आईपीएल इतिहास में संयुक्त रूप से सबसे तेज़ अर्धशतक अब पैट कमिंस के नाम • BCCI
कोलकाता नाइट राइडर्स 162 पर 5 (कमिंस 56*, वेंकटेश 50*, एम अश्विन 2-25) ने मुंबई इंडियंस 161 पर 4 (सूर्यकुमार 52*, तिलक 38, कमिंस 2-49) को 5 विकेट से हराया
सूर्यकुमार यादव का आतिशी अर्धशतक, डेवाल्ड ब्रेविस की बेख़ौफ़ बल्लेबज़ी और तिलक वर्मा की महत्वपूर्ण पारी की बदौलत मुंबई इंडियंस ने बल्लेबाज़ी के लिए एक मुश्किल पिच पर 162 रनों का लक्ष्य रखा। हालांकि इसके बाद जो हुआ, उन्होंने उसकी कल्पना भी नहीं की होगी।
14वें ओवर में केकेआर की आधी टीम को पवेलियन वापस भेजने के बाद मुंबई ने मैच को अपनी पकड़ से फिसलते देखा। पैट कमिंस ने संयुक्त रूप से आईपीएल इतिहास का सबसे तेज़ अर्धशतक लगाकर चार ओवर रहते अपनी टीम को जीत दिलाई। धीमी शुरुआत करने वाले वेंकटेश अय्यर ने भी अपना अर्धशतक पूरा किया लेकिन अंतिम क्षणों में वह मैदान पर सबसे बेहतर सीट से कमिंस की पिटाई का आनंद ले रहे थे। मुंबई को इस सीज़न अपनी तीसरी हार मिली जबकि कोलकाता अंक तालिका के शीर्ष पर जा पहुंची हैं।
कमिंस ने किया करारा प्रहार
कमिंस 14वें ओवर में आंद्रे रसल के आउट होने के बाद मैदान पर उतरे। टीम को 41 गेंदों पर 61 रनों की आवश्यकता थी और जसप्रीत बुमराह के दो ओवर आने अभी बाक़ी थे। पांच बल्लेबाज़ों को गंवाने वाली किसी भी टीम के पसीने छुड़ाने के लिए यह काफ़ी है। लेकिन ये केकेआर थी।
कमिंस ने दूसरी ही गेंद को डीप बैकवर्ड स्क्वेयर लेग के ऊपर से छक्के के लिए भजा, तीसरी गेंद को बैकवर्ड प्वाइंट और शॉर्ट थर्ड मैन के बीच से चौके के लिए निकाल दिया और छठी गेंद पर बुमराह को डीप मिडविकेट के ऊपर से छक्का जड़ा। इस तरह से उन्होंने अपने आक्रामक रवैये से टीम को इस सीज़न अपनी तीसरी जीत दिलाई।
धीमी शुरुआत करने वाले वेंकटेश ने भी छठे गियर पर पैर रखा और 41 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। यह कोई तेज़-तर्रार पारी नहीं थी बल्कि कई मौक़ों पर उन्हें भाग्य का सहारा मिला। मोटा बाहरी किनारा लेकर गेंद स्लिप के ऊपर से निकल गई या फ़ील्डरों से दूर जाकर गिरी और अंदरूनी किनारा लेने के बाद कई बार गेंद स्टंप के बगल से निकल गई। इन सबके बीच में उन्होंने ख़राब गेंदों पर प्रहार किया और अंत तक खड़े रहे।
कमिंस तो मानो ड्रेसिंग रूम से ही सेट होकर आए थे। शुरुआती बड़े शॉटों के बाद उन्होंने हमवतन डेनियल सैम्स को आड़े हाथों लिया और एक ओवर में चार छक्के और दो चौके लगाकर 14 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया। छक्का लगाकर शानदार अंदाज़ में उन्होंने मैच का अंत किया।
तूफ़ान से पहले की ख़ामोशी
कमिंस नामक तूफ़ान से पहले तक केकेआर के सारे खिलाड़ी बड़े शॉट सीधे फ़ील्डरों के हाथ में मार रहे थे। धीमी शुरुआत के दबाव में आकर अजिंक्य रहाणे बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में कैच आउट हुए। इसके बाद सैम्स ने कप्तान श्रेयस अय्यर को एक छोटी गेंद पर डीप स्क्वेयर लेग पर कैच करवाया। सैम बिलिंग्स 17 रनों की पारी में सहज दिखे लेकिन वह भी लॉन्ग ऑन पर लपके गए। नितिश राणा भी डीप मिडविकेट पर आसान सा कैच थमाकर केकेआर को बीच मझधार में छोड़ गए।
अंतिम 10 ओवरों में बुमराह के तीन ओवर बचाकर रखना शायद रोहित का मास्टर प्लान था लेकिन इस तूफ़ान में वह कुछ नहीं कर पाए। देखते ही देखते मैच समाप्त हो गया।
सूर्यकुमार और तिलक की महत्वपूर्ण साझेदारी
अंगूठे में फ़्रैक्चर होने के बाद पहला प्रतिस्पर्धी मैच खेल रहे सूर्यकुमार ने धीमी शुरुआत की। पहली बाउंड्री लगाने में 18 गेंदें लेने के बाद भी उन्होंने संयम बरक़रार रखा। इसके बाद अगली 17 गेंदों पर उन्होंने ख़राब गेंदबाज़ी का भरपूर लाभ उठाया और चार चौके और दो छक्के लगाकर इस सीज़न का अपना पहला अर्धशतक बनाया।
इस पारी में सब कुछ था : कलाइयों का जादू, स्वीप, लैप शॉट और अपर कट भी। सूर्यकुमार ने फिर एक बार मैदान के चारों तरफ़ रन बनाने की अपनी कला का परिचय दिया।
उनका बख़ूबी साथ निभाया तिलक ने जो इस सीज़न की खोज बनते जा रहे हैं। नियमित रूप से बाउंड्री लगाकर उन्होंने स्कोरबोर्ड को आगे बढ़ाया। तिलक को रहाणे ने तीन रन के स्कोर पर आसान कैच टपकाकर एक जीवनदान दिया था जो अंत में केकेआर को भारी नहीं पड़ा।
49 गेंदों पर 83 रनों की इस साझेदारी ने अंतिम ओवर में कायरन पोलार्ड को अपने ताक़तवर शॉट खेलने का पूरा अवसर दिया। उन्होंने कमिंस के अंतिम ओवर में 23 रन बटोरे लेकिन कमिंस ने इसकी भरपाई बल्ले के साथ कर दी।