी टीम के लिए अच्छा खेलूं और सौराष्ट्र को जीत दिलाऊं। यहीं से मेरे आगे का रास्ता तय होगा। यही वह जगह है, जहां मैं अपनी लय और फ़ॉर्म की निरंतरता को बनाए रखने में सफल हो पाऊंगा।"
ऑक्शन को लेकर निश्चित रूप से मैं काफ़ी उत्साहित हूं। हालांकि ऑक्शन मेरे लिए कोई नई चीज़ नहीं है। मैंने तक़रीबन आठ टीमों के लिए खेला है। मेगा ऑक्शन एक बड़ा मौक़ा होता है लेकिन उस ऑक्शन के जो भी परिणाम होंगे, मैं उसे स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। मैंने पिछले सीज़न सनराइज़र्स के लिए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था, उम्मीद है कि वह मुझे फिर से अपनी टीम में चुनेंगे। लेकिन अगर नहीं भी चुनते हैं या कुछ और भी होता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं।
जयदेव उनादकट
उनादकट का मानना है कि वह अभी काफ़ी अच्छी लय के साथ गेंदबाज़ी कर रहे हैं और फ़िटनेस के मामले में भी वह मैदान पर अपना 100 फ़ीसदी देने में सक्षम हैं। साथ ही वह पुरानी गेंद के साथ भी अच्छी गेंदबाज़ी करने में सक्षम हैं, जिसे वह काफ़ी महत्वपूर्ण मानते हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे हमेशा से ऐसा लगता है कि अगर मैं पुरानी गेंद के साथ अच्छी गेंदबाज़ी करने में सक्षम हूं तो मैं अच्छी लय में हूं और मेरा फ़ॉर्म अच्छा चल रहा है। मैदान पर किसी भी परिस्थिति में गेंदबाज़ी करने के लिए शरीर को तैयार रखना किसी भी खिलाड़ी के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है और मैं ऐसा करने में सक्षम हूं। इस मैच में (झारखंड के ख़िलाफ़) मैंने जिस तरह की गेंदबाज़ी की, मुझे काफ़ी अच्छा महसूस हो रहा है।"
हालांकि फ़िलहाल उनादकट का ध्यान रणजी ट्रॉफ़ी और वर्तमान घरेलू सीज़न पर है, जहां अपनी कप्तानी में वह अपनी टीम सौराष्ट्र को घरेलू टूर्नामेंट्स जिताना चाहते हैं। इससे पहले 2022-23 के सीज़न में उनादकट की ही कप्तानी में सौराष्ट्र ने दूसरी बार रणजी ट्रॉफ़ी जीता था। इसके अलावा विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी में भी उन्हें जीत मिली थी।
उनादकट कहते हैं, "हमारी टीम सौराष्ट्र एक बदलाव के दौर से गुजर रही है। अब टीम में युवा खिलाड़ियों को मौक़ा दिए जाने का प्रयास चल रहा है। इस साल हमारी टीम से तीन खिलाड़ियों ने डेब्यू किया है। एक कप्तान के तौर पर मैं चाहता हूं कि यह बदलाव काफ़ी आसानी से हो जाए। साथ ही हमने पिछले पांच सालों में जिस तरह का प्रदर्शन किया है, उसे जारी रखा जाए। मैं चाहता हूं कि मेरी कप्तानी के दौर में युवा खिलाड़ी हमारी टीम में आएं और सेटल हो जाएं। ऐसा नहीं है कि खिलाड़ी आते-जाते रहें। हमें पता है कि जब किसी टीम के लिए ट्रांजिशन का दौर आता है तो प्रदर्शन ऊपर-नीचे होता है लेकिन यह इस गेम का पार्ट है।
"आज के समय में आप अगर मेरे से पूछो कि जयदेव उनादकट के लिए सबसे महत्वपूर्ण क्या है, तो मैं बस सोते-जागते सौराष्ट्र की जीत के बारे में सोचता हूं। अपनी टीम के बारे में सोचता हूं। मैं जब सुबह उठता हूं तो सबसे पहले सोच यही आती है कि हमारी टीम कैसे जीतेगी और कैसे बेहतर बनेगी। अभी मेरे लिए सबसे बड़ा मोटिवेशन यही है। "
रणजी ट्रॉफ़ी के पहले चरण में अब बस एक ही मैच बचा हुआ है। इसके बाद घरेलू क्रिकेट सैयद मुश्ताक़ अली ट्रॉफ़ी के तरफ़ आगे बढ़ेगा। साथ ही 24 और 25 तारीख़ को IPL की बड़ी नीलामी भी है, जिसे लेकर उनादकट काफ़ी उत्साहित हैं। अब तक आठ टीमों के लिए IPL खेल चुके उनादकट पिछले सीज़न में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की टीम में थे।
उन्होंने कहा, "ऑक्शन को लेकर निश्चित रूप से मैं काफ़ी उत्साहित हूं। हालांकि ऑक्शन मेरे लिए कोई नई चीज़ नहीं है। मैंने तक़रीबन आठ टीमों के लिए खेला है। मेगा ऑक्शन एक बड़ा मौक़ा होता है लेकिन उस ऑक्शन के जो भी परिणाम होंगे, मैं उसे स्वीकार करने के लिए पूरी तरह से तैयार हूं। मैंने पिछले सीज़न सनराइज़र्स के लिए काफ़ी अच्छा प्रदर्शन किया था, उम्मीद है कि वह मुझे फिर से अपनी टीम में चुनेंगे। लेकिन अगर नहीं भी चुनते हैं या कुछ और भी होता है तो मैं उसके लिए तैयार हूं।
"मैं आठ टीमों के लिए खेला हूं और अब अगर नौवां टीम भी हो जाए तो मुझे कोई दिक्कत नहीं है। मुझे गेंदबाज़ी करने को मिल जाए तो मैं संतुष्ट रहूंगा। इससे पहले मैं लखनऊ के साथ था। उसके पहले मुंबई में था, जहां मुझे काफ़ी कम मैच मिले थे, लेकिन फिर भी मैं उस सेट अप में काफ़ी ख़ुश था। अब अगर मुझे कोई नई टीम मिलती है और वहां मुझे अपनी भूमिका के बारे में अच्छे से पता हो तो मुझे खेलने में मज़ा आएगा। मै कहीं भी अपना पूरा योगदान देने का प्रयास करूंगा।"

राजन राज ESPNcricinfo हिंदी में सब एडिटर हैं